Thursday, October 29, 2015

भारत और अफ्रीका बने हैं एक दूजे के लिए-पीएम मोदी

नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अफ्रीका फोरम समिट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अफ्रीकी देशों की यह मुलाकात दुनिया की एक तिहाई मानवजाति को एक छत के नीचे ले आई है। उन्होंने कहा, '1.25 अरब भारतीयों और 1.25 अरब अफ्रीकियों के दिलों की धड़कन एक है। यह सिर्फ भारत और अफ्रीका की मुलाकात नहीं है। आज एक-तिहाई मानवजाति के सपने एक छत के नीचे इकट्ठा हुए हैं। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका में विकास की जबरदस्त संभावनाएं हैं।

संसाधन संपन्न अफ्रीका में भारत की मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अफ्रीकी महाद्वीप के 19 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से व्यापक वार्ता की जिसमें आतंकवाद की समस्या से लड़ने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की दिशा में काम करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया।

मोदी ने अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफलता तभी मिल सकती है जब वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई हो, वहीं संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर कहा गया कि मिलकर काम करने और कड़ा रुख अपनाने का समय है। मोदी ने भारत-अफ्रीका के संबंधों को और विस्तार देने की वकालत करते हुए अफ्रीका संघ आयोग के अध्यक्ष एनडी जुमा से कहा कि भारत और अफ्रीका एक-दूसरे के लिए बने हैं।

गुरुवार को यहां आयोजित होने वाले भारत अफ्रीका फोरम शिखर-सम्मेलन में शामिल होने आए अफ्रीकी नेताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, खनन, ऊर्जा, पर्यटन और मत्स्यपालन समेत कई क्षेत्रों में भारत की सहायता की मांग की। आतंकवाद को दुनिया भर में बड़ा खतरा बताते हुए मोदी ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई में कानूनी अंतराल को समाप्त करने की जरूरत है।

मोदी ने जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे, घाना के राष्ट्रपति जॉन डी महामा, स्वाजीलैंड के राजा एमस्वाति तृतीय, बेनिन के राष्ट्रपति बोनी यायी, नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मद बुहारी, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केनयात्ता, युगांडा के राष्ट्रपति योवरी कागुता मुसेवेनी, लिसोथे के प्रधानमंत्री बेथुअल पी मोसिसिली समेत अफ्रीकी नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत की। उन्होंने गिनी के राष्ट्रपति अल्फा कोंडे, जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर, नाइजर के राष्ट्रपति आई महमादू, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जी जुमा और मोजांबिक के प्रधानमंत्री कार्लोस अगस्टिन्हो डो रोजारियो से भी मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने 19 द्विपक्षीय वार्ताओं की चर्चा करते हुए कहा, ‘यह एक तरह का नया रिकॉर्ड है’। उन्होंने कहा कि सारी बैठकें अच्छी तरह से हुर्इं। नाइजीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात में मोदी ने वहां की जेल में बंद भारतीय चालक दल के 11 सदस्यों से जुड़ी न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया। नाइजर के राष्ट्रपति ने भारत को यूरेनियम बेचने का प्रस्ताव दिया और अपने तेल क्षेत्र में भारत से बड़े निवेश की मांग की।

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने मोदी से मुलाकात में वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनाया गया संयुक्त राष्ट्र का ढांचा 21वीं सदी में प्रासंगिक नहीं हो सकता। जुमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में और खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सभी समान विचार वाले देशों का साथ में आना अहम है। उनका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के वीटो अधिकारों की वजह से सीरियाई संकट समेत दुनिया के कई संघर्षों का समाधान नहीं निकल सका।

स्वरूप के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर लगभग सभी अफ्रीकी नेता भारत के साथ थे और उनका कहना था कि दुनिया की एक तिहाई आबादी को निर्णय लेने की प्रक्रिया से दूर नहीं रखा जा सकता। मोदी से मुलाकात में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष रॉबर्ट मुगाबे ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों और आतंकवाद के खतरे समेत समान हित के मुद्दों पर चर्चा की।
 
मुगाबे भारत अफ्रीका फोरम समिट के लिए सह-अध्यक्ष हैं और उन्होंने मोदी के साथ सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की। मोदी और नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी की मुलाकात में उस देश में भारत की तेल खोजने की परियोजनाओं से जुड़े मामलों पर और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का विषय भी आया।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी तेल और गैस भंडार वाले अधिकतर देशों के साथ बैठकों मेंं मोदी के साथ मौजूद रहे। केन्या, युगांडा, नाइजर समेत कई देशों ने भारत से आतंकवाद से निपटने में और रक्षा संबंधों को विस्तार देने में गहन सहयोग की मांग की।

अफ्रीकी देशों के राष्ट्रप्रमुखों की पत्नियों को गुरुवार को अक्षरधाम स्वामी नारायण मंदिर दिखाया जाएगा, साथ ही अफ्रीकी सोलर-दादियों से मुलाकात कराई जाएगी। सोलर दादी के नाम से ज्ञात इस योजना के तहत अफ्रीकी महिलाओं को अपने गांवों को रोशन करने के लिए भारतीय सौर लालटेन चलाने की तकनीक और इनके रखरखाव की विधि बताई जाएगी। सोलर दादियों को अफ्रीका के घोर गरीब गांवों से चुन कर लाया गया है, जहां बिजली का नामोनिशान नहीं है। इन सोलर दादियों को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह योजना 5 साल पहले शुरू की गई थी। इस योजना से अफ्रीका के 36 देशों के 160 गांवों को अब तक रोशन किया जा सका है।

No comments:

Post a Comment