Thursday, October 29, 2015

पैंट्री कार वाली ट्रेनों में मिलेगा यात्रियों को ई-कैटरिंग का लाभ

नई दिल्ली (सं.सू.)। ट्रेनों में खाने की क्वालिटी और मनमाने दामों से परेशान यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर। अगर आपको पैंट्री कार वाली अपनी ट्रेन का खाना पसंद नहीं है या कैटरिंग कांट्रैक्टर के बर्ताव से असंतुष्ट हैं तो अगले स्टेशन पर ई-कैटरिंग के जरिए बाहर का ब्रांडेड खाना मंगा सकते हैं। हालांकि यह खाना आपकी सीट पर नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको ट्रेन के दरवाजे या प्लेटफार्म तक जाने की जहमत उठानी पड़ेगी।

रेलवे ने आइआरसीटीसी की ई-कैटरिंग सेवा फूड ऑन ट्रैक का विस्तार किया है। इसके तहत वेब, फोन या एसएमएस के जरिए पहले से आर्डर करने वाले ट्रेन यात्री अगले स्टेशन पर अपनी पसंद का ब्रांडेड पैकेटबंद खाना ट्रेन के दरवाजे या प्लेटफार्म पर डिलीवरी मैन से प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि नियमानुसार पैंट्री कार वाली ट्रेनों में बाहरी कैटरिंग कंपनियों के खाना डिलीवर करने वाले आदमियों को ट्रेन के भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। वैसे यह सुविधा बिना पैंट्री कार वाली ट्रेनों में भी उपलब्ध होगी। फिलहाल 45 स्टेशनों पर यह नई ई-कैटरिंग सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें हावड़ा, सियालदह, गुवाहाटी, न्यू जलपाईगुड़ी, पटना, भुवनेश्वर, मुगलसराय, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ एनआर, लखनऊ जंक्शन, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन, नई दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, लुधियाना, आगरा कैंट, ग्वालियर, झांसी, भोपाल जैसे स्टेशन शामिल हैं। वैसे यात्री प्लेटफार्म पर आइआरसीटीसी के फूड प्लाजा और फास्ट फूड यूनिटों से किफायती जन आहार भी खरीद सकते हैं।

रेल मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्टेशन आधारित ई-कैटरिंग का मकसद पैंट्री कार वाली ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारना और कैटरिंग कांट्रैक्टर्स की मनमानी पर अंकुश लगाना है। क्योंकि जब खाने या व्यवहार से असंतुष्ट यात्री बाहर का खाना मंगवाएंगे तो कांट्रैक्टर के होश अपने आप ठिकाने आ जाएंगे और वह क्वालिटी व सेवा पर ध्यान देने को विवश होगा। यदि स्कीम कामयाब रही तो आगे चलकर राजधानी, शताब्दी जैसी उन ट्रेनों के यात्रियों को भी यह विकल्प मिल सकता है, जिनमें खाने की कीमत किराये में जुड़ी होती है। इसके लिए बुकिंग के वक्त ई-कैटरिंग का विकल्प देना होगा। तब किराये में खाने की कीमत नहीं जोड़ी जाएगी। इससे पहले ई-कैटरिंग की सुविधा केवल बिना पैंट्री कार वाली 1516 ट्रेनों में (सीट पर) उपलब्ध थी। पैंट्री कार वाली ट्रेनों के यात्रियों को इसकी सुविधा नहीं थी।

   

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