Monday, November 23, 2015

रॉबर्ट वाड्रा भूमि सौदों की हो सकती है सीबीआइ जांच

चंडीगढ़ (सं.सू.)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा द्वारा भाजपा पर राजनीतिक कारणों से हमले करने के आरोप लगाए जाने के बाद प्रदेश सरकार आक्रामक हो गई है। आरोपों को खारिज करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ढींगरा आयोग की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर वाड्रा को हर सूरत में जेल भेजने का एलान कर दिया है। दूसरी तरफ राजनीतिक पासा फेंकते हुए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीबीआइ जांच की मांग करने की चुनौती भी दे डाली है।1जमीन सौदों में अनियमितताएं बरतने का लंबे समय से आरोप ङोल रहे वाड्रा के मुंह खोलते ही भाजपा हमलावर भी हो गई है। प्रदेश की राजनीति में वाड्रा एक बड़ा मुद्दा बन चुके हैं। गुड़गांव में डीएलएफ के साथ सौदों और तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा भूमि की उपयोगिता बदले जाने पर गंभीर सवाल उठे हैं। रविवार को वाड्रा ने समाचार एजेंसी से साक्षात्कार में भाजपा पर राजनीति कारणों से तंग करने के आरोप लगाए थे।

विज ने कहा कि वाड्रा ने आज तक जो भी हासिल किया, वह राजनीति की बदौलत ही किया है। वाड्रा राजनीतिक पुर्जा हैं। जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग आरोपों की जांच कर रहा है। सरकार का जांच से कोई लेना-देना नहीं है। यदि खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी और राजस्व की चोरी के आरोप साबित होते हैं तो सरकार वाड्रा को ठोकने में देर नहीं लगाएगी। देर शाम वित्त एवं राजस्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने हुड्डा को चुनौती दी कि यदि कांग्रेस चाहे तो पूरे मामले की सीबीआइ जांच कराई जा सकती है। जानकारों के अनुसार, कैप्टन का यह बयान अनायास नहीं है। संकेत है कि सरकार के पास कुछ और प्रमाण पहुंचे हैं जिन्हें आधार बनाकर पूरे मामले की सीबीआइ जांच की तैयारी है। भाजपा के हमलावर होने के बाद कांग्रेस भी तैश में आ गई है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने अलग-अलग बयानों में कहा कि वाड्रा ने कभी कुछ गलत नहीं किया है। भाजपा के पास जब कोई मुद्दा नहीं होता तो लोगों का ध्यान भटकाने के लिए वह वाड्रा के नाम का इस्तेमाल करती है। यह पूरी तरह से राजनीतिक मामला है और जांच में कुछ भी नहीं निकलने वाला है।

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