Thursday, December 24, 2015

भारत-रूस में कामोव सहित 16 समझौते, बारह परमाणु संयंत्र भी लगाएगा रूस


मास्को (सं.सू.)। भारत और रूस ने अपने सामरिक संबंधों को और गति प्रदान करते हुए विभिन्न क्षेत्रों में 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जिसमें 200 कामोव 226टी सैन्य हेलिकॉप्टरों के संयुक्त निर्माण और 12 परमाणु संयंत्रों की स्थापना करना भी शामिल है, जिसमें भारत की स्थानीय कंपनियों की सहभागिता होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सघन वार्ता के दौरान ‘आतंकी समूहों और इसके निशाने वाले देशों के बीच बिना किसी भेदभाव और अंतर किए’ एकजुट होकर पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की जरूरत को रेखांकित किया गया। इसे एक तरह से इस बुराई के स्रोत माने जाने वाले पाकिस्तान जैसे देशों के संबंध में देखा जा रहा है।

दोनों नेताओं के बीच वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में आतंकवाद पर चिंता जताते हुए दोनों पक्षों ने इस वैश्विक बुराई के खिलाफ संयुक्त लड़ाई पर जोर दिया और इस संबंध में चुनिंदा और दोहरा मापदंड नहीं अपनाने की बात कही। पुतिन ने बताया कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रयासों का पुरजोर समर्थन करता है। पुतिन ने कहा कि वह (भारत) इसका पात्र और मजबूत उम्मीदवार है जो इस विश्व निकाय में स्वतंत्र और जिम्मेदार पहल को आगे बढ़ा सकता है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान व्यापक मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें आतंकवाद, रक्षा, सुरक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग के साथ कारोबार एवं निवेश बढ़ाने के विषय शामिल हैं। चर्चा के दौरान लोगों की आवाजाही को आसान बनाने पर भी जोर दिया गया।

बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने 16 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हुए 16 समझौतों में एक भारत में 200 कामोव हेलिकॉप्टरों के निर्माण का समझौता शामिल है। यह मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत प्रमुख रक्षा सहयोग परियोजना है। परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के बारे में मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है और भारत में दो स्थानों पर 12 रूसी रिएक्टर स्थापित करने की दिशा में भी प्रगति हो रही है। पुतिन ने कहा कि तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की दूसरी इकाई कुछ सप्ताह में चालू हो जाएगी जिसका निर्माण रूस ने किया है। इसकी तीसरी और चौथी इकाई के लिए वार्ता अग्रिम चरण में है।

परमाणु क्षेत्र में दोनों पक्षों ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भारतीय कंपनियों की सहभागिता के साथ रूसी डिजाइन वाले परमाणु रिएक्टर इकाइयों का भारत में स्थानीय तौर पर निर्माण किए जाने के बारे में एक महत्त्वपूर्ण समझौता किया। दोनों पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग रूस- भारत सामरिक संबंधों का एक महत्त्वपूर्ण आयाम है। दोनों नेताओं ने कुडनकुलम परमाणु संयत्र परियोजना की दिशा में प्रगति की सराहना की और चालू और आने वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी से काम करने पर सहमति जताई।

‘साझा विश्वास के नए आयाम’ शीर्षक के संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने रूस के सहयोग से स्थापित किए जाने वाले अतिरिक्त छह परमाणु रिएक्टर इकाइयों के लिए भारत में दूसरे स्थल की पहचान करने में हुई प्रगति का स्वागत किया। संयुक्त बयान में कहा गया कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारे सहयोग की गति बढ़ रही है। हमने दो स्थानों पर 12 रूसी परमाणु रिएक्टरों की योजना पर प्रगति दर्ज की है।

मोदी ने कहा कि समझौते से इन रिएक्टरों के संबंध में भारतीय विनिर्माण हिस्सेदारी बढ़ेगी। यह मेक इन इंडिया के मेरे मिशन का समर्थन करता है। मैं इस सहयोग के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद देता हूं। रक्षा सहयोग के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कामोव 226 हेलिकॉप्टर के निर्माण के लिए अंतर सरकारी समझौता मेक इन इंडिया मिशन के तहत प्रमुख रक्षा कार्यक्रम है। यह सही अर्थों में हमारा सबसे महत्त्वपूर्ण रक्षा सहयोगी है। उन्होंने कहा कि हमने कई अन्य रक्षा प्रस्तावों पर प्रगति की है। इससे भारत में रक्षा विनिर्माण और भारत की रक्षा तैयारी को अगली पीढ़ी के उपकरणों से लैस करने में मदद मिलेगी।

पुतिन के साथ अपनी वार्ता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने इस सामरिक गठजोड़ की प्रकृति को भविष्य के आधार के रूप में तैयार किया है। राष्ट्रपति पुतिन की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि दुनिया बदल रही है और इनके नेतृत्व में द्विपक्षीय संबंध स्थिरता के साथ प्रगति और विकास के पथ पर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं भविष्य की ओर देखता हूं तो मैं रूस को भारत के आर्थिक बदलाव में और एक संतुलित, स्थिर, समावेशी व बहुध्रुवीय दुनिया को आकार प्रदान करने में एक महत्त्वपूर्ण साझीदार के तौर पर देखता हूं।

दोनों पक्षों ने अगले 10 वर्षो में द्विपक्षीय कारोबार को 30 अरब डालर का करने की प्रतिबद्धता जताई जो अभी 10 अरब डालर का है। मोदी ने कहा कि हम भारत-यूरेशिया आर्थिक संघ मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। साझा संवाददाता सम्मेलन से पहले मोदी और पुतिन ने दोनों देशों के शीर्ष कारोबारी प्रमुखों को भी संबोधित किया। मोदी ने कहा कि दोनों देशों के निजी क्षेत्रों को और सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच आज जो समझौते हुए हैं और जो घोषणाएं हुई हैं, उससे मुझे भरोसा हुआ है कि दोनों दिशाओं से काफी निवेश होगा और कारोबार बढ़ेगा।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने सालाना द्विपक्षीय कारोबार व निवेश बढ़ाने पर जोर दिया। इन्हें लागू करने के लिए दोनों देशों की सरकारें तेजी से फैसले करेंगी तथा संबंधित नियमों एवं नियमन को उदार बनाया जाएगा।

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