Monday, December 21, 2015

द्वारे-द्वारे भटक रहे हैं निर्भया के माता-पिता,राज्य सभा में आज आएगा बिल


नई दिल्ली (सं.सू.)। दिल्ली के वसंत विहार में 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक दुष्कर्म कांड में बालिग हो चुके नाबालिग दोषी की आजादी पर कोई कानूनी शिकंजा नहीं कसा जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के समय नाबालिग होने की वजह से फांसी की सजा से बचे दोषी की रिहाई पर रोक लगाने की दिल्ली महिला आयोग की मांग खारिज कर दी।

अदालत ने आयोग की चिंता से सहमति जताते हुए स्पष्ट किया कि ऐसा कोई आदेश कानून से बाहर नहीं दिया जा सकता। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि पहले वह संसद से कानून बनवाए, फिर रिहाई के विरोध में आदेश की मांग करे। ऐसे में राज्यसभा पर जघन्य अपराधों में नाबालिगों की सजा कड़ी करने को लेकर लंबित विधेयक को पारित करने का दबाव बढ़ गया है। सरकार ने विधेयक को पारित कराने के लिए सदन में आठ, दस और 11 दिसंबर को सूचीबद्ध किया था, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण ऐसा हो न सका। अब सरकार ने किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक मंगलवार को फिर राज्यसभा में पेश करने की घोषणा की है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू के अनुसार विधेयक को कार्यवाही में शामिल करने के लिए सूचीबद्ध कर भी लिया गया है।

इस बीच निर्भया के माता-पिता विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इस बावत उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी से भेंट की और कानून को राज्यसभा से पारित करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो वे चुप नहीं बैठेंगे और पूरे देश में आंदोलन छेड़ेंगे। 

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