Saturday, January 30, 2016

केंद्र ने कहा-चीन से युद्ध जैसे हालात के चलते लगाया अरुणाचल प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन

नई दिल्ली (सं.सू.)। अरुणाचल प्रदेश में राष्‍ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सफाई दी है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पेश किए एफिडेविट में सरकार ने कहा, ‘राज्‍य में गंभीर राजनीतिक अस्थिरता’ और ‘युद्ध जैसे हालात’, जिसकी वजह से चीन की ओर से खतरा बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने 27 जनवरी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए एफिडेविट में गवर्नर जेपी राजखोवा की राष्ट्रपति को भेजी 6 रिपोर्ट्स का हवाला भी दिया है। इन रिपोर्ट्स में उन कारणों को बताया गया है, जिसके चलते प्रेसिडेंट रूल लगाया गया। गृह मंत्रालय की ओर से पेश एफिडेविट के मुताबिक, अरुणचल प्रदेश के बड़े हिस्‍से पर चीन अपना हक जताता आया है। इस क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए वह लंबे समय से घुसपैठ कर कोशिश करता रहा है। राज्‍य में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता बनी रहे, इसलिए राष्‍ट्रपति शासन लगाया गया है। इसके अलावा एफिडेविट में यह भी कहा गया है कि राज्‍य में कानून-व्‍यवस्‍था लगभग खत्‍म हो गई है। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होनी है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से राष्‍ट्रपति शासन लगाए जाने के फैसले को कांग्रेस ने अदालत में चुनौती दी है। केजरीवाल, जेडीयू समेत दूसरी पार्टियों ने भी इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है।

क्‍या है पूरा मामला

अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 42 में से 21 विधायक बागी हो गए हैं। 16-17 दिसंबर को सीएम नबाम टुकी के कुछ विधायकों ने बीजेपी के साथ नो कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया था, जिसमें सरकार की हार हुई। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सरकार असेंबली भंग करने के मूड में नहीं थी और जोड़-तोड़ की तमाम कोशिशें करने में लगी हुई थी। पूर्व सीएम नबाम टुकी के कहा कि अरुणाचल के लोग इस फैसले से नाराज हैं। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट में न्‍याय मिलेगा। बीते रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई कैबिनेट मीटिंग में इस पर चर्चा हुई थी। बाद में, राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश को राष्‍ट्रपति के पास भेज दिया गया था। गृह मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को राष्‍ट्रपति से मिले थे और उन्हें बताया था कि केंद्र ने अरुणाचल में क्यों राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश कर ही है।

अरुणाचल प्रदेश की असेंबली में कुल 60 सीटें हैं। 2014 में हुए इलेक्शन में कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं। बीजेपी के 11 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश (PPA) को पांच सीटें मिलीं। पीपीए के 5 एमएलए कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके बाद सरकार के पास कुल 47 एमएलए हो गए। लेकिन मौजूदा हालात में सीएम टुकी के पास सिर्फ 26 विधायकों का ही समर्थन है। सरकार बचाने के लिए कांग्रेस को कम से कम 31 विधायकों का समर्थन चाहिए।

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