हाजीपुर (सं.सू.)। महज ढ़ाई लाख रुपए के कारण इंजीनियर अंकित की हत्या कर दी गई। वैशाली एसपी राकेश कुमार ने रविवार को इस हत्याकांड में एक बड़ा खुलासा किया। अंकित हत्याकांड में पुलिस गिरफ्त में आए दो लोगों में से प्रभात कुमार पिता हरिश्चन्द्र मिश्रा, झारखंड के रांची में सदर थाना क्षेत्र के बूटीमोड़ गणपति अपार्टमेंट में रहता है। वह मूल रूप से बेगूसराय जिले का रहने वाला है। दूसरा वैशाली जिले का रामजी पटेल, पिता योगेन्द्र सिंह है। यह औद्योगिक थाना क्षेत्र का रामपुर नौसहन गांव का रहने वाला है। ये दोनों ठेकेदार हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने रविवार को दोनों को जेल भेज दिया।
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर से अहियापुर के शेखपुर निवासी स्व. शत्रुध्न झा के पुत्र व रिलायंस में बिहार-झारखंड के क्वालिटी इंजीनियर अंकित कुमार झा को प्रभात कुमार 27 दिसंबर की रात पटना ले जाने के बहाने घर से बुलाया था। एसपी श्री कुमार ने बताया प्रभात इंजीनियर अंकित के शेखपुर मोहल्ला स्थित घर में किराए पर रहता था और हत्या के एक दिन पहले मकान खाली करके सारा सामान लेकर भाग गया था। बताया जाता है कि इंजीनियर ने एक अपार्टमेंट में कुछ पैसे लगाए थे। बिल्डर प्रभात से उसका पैसों का लेनदेन होता था। ढाई लाख रुपए के लेन-देन के एक मामले में इंजीनियर अंकित को प्रभात लगातार जान मारने की धमकी दे रहा था।
पुलिस का कहना है कि दोनों में अनबन होने पर प्रभात ने अंकित की हत्या करवाने की योजना बनाई। प्रभात और रामजी पटेल 27 दिसंबर की रात उन्हें पटना ले जाने के बहाने घर से बुलाकर ले गए और वैशाली जिले के बरांटी ओपी क्षेत्र के चकबीबी गांव के समीप गला काटकर फेंक दिया। 28 फरवरी की सुबह अंकित की लाश मिली थी। इंजीनियर अंकित गोपालगंज में थे और 27 की रात उन लोगों के बुलावे पर मुजफ्फरपुर आए थे। अंकित के घर से निकलने के बाद से ही अंकित का मोबाइल और बिल्डर प्रभात का दोनों मोबाइल बंद हो गया।
इंजीनियर अंकित की हत्या करने के बाद बिल्डर प्रभात रांची भाग कर चला गया था। वह बचने के लिए पहले बेगूसराय गया उसके बाद भागलपुर गया और वहां से फिर बांका गया। फिर दुमका गया और फिर रांची गया। उसके बाद हजारीबाग गया और फिर दुमका चला गया।
बिल्डर प्रभात का मोबाइल बंद हो जाने से पुलिस को इसको पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन महुआ थानाध्यक्ष, बरांटी ओपी अध्यक्ष, गोरौल थानाध्यक्ष आदि ने मोबाइल सीडीआर के आधार दुमका से प्रभात कुमार गिरफ्तार किया गया। प्रभात की गिरफ्तारी के बाद रामजी पटेल को गिरफ्तार किया गया।
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