Tuesday, January 26, 2016

गांधी मैदान में रामनाथ कोविंद ने पढ़ा राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण!


पटना (सं.सू.)। अभी तक तो विधानमंडल में अभिभाषण के समय ही राज्यपाल राज्य सरकार द्वारा तैयार भाषण पढ़ते रहे हैं लेकिन लगता है कि बिहार के राज्यपाल ने गणतंत्र दिवस संबोधन के लिए भी अपना भाषण राज्य सरकार से ही तैयार करवाया।

राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि बिहार के विकास के लिए विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है। यह राज्य के 11 करोड़ जनता की मांग है। जब तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल जाता, राज्य सरकार की मुहिम जारी रहेगी।

मंगलवार को 67वें गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐतिहासिक गांधी मैदान में राज्यपाल ने राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में बिहार में हो रहे विकासात्मक कार्यों की चर्चा की। कहा कि नीति आयोग की ओर जारी हालिया रिपोर्ट में बिहार को तेजी से विकसित करने वाला राज्य बताया गया है। न्याय के साथ विकास, समावेशी विकास की राह पर चल रहे बिहार में सरकार की कोशिश है कि सबों को बराबरी का अवसर मिले।

बिहार भी विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो, इसकी कोशिश हो रही है। विकसित बिहार बनाने के लिए सुशासन के कार्यक्रम 2015-2020 तय किए गए हैं। सरकार के सात निश्चयों का जिक्र करते हुए कहा कि सुशासन के कार्यक्रम में इसे भी शामिल किया गया है।

सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 फीसदी आरक्षण दे दिया गया। बाकी छह निश्चयों में आर्थिक हल-युवाओं पर बल,  तकनीकी शिक्षा, हर घर में बिजली का मुफ्त कनेक्शन, घर-घर नल का पानी, गली-नली पक्की व हर घर में शौचालय बनाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। तय समय में इसे पूरा करने के लिए बिहार विकास मिशन का गठन किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि बिहार में कानून का राज है और रहेगा। राज्य में शांति व्यवस्था, साम्प्रदायिक सद्भाव कायम है। कानूनी प्रावधानों के अनुसार अपराध पर नियंत्रण हो रहा है। संगठित अपराध के खिलाफ कड़ाई से कानूनी प्रावधानों के तहत अमल हो रहे हैं। भ्रष्टाचार को समूल नष्ट करने के लिए जीरो टाॠलरेंस की नीति अपनाई गई है।

अवैध तरीके से कमाई संपत्ति को जब्त किया जा रहा है। लोगों की शिकायतों का तय समय में निबटारा के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम लाया गया है। नियत समय में शिकायतों का निबटारा नहीं करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना व अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार का मूल संकल्प सर्वांगीण विकास है। दस वर्षों में 4000 करोड़ से 57 हजार करोड़ का योजनाकार पहुंचा। चालू वित्तीय वर्ष में एक लाख 20 हजार करोड़ का बजट है। कर संग्रहण में तेजी आई है। इंद्रधनुषी क्रांति के लिए कृषि को प्राथमिकता में रखते हुए रोड मैप पर काम हो रहा है। कई अनाज के उत्पादन में बिहार राष्ट्रीय औसत को पार कर चुका है। शिक्षा के क्षेत्र में काम हो रहे हैं। साईिकल-पोशाक योजना का आकार बढ़ा है। हर पंचायत में हाईस्कूल खोला जा रहा है। कुलपतियों के साथ बैठक में उच्च शिक्षा में परीक्षा कैलेंडर का पालन, कंम्प्यूटर का प्रयोग, चयनित कॉलेजों को सेंटर आॠफ एक्सेलेंस बनाने का निर्णय हुआ है।

एक अप्रैल से नई उत्पाद नीति के तहत राज्य में देसी व मसालेदार शराब की बिक्री बंद हो जाएगी। गांवों में विदेशी शराब की भी बिक्री नहीं होगी और बाकी स्थानों में सीमित क्षेत्रों में सरकार की एजेंसी इसकी बिक्री करेगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में दूसरे चरण में विशेष चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने की कोशिश हो रही है। पांच साल में एक करोड़ युवाओं को ट्रेंड आधारित विषयों में रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिए जाएंगे।

राज्य में 308 चालू व 183 औद्योगिक इकाईयों पर चल रहे काम के कारण 7873 करोड़ का निवेश हो चुका है। ग्रामीण कार्य व पथ निर्माण विभाग ने 69700 किलोमीटर सड़क बनाए और पांच घंटे में राजधानी आने के लक्ष्य को पूरा करने की कार्रवाई चल रही है। समारोह में राज्यपाल ने सशस्त्र बलों के परेड का निरीक्षण किया और 13 विभागों की झांकियों को देखा। मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित राज्य के गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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