Tuesday, January 26, 2016

'हिन्दुस्तान' को बिहार चुनावों की सर्वोत्तम कवरेज के लिए मिला राष्ट्रीय पुरस्कार


नई दिल्ली (सं.सू.)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अग्रणी हिन्दी अखबार 'हिन्दुस्तान'को बिहार विधानसभा चुनावों में सर्वोत्तम कवरेज के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है।

सोमवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर यहां मानेकशा सेंटर में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में राष्ट्रपति से यह पुरस्कार बिहार संस्करण के वरिष्ठ स्थानीय संपादक डा. तीर विजय सिंह ने ग्रहण किया। पुरस्कार में प्रशस्ति पत्र तथा एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

अखबार को यह पुरस्कार 2015 में हुए बिहार विधानसभा के चुनावों के दौरान विशेष अभियान 'आओ राजनीति करें'चलाकर मतदाताओं को जागरूक करने तथा मतदान में उनकी जबरदस्त भागीदारी बढ़ाने के लिए दिया गया। हर वर्ष 25 जनवरी को निर्वाचन आयोग अपना स्थापना दिवस मतदाता दिवस के रूप में मनाता है।

समारोह में सर्वोत्तम चुनाव व्यवहार की श्रेणी में नवाचार के लिए पुरस्कार गया के जिला निर्वाचन अधिकारी संजय कुमार अग्रवाल को दिया गया। इन्होंने अपने अभियान के जरिये चुनाव में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई। वहीं मतदाता शिक्षा तथा भागीदारी बढ़ाने के लिए पुरस्कार पश्चिम चंपारण तथा पश्चिम सिंहभूम झारखंड के जिला निर्वाचन अधिकारी क्रमश: लोकेश कुमार सिंह और अबूबकर सिदकी को संयुक्त रूप से दिया गया। सर्वोत्तम सुरक्षा व्यवस्था देने के लिए गया के एसएसपी मनुमहाराज को भी पुरस्कृत किया गया।

पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर की जिला निर्वाचन अधिकारी अंतरा आचार्य को मतदाता सूची प्रबंधन के लिए पुरस्कृत किया गया। विशेष अवार्ड की श्रेणी का पुरस्कार पूर्णिया के जिला निर्वाचन अधिकारी बालामुरुगन को दिया गया। इसमें उन्हें प्रशस्ति पत्र तथा 40,000 रुपये दिए गए।

दिल्ली में चुनावों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने तथा अवैध सामग्री की प्रभावी रोकथाम के लिए दिल्ली पुलिस के डीसीसी शरत कुमार सिन्हा को सम्मानित दिया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र तथा 40, 000 रुपये दिए गए।

इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, चुनाव आयुक्त एके जोती, चुनाव आयुक्त ओमप्रकाश रावत तथा अयोग के निदेशक धीरेंद्र ओझा मौजूद थे। पुरस्कार समारोह के बाद आयोग ने इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेसी  एंड इलेक्शन मैनेजमेंट की नई इमारत का द्वारका के सेक्टर 22 में उद्धाटन किया। इस इमारत को 120 करोउ़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस संस्थान में अनेक एशियाई देशों के निर्वाचन अधिकारी शिक्षा प्रजातंत्र के गुर सीखते हैं।

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