पटना (सं.सू.)। राज्य में गंगा पर आठवें पुल के निर्माण का काम रविवार को शुरू हो गया। कच्चीदरगाह और बिदुपुर के बीच बनने वाले इस पुल के काम का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इसके लिए राघोपुर के मोहनपुर में रविवार को होने वाले आयोजन में उप मुख्यमंत्री और पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव भी उपस्थिति थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार के गांव स्मार्ट सिटी से भी सुंदर होंगे। गांवों में वह सारी सुविधाएं होंगी, जिनके लिए लोग शहर जाते हैं। 12वीं से आगे पढ़ाई करने वाले छात्रों को चार लाख का क्रेडिट कार्ड सरकार देगी। राजनीति विकास के लिए होनी चाहिए। राज्य में पांच साल में इतना काम होगा कि विरोधी छाती पीटते रह जाएंगे। वह राघोपुर के मोहनपुर में रविवार को गंगा पर देश के सबसे लंबे छह लेन पुल के निर्माण कार्य का शुभारंभ करने के बाद सभा में बोल रहे थे। इस मौके पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि योजनानुसार 4 सालों में गंगा पर बनने वाला यह नया पुल गांधी सेतु का विकल्प होगा। राज्य सरकार के पैसे से बनने वाला छह लेन का यह पुल राज्य की सबसे बड़ी एकल परियोजना है। नए पुल से राज्य के विकास के कई रास्ते खुलेंगे। उत्तर बिहार के कई शहरों की दूरी पटना से बहुत कम हो जाएगी। गंगापार हाजीपुर के समानांतर बिदुपुर तक एक नया शहर बस जाएगा। इसके अलावा पटना शहर का विकास भी पश्चिमी छोर में तेजी से होगा। कच्ची दरगाह तक का इलाका पूरी तरह कॉमर्शियल हो जाएगा। साथ ही पुराने ट्रांसपोर्ट नगर के एक विकसित रिहायसी इलाके में तब्दील होने की संभावना बढ़ जाएगी।
समस्तीपुर और बेगूसराय सहित कई जिलों के प्रमुख शहरों की दूरी सिमट जाएगी। समस्तीपुर की दूरी तो पटना से मात्र 60 किलोमीटर के आसपास हो जाएगी। अभी वहां जाने के लिए लगभग 90 किलामीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। इसी तरह बेगूसराय, दलसिंहसराय और कई दूसरे शहरों की भी दूरी सिमट जाएगी। गांधी सेतु बनने के बाद हाजीपुर का काफी तेजी से विकास हुआ। कई बड़ी संस्थाएं हाजीपुर में खुल गईं। साथ ही हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में भूखंडों की मांग बढ़ गई। अब नए पुल से हाजीपुर शहर का विकास बिदुपुर तक हो जाएगा। वह पटना का नया सेटेलाइट शहर बनेगा। निर्माण की गतिविधियां तेज होंगी। अभी दक्षिण बिहार के साथ झारखंड इलाके से आने वाले बड़े वहानों को गंगापार करने में बड़ी परेशानी होती है। ट्रांसपोर्ट नगर में बड़े वहनों पर आने वाली निर्माण सामग्री को छोटे-छोटे ट्रकों पर लादकर गंगा पार किया जाता है, क्योंकि गांधी सेतु और मोकामा के राजेन्द्र सेतु दोनों बड़े वाहनों के लिए बंद हैं। इससे माल ढोने में लागत बढ़ जाती है, साथ ही परेशानी भी। नए पुल से माल की कीमत तो घटेगी ही परेशानी कम होने से निर्माण का काम भी तेज होगा।
पुल निर्माण का ठेका कोरिया की कंपनी देवू और भारत की कंपनी एल एंड टी को दिया गया है। लगभग 4988 करोड़ की लागत वाले इस पुल का निर्माण राज्य पथ विकास निगम की देखरेख में हो रहा है। छह लेन वाला यह पुल निर्माण के बाद भारत का सबसे बड़ा नदी सड़क पुल होगा। इस योजना के तहत निर्माण की कुल लंबाई 22.76 किमी है, जिसमें से 9.76 किमी हिस्सा पुल का है।
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