Wednesday, February 24, 2016

सरकार नहीं मानती जेएनयू राष्ट्रविरोधियों का अड्डा है-राजनाथ सिंह


नयी दिल्ली (सं.सू.)। लोकसभा में जेएनयू विवाद पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, स्मृति ईऱानी ने वो सारी बातें कह दी जो कहनी चाहिए। न सिर्फ इस सदन के लिए बल्कि पूरे देश के लिए उनका भाषण आंख खोलने वाला है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,  हमारी सरकार कभी नहीं मानती की जेएनयू राष्ट्रद्रोहियों का अड्डा है।

यहां अलग- अलग क्षेत्रों से लोग आते हैं। प्रतिभावान छात्रों को मौका मिलता है। छात्र किसी भी विश्वविद्यालय की पूंजी होती है। छात्र का जीवन आंदोलनकारी होता है। उन्हें किसी भी मामले पर अपनी बात रखने और विरोध दर्ज कराने की आजादी है लेकिन इसकी सीमा है।

अगर वो सीमा पार होगी तो कोई भी इसे माफ नहीं करेगा। सरकार की जेएनयू मामले में कोई भूमिका नहीं है। पुलिस अगर इस मामले की जांच सही करती है तो अदालत इस पर कार्रवाई करेगी। सदन को इतना मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी निर्दोष छात्र को तकलीफ नहीं होने देगी। जेएनयू में भारत विरोधी जो नारे लगाये गये उसके खिलाफ पूरा देश है। इससे ज्यादा मुझे कहने की आवश्यकता नहीं है। जब भी मैं कहता हूं तो मैं सबूतों के आधार पर कहता है।

जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय विवाद में सरकार ने जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर राजनीतिक अवसरवादिता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जेएनयू के कुछ छात्रों पर लगे देशद्रोह के आरोपों पर बहस हो सकती है, लेकिन ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही करेगी।

गृह मंत्री ने कहा, मैं आश्वासन देता हूं कि किसी भी छात्र को परेशान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पटियाला हाउस कोर्ट में जो कुछ हुआ (कन्हैया और पत्रकारों पर हमला) उसके दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि 9 फरवरी को जेएनयू में जो नारे लगाए गए, सारा देश उससे असहमत है और सदन ने भी उसकी निंदा की है। मामला अदालत में है और हमें अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

राजनाथ ने कहा, देशद्रोह के आरोप पर बहस हो सकती है, लेकिन हमें बहस करने की जरूरत नहीं है। ये आरोप सही हैं या गलत, इसका फैसला अदालत ही कर सकती है और गलत पाए जाने वह उसे बरी करेगी।

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