नई दिल्ली (सं.सू.)। केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों की महिला सदस्य के नाम से एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए एक मिशन आरंभ करने का निर्णय लिया है। इस एलपीजी कनेक्शन को उपलब्ध कराने की आरंभिक लागत पूरी करने के लिए इस वर्ष के बजट में 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे वर्ष 2016-17 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लगभग 1।5 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। यह योजना कम से कम दो वर्ष तक जारी रहेगी, ताकि इसके तहत पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल किया जा सके। इस योजना से पूरे देश में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित होगी।
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों की महिला सदस्य के नाम से एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए एक मिशन आरंभ करने का निर्णय लिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और उनके स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी। इससे खाना बनाने की आपूर्ति श्रृंखला में ग्रामीण लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होंगे। वित्त मंत्री ने 75 लाख मध्यीवर्गीय और निम्नल मध्यहवर्गीय परिवारों की सराहना की और उनके प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आम बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी गरीबों के लिए विशेष प्रावधानों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्पित है। देश में गुर्दे की बीमारियों के शिकार लोगों की बढती संख्या को देखते हुए सरकार ने ‘राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम' की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत सभी जिला अस्पतालों में डायसिलिस सेवाएं मुहैया काराई जायेंगी। वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्ताव पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘भारत में प्रति वर्ष गुर्दे की बीमारी के अंतिम चरण में पहुंच चुके 2।2 लाख नये रोगियों की बढोत्तरी हो रही है। इसके परिणाम स्वरुप 3।4 करोड डायलिसिस सत्रों की अतिरिक्त मांग बढ गयी है।'
उन्होंने कहा, ‘भारत में लगभग 4950 डायलिसिस केंद्र हैं जो मुख्यत: निजी क्षेत्र और प्रमुख नगरों में हैं। इस वजह से केवल आधी मांग की ही पूर्ति हो पाती है। इसके अलावा प्रत्येक डायलिसिस सत्र के लिए लगभग 2000 रुपये का खर्च आता है जो प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से अधिक बैठता है।' जेटली ने कहा कि इसके अलावा अधिकतर परिवारों को डायलिसिस सेवाओं के लिए अक्सर लम्बी दूरी तय करके कई चक्कर लगाने पडते हैं जिनसे यात्राओं पर भारी खर्च होता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति का समाधान करने के लिए ‘मैं राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम' की शुरुआत करने का प्रस्ताव करता हूं। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकारी निजी भागीदारी मोड के जरिये निधियां उपलब्ध करायी जायेंगी। इसकी लागत कम करने के लिए मैं डायलिसिस उपकरणों के कुछ हिस्से पुर्जो पर बुनियादी सीमा शुल्क, उत्पाद-सीवीडी और एसएडी की छूट देने का प्रस्ताव करता हूं।'
इसके साथ ही जेटली ने कहा कि प्रति परिवार एक लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू की जा रही है। 60 साल से उपर के लोगों को इस योजना में 30,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा। उच्चस्तरीय दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,500 मेडिकर स्टोर खोले जाएंगे।
गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए सरकार एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जायेगा। इस प्रस्तावित योजना के तहत ऐसे परिवार के 60 साल से अधिक आयु वाले बीमार लोगों को 30 हजार रुपये का अतिरिक्त टॉप अप पैकेज दिया जायेगा।
वित्त वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्ताव पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘गंभीर बीमारियां अप्रत्याशित और बडे खर्च का अकेला सबसे महत्वपूर्ण कारण है जो प्रतिवर्ष लाखों परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे ले जाता है। परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की आर्थिक स्थिति पर भी भारी असर डालती है और उनकी आर्थिक सुरक्षा की बुनियाद हिला देती है।' उन्होंने कहा, ‘ऐसे परिवारों की मदद करने के लिए सरकार एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जायेगा। इस श्रेणी के 60 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए 30 हजार रुपये का एक अतिरिक्त टॉप अप पैकेज प्रदान किया जायेगा।'
वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि किफायती कीमतों पर स्तरीय औषधियां बनाना एक मुख्य चुनौती रही है और सरकार जेनेरिक औषधियों की आपूर्ति बढायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 2016-17 के दौरान तीन हजार स्टोर खोले जायेंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे वर्ष 2016-17 के दौरान गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लगभग 1।5 करोड़ परिवारों को लाभ होगा। यह योजना कम से कम दो वर्ष तक जारी रहेगी, ताकि इसके तहत पांच करोड़ बीपीएल परिवारों को शामिल किया जा सके। इस योजना से पूरे देश में रसोई गैस की सर्वसुलभ कवरेज सुनिश्चित होगी।
केंद्र सरकार ने गरीब परिवारों की महिला सदस्य के नाम से एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए एक मिशन आरंभ करने का निर्णय लिया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से महिलाओं का सशक्तिकरण होगा और उनके स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी। इससे खाना बनाने की आपूर्ति श्रृंखला में ग्रामीण लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होंगे। वित्त मंत्री ने 75 लाख मध्यीवर्गीय और निम्नल मध्यहवर्गीय परिवारों की सराहना की और उनके प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के आह्वान पर स्वैच्छिक रूप से रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दी है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज आम बजट पेश करते हुए स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी गरीबों के लिए विशेष प्रावधानों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्पित है। देश में गुर्दे की बीमारियों के शिकार लोगों की बढती संख्या को देखते हुए सरकार ने ‘राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम' की शुरुआत करने का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत सभी जिला अस्पतालों में डायसिलिस सेवाएं मुहैया काराई जायेंगी। वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्ताव पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘भारत में प्रति वर्ष गुर्दे की बीमारी के अंतिम चरण में पहुंच चुके 2।2 लाख नये रोगियों की बढोत्तरी हो रही है। इसके परिणाम स्वरुप 3।4 करोड डायलिसिस सत्रों की अतिरिक्त मांग बढ गयी है।'
उन्होंने कहा, ‘भारत में लगभग 4950 डायलिसिस केंद्र हैं जो मुख्यत: निजी क्षेत्र और प्रमुख नगरों में हैं। इस वजह से केवल आधी मांग की ही पूर्ति हो पाती है। इसके अलावा प्रत्येक डायलिसिस सत्र के लिए लगभग 2000 रुपये का खर्च आता है जो प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से अधिक बैठता है।' जेटली ने कहा कि इसके अलावा अधिकतर परिवारों को डायलिसिस सेवाओं के लिए अक्सर लम्बी दूरी तय करके कई चक्कर लगाने पडते हैं जिनसे यात्राओं पर भारी खर्च होता है।
उन्होंने कहा कि इस स्थिति का समाधान करने के लिए ‘मैं राष्ट्रीय डायलिसिस सेवा कार्यक्रम' की शुरुआत करने का प्रस्ताव करता हूं। सभी जिला अस्पतालों में डायलिसिस सेवा मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकारी निजी भागीदारी मोड के जरिये निधियां उपलब्ध करायी जायेंगी। इसकी लागत कम करने के लिए मैं डायलिसिस उपकरणों के कुछ हिस्से पुर्जो पर बुनियादी सीमा शुल्क, उत्पाद-सीवीडी और एसएडी की छूट देने का प्रस्ताव करता हूं।'
इसके साथ ही जेटली ने कहा कि प्रति परिवार एक लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करने के लिए एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू की जा रही है। 60 साल से उपर के लोगों को इस योजना में 30,000 रुपये का अतिरिक्त लाभ दिया जायेगा। उच्चस्तरीय दवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत 3,500 मेडिकर स्टोर खोले जाएंगे।
गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के इलाज के लिए सरकार एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जायेगा। इस प्रस्तावित योजना के तहत ऐसे परिवार के 60 साल से अधिक आयु वाले बीमार लोगों को 30 हजार रुपये का अतिरिक्त टॉप अप पैकेज दिया जायेगा।
वित्त वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्ताव पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘गंभीर बीमारियां अप्रत्याशित और बडे खर्च का अकेला सबसे महत्वपूर्ण कारण है जो प्रतिवर्ष लाखों परिवारों को गरीबी रेखा से नीचे ले जाता है। परिवार के सदस्यों की गंभीर बीमारी गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की आर्थिक स्थिति पर भी भारी असर डालती है और उनकी आर्थिक सुरक्षा की बुनियाद हिला देती है।' उन्होंने कहा, ‘ऐसे परिवारों की मदद करने के लिए सरकार एक नयी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना शुरू करेगी जिसमें प्रति परिवार एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जायेगा। इस श्रेणी के 60 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए 30 हजार रुपये का एक अतिरिक्त टॉप अप पैकेज प्रदान किया जायेगा।'
वित्त मंत्री ने साथ ही कहा कि किफायती कीमतों पर स्तरीय औषधियां बनाना एक मुख्य चुनौती रही है और सरकार जेनेरिक औषधियों की आपूर्ति बढायेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए ‘प्रधानमंत्री की जन औषधि योजना के तहत 2016-17 के दौरान तीन हजार स्टोर खोले जायेंगे।
No comments:
Post a Comment