Wednesday, May 11, 2016

उत्‍तराखंड से हटा राष्‍ट्रपति शासन, हरीश रावत सरकार हुई बहाल

नई दिल्ली (सं.सू.)। मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण के नतीजों पर आज सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन हटाने का औपचारिक ऐलान कर दिया है और इसके साथ ही डेढ़ माह से राज्य में चल रहे सियासी संकट का भी अंत हो गया। कोर्ट ने शक्ति परीक्षण के नतीजों में पाया कि सरकार के पक्ष में 33 मत पड़े जबकि 28 मत सरकार के विरोध में पड़े। इस बीच कैबिनेट ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हरीश रावत मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा, " शक्ति परीक्षण के दौरान वोटिंग के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमिताएं हुई।" अर्टानी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि उत्तराखंड में हरीश रावत ने शक्ति परीक्षण में बहुमत हासिल कर लिया है, हम उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हचा रहे हैं।

कोर्ट के आदेश बाद देहरादून में कांग्रेस कार्यालय पर जश्न का माहौल है। बताया जा रहा है कि हरीश रावत कुछ देर बाद मीडिया को संबोधित करेंगे। वहीं इस मामले पर ट्विटर के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, " उन्होंने बहुत खराब कार्य किया, हमने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, उत्तराखंड में लोकतंत्र की जीत हुई।"

They did their worst. We did our best. Democracy won in Uttarakhand!

— Office of RG (@OfficeOfRG) May 11, 2016

मंगलवार को हुए फ्लोर टेस्ट के में भाजपा और कांग्रेस दोनों के एक-एक विधायक ने अपनी पार्टी के खिलाफ वोट दिया था। भाजपा के भीमताल आर्य ने कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया जबकि सोमेश्वर से कांग्रेस की विधायक रेखा आर्या ने सदन में भाजपा का साथ दिया।

18 मार्च को राज्य विधानसभा में विनियोग विधेयक पर विपक्षी पार्टी भाजपा ने मत विभाजन की की मांग की जिसका कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया,जिसके बाद प्रदेश में राजनैतिक संकट पैदा हो गया। राज्यपाल ने हरीश रावत सरकार को 28 मार्च को बहुमत साबित करने को कहा।  इसके बाद एक निजी चैनल ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया जिसमें मुख्यमंत्री रावत खुद 28 मार्च को होने वाले विश्वास मत हासिल करने के लिए पार्टी के बागी विधायकों के साथ कथित तौर पर सौदेबाजी करते नजर आए।

केंद्र ने इसी को आधार बनाते हुए फ्लोर टेस्ट से एक दिन यानि 27 मार्च को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ में अपील की। कोर्ट ने अपने फ़ैसले में बहुमत साबित करने की तारीख आगे बढ़ाकर 31 मार्च कर दी।

कांग्रेस द्वारा दायर की गई अपील के विरोध में केंद्र ने उत्तराखंड हाई कोर्ट की डबल बेंच में अपील की जिसके बाद कोर्ट ने 30 मार्च को शक्ति परीक्षण के अपने ही आदेश पर रोक लगा दी और सुनवाई की तारीख 6 अप्रैल तय कर दी। नैनीताल हाईकोर्ट ने 21 अप्रैल को राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दिया और कहा कि राज्य में 18 मार्च से पहले की स्थिति बनी रहेगी।     केंद्र ने इस फ़ैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की और बहुमत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे लगा दिया। इसके साथ कोर्ट ने हरीश रावत को 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित करने का भी आदेश दे दिया। कोर्ट ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त किए जाने के आदेश को बरकरार रखा। 6 मई को सुप्रीम कोर्ट कहा कि हरीश रावत 10 मई को फ्लोर टेस्ट देंगे और इस दौरान कांग्रेस के 9 बागी विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं लें सकेंगे। 10 मई को राज्य के मुख्य सचिव की देखरेख में उत्तराखंड विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ मतों को सीलबंद कर सुप्रीम कोर्ट के लिए भेज दिया गया। 11 मई 2016 को सुप्रीम ने पाया कि रावत सरकार के पक्ष में 33 और विपक्ष में 28 मत मिले हैं और इस तरह उत्तराखंड में चल रहे सियासी संकट का अंत हो गया। इसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश कर दी।

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