Friday, May 13, 2016

तमिलनाडु में बेहद मुश्किल हालात से गुजर रहा है निर्वाचन आयोग

चेन्नई (सं.सू.)। भारतीय चुनाव आयोग तमिलनाडु में बेहद मुश्किल हालात से गुजर रहा है। दक्षिणी राज्य में 16 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। इसके लिए पार्टियां मतदाताओं के बीच पैसा बांट रही हैं। आंकड़ों के मुताबिक, आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद से राज्य में करीब 100 करोड़ रुपये जब्त किए जा चुके हैं। धन वितरण पर लगाम कसने के लिए चुनाव आयोग ने राज्य में 7 हजार से ज्यादा उड़न दस्ते तैनात किए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु के साथ अन्य चार राज्यों में भी चुनाव हैं, लेकिन यहां वोटरों को प्रभावित करने के लिए बड़े पैमाने पर धन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, चुनाव में धन का दुरुपयोग रोकने के लिए चुनाव आयोग के पास बेहद कम वक्त है। सत्ताधारी एआईएडीएमके और मुख्य विपक्षी डीएमके दोनों ही पानी की तरह पैसा बहा रही हैं। खबरों के मुताबिक, दोनों पार्टियों ने मतदाताओं में पैसे बांटने का पहला दौर पूरा भी कर लिया है। इस दौरान हर वोटर को 200 से 1000 रुपये दिए गए हैं। सूचना तकनीक विभाग की मदद से चुनाव आयोग इस धन वितरण पर लगाम कसने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, पैसा बांटने की घटनाओं में तेजी आ रही है। हालंाकि चुनाव आयोग ने उड़न दस्तों की संख्या 1150 से बढ़ाकर 7062 की है। हर उड़न दस्ते में अर्धसैनिक बलों के कम से कम दो कमांडो और दो या तीन अधिकारी रहते हैं।

सख्ती के बावजूद दोनों मुख्य पार्टियां चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंकने का कोई तरीका ढूंढ लेती हैं। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में रात में बिजली गुल होने की घटनाएं सामने आई हैं। विपक्ष का आरोप है कि सत्ताधारी एआईएडीएमके पैसा बांटने के लिए बिजली गुल कराती है। इन आरोपों के मद्देनजर मुख्य चुनाव अधिकारी टीएन राजेश लखानी ने बिजली बोर्ड से जवाब मांगा है।

तमिलनाडु में 14 मई को शाम 6 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, आखिरी 48 काफी मुश्किल भरे होंगे। जानकारी के मुताबिक, डीएमके और एआईएडीएमके ने आखिरी 48 घंटों में राज्य की 100 विधानसभा सीटों में मतदाताओं के बीच पैसा बांटने की रणनीति बनाई है।

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