नई दिल्ली (सं.सू.)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और
बिहार के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के बीच ट्विटर 'डियर' शब्द के इस्तेमाल
को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। हालांकि मामले ने तूल पकड़ा तो चौधरी ने माफी
मांग ली। चौधरी ने ट्विटर स्मृति ईरानी से सवाल किया था कि नई एजुकेशन
पॉलिसी कब से लागू होगी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- 'डियर स्मृति ईरानी जी, हमें नई एजुकेशन पॉलिसी कब मिलेगी? आपके कैलेंडर में साल 2015 कब खत्म होगा?'
स्मृति ईरानी ने अशोक चौधरी के इस ट्वीट पर सवाल उठाया और कहा, 'महिलाओं को 'डियर' कहकर कब से संबोधित करने लगे अशोक जी।' इस पर अशोक चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने अपमान नहीं सम्मान की तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल किया और प्रोफशनल बातचीत की शुरुआत 'डियर' शब्द से ही होती है। उन्होंने कहा, 'स्मृति जी, मुद्दे को गोल-गोल घुमाने से अच्छा है कभी सही जवाब भी दे दिया करिए।'
केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर अशोक चौधरी को जवाब में कहा कि उनकी हर बातचीत में वह सभी के लिए 'आदरणीय' शब्द का इस्तेमाल करती रही हैं। एजुकेशन पॉलिसी के मुद्दे पर उन्होंने चौधरी को घेरने की कोशिश की और कहा कि केंद्र की ओर से बुलाई गई किसी भी रिव्यू मीटिंग में बिहार के शिक्षा मंत्री या उनके सचिव मौजूद नहीं रहे। उन्होने कहा, 'अगर आपको सच में एजुकेशन पॉलिसी की चिंता है तो अपने व्यस्त शेड्यूल से थोड़ा वक्त इसके लिए भी निकाल लीजिए।'
जवाब में अशोक चौधरी ने स्मृति ईरानी को घेरने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह झूठे वादे करने की कला सीख ली है। चौधरी ने कहा, 'स्मृति ईरानी को खुद के मंत्रालय के बारे में भी सही से जानकारी नहीं है।'
अशोक चौधरी ने कहा, 'मैंने सिर्फ डियर शब्द नहीं बल्कि डियर स्मृति जी लिखा है ये कोई बुरा शब्द नहीं। मैंने कोई गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।' चौधरी ने यह भी दावा किया कि 40 दिन पहले स्मृति ने खुद भी डियर शब्द का प्रयोग किया था।
अशोक चौधरी ने कहा, 'मैं कांग्रेस का सिपाही किसी महिला का अनादर नहीं कर सकता इसलिए अगर उन्हें आपत्ति हुई है तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं लेकिन जानता हूं न तो ये शब्द अनादर का है न ही आपत्तिजनक फिर भी उन्होंने इस पर आपत्ति जताई इसलिए अगर उन्हें ठेस लगी है तो मैं क्षमा मागता हूं। वो महिला हैं, देश की शिक्षा मंत्री हैं, उनको अगर ठेस पंहुची है तो हम क्षमा मांगते हैं।'
हालांकि इस सब के बीच चौधरी दलित कार्ड खेलना नहीं भूले। उन्होंने कहा, 'वो dear शब्द का इस्तेमाल करें तो ठीक लेकिन हम करें तो आपत्ति। लगता है अभी दलित विरोधी मानसिकता से उबर नहीं पाई है स्मृति ईरानी।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- 'डियर स्मृति ईरानी जी, हमें नई एजुकेशन पॉलिसी कब मिलेगी? आपके कैलेंडर में साल 2015 कब खत्म होगा?'
स्मृति ईरानी ने अशोक चौधरी के इस ट्वीट पर सवाल उठाया और कहा, 'महिलाओं को 'डियर' कहकर कब से संबोधित करने लगे अशोक जी।' इस पर अशोक चौधरी ने जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने अपमान नहीं सम्मान की तौर पर इस शब्द का इस्तेमाल किया और प्रोफशनल बातचीत की शुरुआत 'डियर' शब्द से ही होती है। उन्होंने कहा, 'स्मृति जी, मुद्दे को गोल-गोल घुमाने से अच्छा है कभी सही जवाब भी दे दिया करिए।'
केंद्रीय मंत्री ने एक बार फिर अशोक चौधरी को जवाब में कहा कि उनकी हर बातचीत में वह सभी के लिए 'आदरणीय' शब्द का इस्तेमाल करती रही हैं। एजुकेशन पॉलिसी के मुद्दे पर उन्होंने चौधरी को घेरने की कोशिश की और कहा कि केंद्र की ओर से बुलाई गई किसी भी रिव्यू मीटिंग में बिहार के शिक्षा मंत्री या उनके सचिव मौजूद नहीं रहे। उन्होने कहा, 'अगर आपको सच में एजुकेशन पॉलिसी की चिंता है तो अपने व्यस्त शेड्यूल से थोड़ा वक्त इसके लिए भी निकाल लीजिए।'
जवाब में अशोक चौधरी ने स्मृति ईरानी को घेरने की कोशिश की और कहा कि उन्होंने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह झूठे वादे करने की कला सीख ली है। चौधरी ने कहा, 'स्मृति ईरानी को खुद के मंत्रालय के बारे में भी सही से जानकारी नहीं है।'
अशोक चौधरी ने कहा, 'मैंने सिर्फ डियर शब्द नहीं बल्कि डियर स्मृति जी लिखा है ये कोई बुरा शब्द नहीं। मैंने कोई गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।' चौधरी ने यह भी दावा किया कि 40 दिन पहले स्मृति ने खुद भी डियर शब्द का प्रयोग किया था।
अशोक चौधरी ने कहा, 'मैं कांग्रेस का सिपाही किसी महिला का अनादर नहीं कर सकता इसलिए अगर उन्हें आपत्ति हुई है तो मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं लेकिन जानता हूं न तो ये शब्द अनादर का है न ही आपत्तिजनक फिर भी उन्होंने इस पर आपत्ति जताई इसलिए अगर उन्हें ठेस लगी है तो मैं क्षमा मागता हूं। वो महिला हैं, देश की शिक्षा मंत्री हैं, उनको अगर ठेस पंहुची है तो हम क्षमा मांगते हैं।'
हालांकि इस सब के बीच चौधरी दलित कार्ड खेलना नहीं भूले। उन्होंने कहा, 'वो dear शब्द का इस्तेमाल करें तो ठीक लेकिन हम करें तो आपत्ति। लगता है अभी दलित विरोधी मानसिकता से उबर नहीं पाई है स्मृति ईरानी।
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