Friday, July 1, 2016

एक्‍टर इरफान खान बोले- बकरे काटने से कबूल नहीं होती दुआ, ये गलत है

जयपुर (सं.सू.)। बॉलीवुड में अपनी संजीदा अदाकारी के लिए मशहूर अभिनेता इरफान खान ने ईद पर होने वाली कुर्बानी को लेकर बेबाक बयान दिया है। बुधवार को जयपुर में अपनी आने वाली फिल्म ‘मदारी’ के प्रमोशन के लिए गए इरफान ने कहा, बाजार से खरीदे गए बकरों से कुर्बानी कबूल नहीं होती।

इरफान के मुताबिक, ‘कुर्बानी का असली मतलब अपनी कोई प्यारी चीज कुर्बान करना होता है, ऐसी चीज जिससे आपका कोई रिश्ता जुड़ा हो जो आपको सबसे ज्यादा पसंद हो। लिहाजा इरफान के मुताबिक ये गलत है कि ईद से दो दिन पहले बकरा खरीद लें और उसकी कुर्बानी दी जाए। जब आपको उन बकरों से कोई लेना-देना नहीं है तो वो कुर्बानी कहां से हुई? उन्होंने कहा कि इससे कौन-सी दुआ कुबूल होती है? हर आदमी अपने दिल से पूछे कि किसी और की जान लेने से उसको कैसे पुण्य मिल जाएगा।’

श्री खान इतने पर ही नहीं रूके और कहा कि भूखे रहना रोजा नहीं बोता, बल्कि असली मकसद अपने अंदर झांकना है। हमारे यहां जितनी भी परंपराएं और त्योहार हैं हम उनका असली मतलब भूल गए हैं। हमने उनको तमाशा बना दिया है।

श्री खान ने आगे कहा कि मुहर्रम एक दुख का मौका होता है। लेकिन कुछ लोगों ने इस मौके को भी सर्कस में बदल दिया है।

इरफान ने कहा कि मुसलमानों को इस्लाम के नाम पर मचाई जा रही दहशतगर्दी के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। अभी मुसलमान आवाज़ क्यों नहीं उठा रहे हैं? उनके मजहब नाम पर दहशतगर्दी हो रही है तो यह मुसलमानों का धर्म बनता है कि उसके खिलाफ आवाज उठाएं।

इरफान ने आगे कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं किसी ऐसे देश में नहीं रहता जहां धार्मिक कानून चलता है। मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है। इरफान ने कहा कि भारत में ज्यादातर धर्मों के लोगों ने अपने रीति-रिवाजों का गलत मतलब समझ लिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म का सम्मान तभी होगा जब हमें उसके बारे में पूरी जानकारी होगी।

बता दें कि 15 जुलाई को इरफान की आने वाली फिल्म ‘मदारी’ रिलीज होने वाली है। फिल्म में इरफान ही लीड रोल में हैं, जो अपने बेटे की मौत का बदला लेने के लिए गृह मंत्री के बेटे का अपहरण कर लेता है। फिल्म को निशिकांत कामत ने डायरेक्ट किया है।

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