शहीदी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह ने हर तबके को जोड़ने का काम किया। कार्यक्रम में पीएम ने एक किताब का विमोचन भी किया। इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी मौजूद थे। इस मौके पर बाबा बंदा सिंह बहादुरजी पर हाल में जारी किया गया स्मारक सिक्का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। पिछले माह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बंदा सिंह बहादुर की 300वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में चांदी का एक स्मारक सिक्का जारी किया था।
बाबा बंदा सिंह की 300वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें महान योद्धा और कुशलक प्रशासक बताया। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह महान योद्धा होने के साथ-साथ संवेदनशील भी थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले दिनों अखबारों में विज्ञापन देकर घोषणा की थी कि बारापुला फ्लाईओवर का नाम बंदा सिंह बहादुर के नाम पर रखा जाएगा। यह घोषणाएं और स्मरणोत्सव उस वक्त हो रहे हैं, जब अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होना है। बंदा सिंह बहादुर का जन्म 1670 में राजौरी (अब जम्मू एवं कश्मीर) में एक राजपूत परिवार में हुआ था। वह बहुत कम उम्र में ही गुरु गोबिंद सिंह के शिष्य बन गए थे और हिन्दुओं पर हो रहे मुगल अत्याचार का सामना करने के लिए एक सेना बनाई थी। बाद में फर्रूखशियर के शासनकाल में उनको पकड़ लिया गया और लोहे पिंजरे में बंद कर दिल्ली लाया गया। फिर बाबा को तड़पा-तड़पा कर बेइंतहा यातना देकर मार दिया गया।
नई दिल्ली (सं.सू.)। बाबा बंदा सिंह की 300वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें महान योद्धा और कुशलक प्रशासक बताया। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह महान योद्धा होने के साथ-साथ संवेदनशील भी थे। उनका त्याग और बलिदान अमूल्य है।
शहीदी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह ने हर तबके को जोड़ने का काम किया। कार्यक्रम में पीएम ने एक किताब का विमोचन भी किया। इसमें पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी मौजूद थे। इस मौके पर बाबा बंदा सिंह बहादुरजी पर हाल में जारी किया गया स्मारक सिक्का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री को भेंट किया गया। पिछले माह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बंदा सिंह बहादुर की 300वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में चांदी का एक स्मारक सिक्का जारी किया था।
बाबा बंदा सिंह की 300वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें महान योद्धा और कुशलक प्रशासक बताया। दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि बाबा बंदा सिंह महान योद्धा होने के साथ-साथ संवेदनशील भी थे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पिछले दिनों अखबारों में विज्ञापन देकर घोषणा की थी कि बारापुला फ्लाईओवर का नाम बंदा सिंह बहादुर के नाम पर रखा जाएगा। यह घोषणाएं और स्मरणोत्सव उस वक्त हो रहे हैं, जब अगले साल पंजाब में विधानसभा चुनाव होना है। बंदा सिंह बहादुर का जन्म 1670 में राजौरी (अब जम्मू एवं कश्मीर) में एक राजपूत परिवार में हुआ था। वह बहुत कम उम्र में ही गुरु गोबिंद सिंह के शिष्य बन गए थे और हिन्दुओं पर हो रहे मुगल अत्याचार का सामना करने के लिए एक सेना बनाई थी। बाद में फर्रूखशियर के शासनकाल में उनको पकड़ लिया गया और लोहे पिंजरे में बंद कर दिल्ली लाया गया। फिर बाबा को तड़पा-तड़पा कर बेइंतहा यातना देकर मार दिया गया।
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