Tuesday, July 12, 2016

कश्मीर की हिंसा को अमेरिका ने बताया भारत का अंदरूनी मामला

वाशिंगटन (सं.सू.)। कुख्यात आतंकी बुरहान वानी की मौत को लेकर घाटी में भड़की ¨हसा के बहाने कश्मीर मसले का फिर से अंतरराष्ट्रीयकरण करने में जुटे पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। उसके सबसे बड़े सामरिक सहयोगी अमेरिका ने भी इस मामले में उसका साथ छोड़ दिया है। इस्लामाबाद को साफ संदेश देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला है। इसीलिए अमेरिका वहां जारी हिंसा के बारे में भारतीय अधिकारियों से कुछ नहीं कह रहा है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने भी मंगलवार को दक्षिण सूडान पर प्रेसवार्ता के दौरान इस बारे में पूछे गए सवाल को कोई तवज्जो नहीं दी। इतना कुछ होने के बावजूद पाकिस्तान बेशर्मी से बाज नहीं आ रहा है। उसने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देशों के राजदूतों से संपर्क साध कश्मीर को लेकर भारत की शिकायत की है। उनसे मानवाधिकार का सम्मान करने के लिए नई दिल्ली पर दबाव बनाने का आग्रह किया।

दरअसल पाकिस्तान चाहता है कि घाटी में जारी हिंसा के बहाने कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की उसकी मांग को अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिले। लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्रलय ने प्रेसवार्ता कर स्थिति स्पष्ट कर दी। पाकिस्तान को झटका देते हुए अमेरिका के साथ संयुक्त राष्ट्र ने भी कश्मीर मसले पर किसी भी किस्म का हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है। दोनों ने घाटी में जारी हिंसा पर चिंता तो जरूर जताई, लेकिन इस बारे में भारत से कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। इतना ही नहीं इसे भारत का आंतरिक मसला बताया। तो वहीँ अमेरिका ने कहा है कि वह घाटी में हिंसा की स्थिति से चिंतित है। उसने सभी पक्षों से मामले के शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में प्रयास करने के लिए कहा। बान की मून ने तो प्रेसवार्ता में कश्मीर पर कुछ भी कहने से परहेज किया। बाद में उनके प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने औपचारिकता निभाने के लिए बयान जारी कर हिंसा रोकने की खातिर सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की।

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