नई दिल्ली (सं.सू.)। यदि सब कुछ ठीक रहा तो हवाई यात्रा करने वालों को प्रति घंटे उड़ान के लिए 2,500 रुपए से अधिक किराया नहीं देना पड़ेगा। सरकार की प्रस्तावित विमानन नीति के मसौदे में इस बात पर जोर दिया गया है। मसौदा शुक्रवार को जारी किया गया।
नागरिक विमानन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने प्रति घंटे 2500 रु. किराये से जुड़ी नीति पर कहा कि इसका लक्ष्य एयरपोर्ट डेवलपर्स और संचालकों के साथ-साथ आम आदमियों को लाभ पहुंचाना है। यह प्रस्ताव छोटे शहरों और कस्बों तक सस्ती उड़ान सेवाएं मुहैया कराना है। राजू ने कहा कि मसौदे में विदेश में घरेलू विमानन कंपनियों की सेवाएं शुरू करने के लिए नियमों में ढील देने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इस पर हितधारकों और जनता से भी सुझाव मांगे हैं। इसे जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा।
नागरिक विमानन सचिव नयन चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का लक्ष्य हर व्यक्ति को सस्ती उड़ान सेवाएं उपलब्ध कराना है। देश में लगभग 430 हवाई-पट्टियां और एयरपोर्ट हैं, लेकिन इसमें से लगभग 90 ही संचालन में हैं। लगभग 300 एयरपोर्ट का तो बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं किया गया है। हर हवाईअड्डे को 50 करोड़ रुपए खर्च कर उन्नत बनाया जाएगा।
देशमें क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा के टिकटों पर दो फीसदी शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इससे हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार को इससे सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इंडिगो और स्पाइसजेट और अन्य विमानन कंपनियों ने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद मिलेगी और लागत में कमी आएगी।
नागरिक विमानन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने प्रति घंटे 2500 रु. किराये से जुड़ी नीति पर कहा कि इसका लक्ष्य एयरपोर्ट डेवलपर्स और संचालकों के साथ-साथ आम आदमियों को लाभ पहुंचाना है। यह प्रस्ताव छोटे शहरों और कस्बों तक सस्ती उड़ान सेवाएं मुहैया कराना है। राजू ने कहा कि मसौदे में विदेश में घरेलू विमानन कंपनियों की सेवाएं शुरू करने के लिए नियमों में ढील देने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इस पर हितधारकों और जनता से भी सुझाव मांगे हैं। इसे जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा।
नागरिक विमानन सचिव नयन चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का लक्ष्य हर व्यक्ति को सस्ती उड़ान सेवाएं उपलब्ध कराना है। देश में लगभग 430 हवाई-पट्टियां और एयरपोर्ट हैं, लेकिन इसमें से लगभग 90 ही संचालन में हैं। लगभग 300 एयरपोर्ट का तो बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं किया गया है। हर हवाईअड्डे को 50 करोड़ रुपए खर्च कर उन्नत बनाया जाएगा।
देशमें क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा के टिकटों पर दो फीसदी शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इससे हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार को इससे सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इंडिगो और स्पाइसजेट और अन्य विमानन कंपनियों ने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद मिलेगी और लागत में कमी आएगी।
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