
1984 की सिख विरोधी हिंसा के शिकार लोगों को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे लोगों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर एक अनोखा प्रदर्शन किया। सिख प्रदर्शनकारियों ने 84 के दंगों पर लिखी गई करीब 500 किताबों को जला दिया।
दरअसल यह विरोध उन लेखकों और साहित्यकारों के खिलाफ है जो पिछले कुछ समय में देश का माहौल खराब होने और असहनशीलता बढ़ने की बात कर रहे हैं।सिख प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन लोगों ने तब अपनी आवाज क्यों नहीं उठाई जब 1984 के दंगे हुए थे।
लेखक एम एम कुलबर्गी की हत्या और दादरी में बीफ विवाद पर अखलाक की हत्या के बाद से पिछले कुछ दिनों में करीब 36 साहित्यकारों और 10 फिल्मकारों ने अपने अवॉर्ड लौटाने का एलान किया है। इनके अलावा इतिहासकारों और वैज्ञानिकों ने भी देश का माहौल खराब होने की बात कही है।
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