Wednesday, November 4, 2015

जाप नेता और सांसद पप्पू यादव आईसीयू में भर्ती, दिल्ली ले जाने की तैयारी

पूर्णिया (सं.सू.)। जनअधिकार पार्टी के संस्थापक सह मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को बुधवार की शाम करीब 8 बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद पूर्णिया सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें आईसीयू में रखा गया है। देर रात उनकी पत्नी और सुपौल से सांसद रंजीत रंजन ने बताया कि पप्पू की हालत स्थिर है पर स्थिति बिगड़ने पर उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाने की भी तैयारी है।

दरअसल, बुधवार की शाम आठ बजे करीब सांसद पप्पू यादव ने अपने सहयोगियों से सीने में अचानक दर्द की बात कही। सहयोगियों ने बताया कि उनकी बेचैनी काफी बढ़ गयी थी। वे उस समय पूर्णिया स्थित आवास पर थे। परिजनों ने उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल पहुंचाया जहां उनकी नाजुक हालत देख डाक्टरों ने आईसीयू में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। उनके इलाज में सिविल सर्जन डा एमएम वसीम, फिजिशयन डा. बीएन कुमार, डा. सुधांशु और हेल्थ मैनेजर अभिषेक कुमार लगे हुए हैं।

इस बीच उनके परिजनों की काफी भीड़ लग गयी। सिविल सर्जन डा. वसीम ने बताया कि उनका पल्स रेट काफी कम हो गया है। अभी उनका बीपी मात्र 109/67 आया है जो सामान्य प्रेशर से काफी कम है। सभी जांच गंभीरता से की जा रही है। सारी जांच रिपोर्ट आ जाने के बाद ही सही स्थिति का पता चलेगा। अभी कुछ भी बताना जल्दबाजी होगी। उन्हें ऑक्सीजन दी जा रही है। डाक्टरों की एक अन्य विशेष टीम भी लगायी जा रही है।

पार्टी का आरोप है कि आज पूर्णिया जिला प्रशासन ने पहले उन्‍हें पूर्णिया में प्रवेश करने से रोका और अपमानित किया। हालांकि सांसद के दबाव में प्रशासन ने उन्‍हें पूर्णिया स्थित आवास पर जाने की अनुमति दी। लेकिन बाद में उन्‍हें नजरबंद कर दिया। प्रशासन की इसी मानसिक प्रताड़ना के कारण उनकी तबियत बिगड़ गई। सीने में दर्द और लो ब्‍लड प्रेशर के बाद उन्‍हें पूर्णिया सदर अस्‍पताल लाया गया।

सूत्रों के अनुसार श्री यादव की हालत अब भी ठीक नहीं है। रात भर ऑक्‍सीजन पर ही रहे। रक्‍तचाप अब भी असंतुलित है। किसी से बात नहीं कर रहे। परेशानी सबसे अधिक यह है कि पूर्णिया में एयर एंबुलेंस की लैंडिंग के लिए विजिवलिटी नहीं है। आकाश में ऊपर एयर ट्राफिक कंट्रोल के मुताबिक गहरा धुंध है। दिल्‍ली से पूर्णिया में लैंड करने को एयर एंबुलेंस को अनुमति नहीं मिल रही। हालत की गंभीरता को देख डाक्‍टरों की टीम उनको सड़क मार्ग से बागडोगरा तक ले जाने को भी तैयार नहीं है।

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