पटना (सं.सू.)। शराब बंदी पर नीतीश सरकार ने पलटी मारी है। एक अप्रैल से सिर्फ देसी शराब पर रोक लगाने की बात कही जा रही है। जबकि विदेशी शराब का बिकना जारी रहेगा। बिहार में शराबबंदी का ऐलान कर वाहवाही लूटने वाली नीतीश सरकार अपने कदम से पीछे हटती दिख रही है। अब सरकार को शराबबंदी से होने वाले भारी नुकसान की चिंता सताने लगी है। ऐसे में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने नीतीश सरकार को सलाह दी है कि पूर्ण शराबबंदी की जगह केवल देशी शराब पर ही प्रतिबंध लगाया जाए। शराबबंदी लागू होने से सरकार को 5500 करोड़ रुपए चपत लगने की आशंका है।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार आईएमएफएल (इंडियन मेड फॉरेन लिक्वर) के एक अधिकारी ने बताया कि सीमित शराबबंदी ही लागू की जाएगी। यह अधिकारी मुख्यमंत्री के उस बयान का हवाला भी देता है जिसमें नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था।
अमीर लोगों को शराब की बुराई के बारे में पता है, लेकिन कमजोर तबके के लोग इससे अनजान है। यहां तक की इसी तबके के लोग शराब पीकर उत्पात भी मचाते हैं। इस अधिकारी का कहना है, 'शराबबंदी लागू होने से देसी दारू के उत्पादन पर पहला असर होगा।
इसके बाद राजस्व का नुकसान का आकलन किया जाएगा। गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है। इनमें गुजरात, नागालैंड, मणिपुर और लक्ष्यद्वीप शामिल है। पिछले साल, केरल की सरकार ने 10 साल की शराबबंदी की घोषणा की थी। हालांकि, अदालत में मामला जाने के बाद इसमें ढील दे दी गई।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि यदि वे सत्ता में आते हैं तो बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करेंगे। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार आईएमएफएल (इंडियन मेड फॉरेन लिक्वर) के एक अधिकारी ने बताया कि सीमित शराबबंदी ही लागू की जाएगी। यह अधिकारी मुख्यमंत्री के उस बयान का हवाला भी देता है जिसमें नीतीश कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था।
अमीर लोगों को शराब की बुराई के बारे में पता है, लेकिन कमजोर तबके के लोग इससे अनजान है। यहां तक की इसी तबके के लोग शराब पीकर उत्पात भी मचाते हैं। इस अधिकारी का कहना है, 'शराबबंदी लागू होने से देसी दारू के उत्पादन पर पहला असर होगा।
इसके बाद राजस्व का नुकसान का आकलन किया जाएगा। गौरतलब है कि देश के कई राज्यों में शराब पर प्रतिबंध है। इनमें गुजरात, नागालैंड, मणिपुर और लक्ष्यद्वीप शामिल है। पिछले साल, केरल की सरकार ने 10 साल की शराबबंदी की घोषणा की थी। हालांकि, अदालत में मामला जाने के बाद इसमें ढील दे दी गई।
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