Monday, May 2, 2016

नीतीश पर नीतीश ने कागज नहीं चप्पल उछाली, पूछा हिन्दू नहीं हैं क्या?

पटना (सं.सू.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सोमवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक युवक ने उनपर चप्पल उछाल दिया। वह मुख्यमंत्री को अपनी समस्या सुनाते समय अचानक आवेश में आ गया। खास बात यह भी है कि चप्पल उछालने वाले युवक का नाम भी नीतीश कुमार है। इससे पहले यह खबर आई थी कि युवक ने सी.एम. की तरफ कागज के बण्डल फेंका था।

युवक सरकार के उस आदेश से खफा था, जिसके अनुसार सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक खाना बनाने या पूजा-पाठ के लिए आग जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आक्रोशित युवक ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि आप हिंदू नहीं हैं क्या? नौ बजे के बाद पूजा-पाठ क्यों बंद करा दिये हैं?

बाद में मुख्यमंत्री ने प्रेस वार्ता में कहा कि अभी तक कुर्ते पर चप्पल का दाग है। मुख्यमंत्री बोले के उन्होंने डीजीपी से युवक को माफ कर देने को कहा है। कहा, "लोगों की सेवा के लिए कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूं। फूलों की सेज पर बैठने के लिए मैंडेट नहीं है। इच्छा से कांटों का ताज ग्रहण किया है।" मुख्यमंत्री ने इस घटना में सुरक्षा की भी कोई चूक से इंकार किया।

युवक अरवल का रहने वाला है। उसका भी नाम नीतीश कुमार है। पिछले दिनों उसे भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के जनता दरबार में भी देखा गया था। वहां भी उसने हल्ला किया कि वह आरएसएस का प्रचारक बनना चाहता है। एडीजी (पुलिस मुख्यालय) सुनील कुमार ने बताया कि उसके खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस वक्त उक्त युवक ने उन पर चप्पल फेंका, वे समझ नहीं पाए कि माजरा किया है। पुलिस वालों ने उसे पकड़ा। मैंने तुरंत कहा कि मारपीट नहीं करें। उसे बिठाया और पूछा कि क्या बात है? इसपर उसने कहा कि आप हिंदू के खिलाफ क्यों हैं? हवन पर रोक क्यों लगा दी है? मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने उस युवक को समझाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगलगी की लगातार हो रही घटनाओं के कारण के बारे में जिलाधिकारियों से पूछा गया तो एक बात यह सामने आयी थी कि सुबह नौ बजे के बाद पछुआ हवा तेज होने के बाद हवन की चिंगारी से भी आग की घटनाएं हुई हैं। इसके बार सरकार की ओर से जो एडवाइजरी जारी की गयी, उसमें इसका उल्लेख आया। नौ बजे के पहले हवन कर लेने की सलाह दी गयी। आग लगने के कारणों के बारे में लोगों को सचेत करना और एडवाइजरी जारी करना कोई गुनाह है क्या?

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