नई दिल्ली (सं.सू.)। आसमान छूती दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए
केंद्र सरकार ने बुधवार को आपात बैठक बुलाई। इसमें शामिल हुए केंद्रीय
मंत्रियों ने दलहन के दाम नियंत्रित करने के लिए म्यांमार और दक्षिण
अफ्रीका से आयात करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बफर स्टॉक की मात्रा को
बढ़ाने का फैसला किया।
खाद्य महंगाई के मुद्दे पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सहयोगी मंत्रियों के साथ दलहन के मूल्य नियंत्रण के रास्ते के बारे में विचार-विमर्श किया। बैठक में राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे बफर स्टाक से दाल लेकर उन्हें 120 रुपये किलो की दर पर बेचने की व्यवस्था करें। वित्त मंत्री के घर पर हुई बैठक में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू शामिल हुए। दरअसल सरकार दलहन की कीमतों के 170 रुपये किलो और टमाटर की कीमत 100 रुपये होने को लेकर चिंतित है।
बैठक में इस पर चर्चा हुई कि जब भी राज्यों की ओर से मांग पैदा हो, बफर स्टॉक से अधिक दलहन को निकाला जाए। इसके साथ कीमत को नियंत्रित करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से इसका आयात किया जाए। भारत ने पहले ही सरकारी स्तर पर म्यांमार से अरहर दाल का आयात करने के मसौदे पर समझौता किया है। इस दौरान कई अफ्रीकी देशों ने भी भारत को दलहन की आपूर्ति में रुचि जताई है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री का मत है कि कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी रास्तों से आयात की व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाया जाए। इस बैठक में आर्थिक मामला विभाग और राजस्व विभाग के सचिवों के साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भी भाग लिया।
बैठक में सूचित किया गया कि केंद्रीय भंडार, सफल बिक्री केंद्र और अन्य सरकारी एजेंसियां अरहर और उड़द दाल की बिक्री अपने बिक्री केंद्रों से 120 रुपये किलो की दर से कर रही हैं। सरकार ने स्थितियों से निपटने के लिए पहले ही बफर स्टॉक से बाजार में दस हजार टन दलहन को जारी कर रखा है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने दिल्ली में मोबाइल वाहनों से दालों की बिक्री शुरू करने की योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दालों की कीमतों में वृद्धि मांग और आपूर्ति के बीच अंतर के कारण है लेकिन पिछले दो माह से इसके मूल्य स्थिर हैं। पासवान ने आलू और टमाटर की कीमतों में वृद्धि को मौसमी बताते हुए कहा कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। आलू और टमाटर की कीमतों में पिछले दिनों आई तेजी मौसमी है और हर वर्ष जून से सितंबर के बीच इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
पिछले दो साल सूखे की मार झेलने के बाद इस बार देश में अच्छे मानसून का अनुमान है। इससे महंगाई दर के कम होने की संभावना भी बढ़ी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर मार्च, 2017 तक महंगाई दर को 5 फीसदी तक लाना चाहते हैं। ऐसे में उनकी उम्मीदें बेहतर मानसून पर ही टिकी हैं।
खाद्य महंगाई के मुद्दे पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सहयोगी मंत्रियों के साथ दलहन के मूल्य नियंत्रण के रास्ते के बारे में विचार-विमर्श किया। बैठक में राज्य सरकारों को सलाह दी गई है कि वे बफर स्टाक से दाल लेकर उन्हें 120 रुपये किलो की दर पर बेचने की व्यवस्था करें। वित्त मंत्री के घर पर हुई बैठक में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू शामिल हुए। दरअसल सरकार दलहन की कीमतों के 170 रुपये किलो और टमाटर की कीमत 100 रुपये होने को लेकर चिंतित है।
बैठक में इस पर चर्चा हुई कि जब भी राज्यों की ओर से मांग पैदा हो, बफर स्टॉक से अधिक दलहन को निकाला जाए। इसके साथ कीमत को नियंत्रित करने के लिए म्यांमार और अफ्रीका से इसका आयात किया जाए। भारत ने पहले ही सरकारी स्तर पर म्यांमार से अरहर दाल का आयात करने के मसौदे पर समझौता किया है। इस दौरान कई अफ्रीकी देशों ने भी भारत को दलहन की आपूर्ति में रुचि जताई है।
खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री का मत है कि कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक और निजी रास्तों से आयात की व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाया जाए। इस बैठक में आर्थिक मामला विभाग और राजस्व विभाग के सचिवों के साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भी भाग लिया।
बैठक में सूचित किया गया कि केंद्रीय भंडार, सफल बिक्री केंद्र और अन्य सरकारी एजेंसियां अरहर और उड़द दाल की बिक्री अपने बिक्री केंद्रों से 120 रुपये किलो की दर से कर रही हैं। सरकार ने स्थितियों से निपटने के लिए पहले ही बफर स्टॉक से बाजार में दस हजार टन दलहन को जारी कर रखा है।
खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने दिल्ली में मोबाइल वाहनों से दालों की बिक्री शुरू करने की योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि दालों की कीमतों में वृद्धि मांग और आपूर्ति के बीच अंतर के कारण है लेकिन पिछले दो माह से इसके मूल्य स्थिर हैं। पासवान ने आलू और टमाटर की कीमतों में वृद्धि को मौसमी बताते हुए कहा कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने के लिए हर संभव उपाय कर रही है। आलू और टमाटर की कीमतों में पिछले दिनों आई तेजी मौसमी है और हर वर्ष जून से सितंबर के बीच इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं।
पिछले दो साल सूखे की मार झेलने के बाद इस बार देश में अच्छे मानसून का अनुमान है। इससे महंगाई दर के कम होने की संभावना भी बढ़ी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर मार्च, 2017 तक महंगाई दर को 5 फीसदी तक लाना चाहते हैं। ऐसे में उनकी उम्मीदें बेहतर मानसून पर ही टिकी हैं।
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