Tuesday, June 14, 2016

भरे गले से मोदी ने कहा, शरीर का कण-कण देश को समर्पित

इलाहाबाद (सं.सू.)। इलाहाबाद में चल रही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी भावुक हो गए। सोमवार को इस दो दिवसीय बैठक का समापन हो गया। पीएम ने भावुक होते हुए कहा कि शरीर का कण-कण देश को समर्पित है।
अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि हम अपनी ताकत दिखाने नहीं बल्कि संस्कार दिखाने आए है। मोदी ने कहा कि हम दुनिया को अपने संस्कारों की पूंजी दिखाना चाहते है। देश बदल रहा है और आगे भी बढ़ रहा है। सरकार की उपलब्धियां किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे संगठन की होती है।
आगे पीएम ने कहा कि मेरा जीवन देश को समर्पित है और अभी हमें कड़ी मेहनत करनी है। इस दौरान पीएम ने सात मंत्र दिए- सेवाभाव, संतुलन, संयम, समन्वय, सकारात्मकता, सद्भावना और संवाद।
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कहा कि सरकार ने समन्वित आर्थिक दृष्टिकोण अपनाया जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था का विकास 7.9 प्रतिशत हो गया है तथा कृषि विकास ‘‘नकारात्मक स्थिति’’ से बाहर आ रहस है।
उन्होंने बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित प्रस्ताव के बारे में बताया, ‘‘कृषि विकास अब 2.4 प्रतिशत है जो पूर्व में शून्य दशमलव दो प्रतिशत पर था..स्थिति नकारात्मक थी।’’ गडकरी ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग शासनकाल में 3.5 करोड बैंक खाते थे। किन्तु प्रधानमंत्री जन धन योजना के शुरू होने के बाद से खाताधारकों की संख्या बढ़कर 21.80 करोड़ हो गयी जिसमें से कई डेबिट कार्ड और बीमा दुर्घटना जैसी सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं।
देश के कृषक समुदाय के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अगले चार साल में लंबित सिंचाई योजनाओं को पूर्ण करने के लिए केन्द्रीय बजट में 50 हजार करोड़ रूपये आवंटित किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब यूरिया को पाने के लिए झगड़े हुआ करते थे। अब 25 लाख टन यूरिया उत्पादित की जा रही है तथा यह आसानी से उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यूरिया में नीम कोटिंग ने यह सुनिश्चित किया है कि अन्य उद्देश्यों के लिए इसकी काला बाजारी नहीं हो।
बिजली क्षेत्र की उपलब्धता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कोयले का अधिशेष उत्पादन हुआ जिससे ताप बिजली उत्पादन में वृद्धि हुई है। गडकरी ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त निर्णय पक्रिया ने यह सुनिश्चित किया है कि देश में अब नीतिगत अपंगुता नहीं है।

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