बोकारो (सं.सू.)। झारखंड के बेरमो प्रखंड सह अंचल कार्यालय परिसर में उस
समय अजीबोगरीब स्थिति हो गई। जब एक मां ने अपने ही पुत्र की चप्पल से पिटाई
कर दी। इसके विरोध में पुत्र सहित अन्य रिश्तेदारों ने भी महिला के साथ
धक्कामुक्की की। अंतत: मामला बेरमो थाना पहुंचा। जहां थाना प्रभारी पीसी
देवगम ने दोनों पक्षों को समझाकर बेरमो सीओ किरण सोरेंग के पास भेज दिया।
विदित हो कि मां जानकी देवी तथा उसका पुत्र पुत्री सीओ के पास सदस्यता प्रमाण पत्र बनवाने आए थे जिससे उक्त महिला अपने स्व. पति ईश्वर दास के बदले सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने का प्रयास कर रही थी। वहीं उसके पुत्र पुत्री इसका विरोध करते हुए कह रहे थे कि जीते जी पति को धोखा दिया।
उनकी मृत्यु में अपनी भूमिका निभाई, अब उनकी मौत के बाद नौकरी हड़पने आई हो। इधर जानकी देवी ने बताया कि वह सदस्यता प्रमाण पत्र बनाने आई थी। इसी क्रम में इनके पुत्र पुष्पेंद्र बगहैल और देवर हरिशंकर बगहैल ने मिलकर मारपीट की। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व ईश्वर दास सीसीएल कथारा कोलियरी में कार्यरत थे। उनका निधन 11 फरवरी 15 को हो गया था। उनकी नौकरी पैसे के लिए ये लोग दावेदारी कर रहे हैं।
बेरमो सीओ किरण सोरेंग ने कहा कि दोनों पक्षों के साथ बातचीत कर कागजात की जांच की गई है। अगली बैठक में इस विषय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। बारीकी से जांच की जा रही है। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी।
विदित हो कि मां जानकी देवी तथा उसका पुत्र पुत्री सीओ के पास सदस्यता प्रमाण पत्र बनवाने आए थे जिससे उक्त महिला अपने स्व. पति ईश्वर दास के बदले सीसीएल में नौकरी प्राप्त करने का प्रयास कर रही थी। वहीं उसके पुत्र पुत्री इसका विरोध करते हुए कह रहे थे कि जीते जी पति को धोखा दिया।
उनकी मृत्यु में अपनी भूमिका निभाई, अब उनकी मौत के बाद नौकरी हड़पने आई हो। इधर जानकी देवी ने बताया कि वह सदस्यता प्रमाण पत्र बनाने आई थी। इसी क्रम में इनके पुत्र पुष्पेंद्र बगहैल और देवर हरिशंकर बगहैल ने मिलकर मारपीट की। उन्होंने बताया कि उनके पति स्व ईश्वर दास सीसीएल कथारा कोलियरी में कार्यरत थे। उनका निधन 11 फरवरी 15 को हो गया था। उनकी नौकरी पैसे के लिए ये लोग दावेदारी कर रहे हैं।
बेरमो सीओ किरण सोरेंग ने कहा कि दोनों पक्षों के साथ बातचीत कर कागजात की जांच की गई है। अगली बैठक में इस विषय पर ठोस निर्णय लिया जाएगा। बारीकी से जांच की जा रही है। किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगी।
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