Wednesday, June 1, 2016

परीक्षा के बाद सभी विषयों की कॉपियां बदलीं और बन गये टॉपर!



पटना (सं.सू.)  इंटर साइंस टॉपर सौरभ श्रेष्ठ और इंटर आर्ट्स टॉपर रूबी राय की मेरिट सवालों के घेरे में आ  गयी है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आधिकारिक सूत्रों ने आशंका जतायी है कि परीक्षा देने के बाद इनकी सभी विषयों की कॉपियां बदल दी गयी थीं। हालांकि, समिति के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह ने इससे इनकार किया है। ये दोनों टॉपर वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली के विद्यार्थी हैं।

इन टॉपरों का इंटरव्यू मीडिया के सामने आया, तो समिति कार्यालय ने अपने स्तर से जांच की। पता चला कि इस  कॉलेज से 700  परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए थे। समिति के  सूत्रों के अनुसार इन सभी परीक्षार्थियों की कॉपियों को उनके परीक्षा  केंद्र से ही बदल दिया गया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब इंटर साइंस और आटर्स के टॉप-5 परीक्षार्थियों को समिति कार्यालय बुलाया है। इन टॉपरों को मीडिया के सामने बैठा कर पूछताछ की जायेगी।

वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली से इंटर साइंस में 600 और इंटर आर्ट्स  में 100 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। सूत्रों के अनुसार टॉपरों की बेसिक जानकारी सामने आने पर मंगलवार को इस कॉलेज के सारे परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं निकलवायी  गयीं, जिसके बाद पता चला कि सारी की सारी उत्तर पुस्तिकाओं को ही बदल दिया गया था। सारी उत्तर पुस्तिकाओं में एक जैसा लिखा था। अब इसकी जांच समिति  की ओर से की जा रही है। समिति सूत्रों की मानें, तो जांच के बाद इस बार भी टॉपर लिस्ट में बदलाव की पूरी संभावना है।

वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली के इंटर साइंस की टॉपर लिस्ट में दो और आर्ट्स की टॉपर लिस्ट में एक छात्रा शामिल है। इसमें साइंस में पहले स्थान पर रहे टॉपर सौरव श्रेष्ठ और सातवें पोजिशन पर रही टॉपर शिवानी सिंह टॉपर लिस्ट में शामिल है। सौरव श्रेष्ठ को जहां 426 अंक आये हैं, वहीं  शिवानी सिंह को 417 अंक प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा इंटर आर्ट्स की टॉपर रूबी राय इसी कॉलेज से है। उसे 444 अंक मिले हैं।

वैशाली का यह कॉलेज 2015 में भी चर्चा में रहा था। इंटर साइंस के रिजल्ट निकलने के पहले ही समिति की पकड़ में आ गया था। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी गयी थी। इसमें कहा गया था कि वीआर कॉलेज, कीरतपुर, भगवानपुर, वैशाली से एक हजार परीक्षार्थी इंटर की परीक्षा में शामिल हुए थे। कॉलेज के सभी परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की  हैंडराइटिंग एक जैसी है। इससे उस कॉलेज की उत्तर पुस्तिका की दुबारा जांच करवायी जा रही है।

ईधर,शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि हम पूरे प्रकरण की जांच के लिए कमेटी गठित करने जा रहे हैं। 10 दिनों के अंदर जांच कर इस पूरे मामले का परदाफाश किया  जायेगा और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उनकी बरखास्तगी भी करनी पड़ी, तो सरकार करेगी।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार की प्रतिष्ठा और अभिमान का सवाल है। हमलोगों ने कदाचारमुक्त मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं आयोजित कीं। सरकार छात्र-छात्राओं को मोटिवेट कर रही है कि वे पढ़ाई पर ध्यान दें। पढ़ाई की गुणवत्ता को सुधारें। ऐसे में कोई शिक्षक,पदाधिकारी या फिर कर्मचारी सरकार में रह कर सरकार की नीयत के खिलाफ काम करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी  कार्रवाई की जायेगी। किसी को भी बख्शा नहीं  जायेगा।

दूसरी तरफ वीआर कॉलेज कीरतपुर, वैशाली के प्राचार्य डॉ अमित कुमार ने कहा कि इंटर की परीक्षा लेने का काम बिहार विद्यालय परीक्षा समिति और जिले के डीएम, एसपी व बीडीओ का होता है। परीक्षा के प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिकाएं आने के साथ-साथ परीक्षा के बाद उत्तरपुस्तिकाओं के स्ट्रांग रूप में जमा होने की प्रक्रिया उनकी देखरेख में होती है। मुझसे सवाल ही सही नहीं है।

न तो मेरे यहां होम सेंटर था और न ही हम केंद्राधीक्षक थे, ऐसे में हमारी क्या जवाबदेही बनती है। उन्होंने कहा कि इंटर की परीक्षा में कड़ाई हुई है। सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। वीडियोग्राफी हुई है। प्रबंध ऐसा था कि परिंदा पर भी नहीं मार सकता और जब कदाचार ही नहीं हुआ, तो उत्तरपुस्तिका कैसे बदली जा सकती है।

उधर,वीआर कॉलेज, कीरतपुर, वैशाली के परीक्षा केंद्र जीए इंटर कॉलेज, हाजीपुर की प्राचार्या शैल कुमारी ने कहा कि ऑनेस्टली एक्जाम लिया था और वह वन परसेंट भी दोषी नहीं हैं। हर दिन परीक्षा के बाद कॉपियों को सील कर समाहरणालय स्थित स्ट्रांग रूप में भेज दिया जाता था।

बकायदा उसकी खैरियत रिपोर्ट (रिसिविंग) भी करायी जाती थी। कड़ाई से परीक्षा लेने में वैशाली की डीएम रचना पाटील ने महती भूमिका निभायी है। अंतिम दिन खुद डीएम ने गणित की परीक्षा ली और लगातार निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि वीआर कॉलेज, कीरतपुर वैशाली का सेंटर कहीं और था। अंतिम समय में उनके कॉलेज में उस कॉलेज का सेंटर बनाया गया था।

जीएम इंटर कॉलेज शहर में ही है और डीएम कोठी से सटे हुए है। परीक्षा के दौरान यहां सीसीटीवी लगाये गये थे, वीडियोग्राफी भी हुई, लेकिन कॉपियों के बदलने की बात समझ में नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को ही उन्होंने कॉलेज का प्रभार लिया है और 24 फरवरी से परीक्षा शुरू हो गयी। परीक्षा के दौरान उनके कॉलेज के शिक्षक गार्डिंग में नहीं लगाये गये थे। दूसरे कॉलेजों के शिक्षकों को इस काम में लगाया गया था। अंतिम दिन तो उन्हें भी बदल दिया गया था और दूसरे शिक्षकों को लाया गया था।

वहीं,बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष ने कहा है कि अगर उत्तर पुस्तिकाएं बदलने की बातें हैं, तो इसमें समिति की नहीं, बल्कि परीक्षा केंद्र और वहां के जिलाधिकारी की गलती है। क्योंकि परीक्षा केंद्र की पूरी जिम्मेवारी केंद्राधीक्षक और संबंधित जिले के जिलाधिकारी की होती है। आप उनसे यह बात पूछिए। मैंने पूरी एहतियात बरती है। पिछले साल की घटना को देखते हुए इस बार वीआर कॉलेज के परीक्षार्थियों के लिए वैशाली के जिलाधिकारी कार्यालय के पास स्पेशल परीक्षा केंद्र बनाया गया था। जिलाधिकारी को कदाचारमुक्त परीक्षा के लिए निर्देश दिया गया था। इसके अलावा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के लिए स्पेशल मूल्यांकन केंद्र बनवाया गया था।

श्री सिंह ने बताया कि उन्होंने आर्ट्स की टॉपर रूबी राय की उत्तर पुस्तिकाएं देखी हैं। सारे प्रश्नों के उत्तर सही सही लिखे गये हैं। जो उत्तर पुस्तिका का नंबर समिति कार्यालय से इश्यू किया गया था, वहीं उत्तर पुस्तिका है।

श्री सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है। बोर्ड के नियम के अनुसार अगर जांच में बातें सामने आयेंगी, तो टॉपर लिस्ट चेंज की जायेगी। फर्स्ट टॉपर के अलावा टॉप-5 टॉपर्स को समिति कार्यालय में बुलाया जायेगा। इसके लिए समिति की ओर से मंगलवार को टॉपर के पास चिट्टी भेज दी गई है। सारे टॉपर्स को मीडिया के सामने भी रखा जायेगा।

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