पटना (सं.सू.)। बेशक सरकार नेता चलाते हों पर देश की व्यवस्था नौकरशाह चलाते हैं। इन्ही नौकरशाहों के कंधो पर देश के लिए योजना बनाने की जिम्मेदारी होती है। लेकिन यही नौकरशाह अगर भ्रष्टाचार में लिप्त हो जाए तो देश कैसे चलेगा। ताजा मामला बिहार का है, जहां कहने को तो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस है लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही है। भ्रष्टाचारियों का उत्साह इतना बढ़ चुका है कि पुराने और मंझे हुए अधिकारियों की तो छोड़िए, मैदान में नए आए पहली पोस्टिंग वाले अधिकारी भी पीछे नहीं हैं। मंगलवार को मोहनिया अनुमंडल के एसडीएम व आईएएस जितेन्द्र गुप्ता को 80 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। ऐसा पहली बार है जब किसी अधिकारी को उसकी पहली पोस्टिंग पर ही रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
निगरानी की टीम ने एसडीएम जितेन्द्र गुप्ता को ट्रक ड्राईवर के 80 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। ट्रक ड्राइवर के अनुसार, मोहनिया के एसडीएम ने उसकी चार गाड़ियों को पकड़ा था। गाड़ियों पर लोहा लदा था। वह टाटा से पंजाब जा रहा था। उसकी एक गाड़ी को छोड़कर बाकी की तीन गाड़ियां ओवरलोडेड थीं, जिसे पिछले चार दिनों से खड़ा करवा कर एक लाख पैतालीस हजार रुपए की मांग एसडीएम कर रहे थे।
ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी आइएएस अफसर को अपनी पहली ही पोस्टिंग में विजिलेंस की टीम ने पकड़ा है। आपको बता दें कि जितेंद्र गुप्ता 2013 बैच के आईएएस हैं और बिहार के मोहनिया में बतौर एसडीएम ये उनकी पहली पोस्टिंग है।
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