नई दिल्ली (सं.सू.)। दक्षिण सूडान में जारी गृह युद्ध में फंसे सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित निकालने का काम शुरू हो गया है। इस ऑपरेशन को पूरा करने के लिए आज सुबह विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा के लिए रवाना हो गए। जुबा रबाना होने से पहले वीके सिंह ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों के हितों की रक्षा के लिए सरकार सजग है। उनका मकसद मुसीबत में फंसे लोगों को सुरक्षित लाना है।
भारत सरकार ने इस अभियान को ऑपरेशन संकट मोचन नाम दिया है। ऑपरेशन संकट मोचन का मकसद दक्षिण सूडान में फंसे 300 हिंदुस्तानियों को राजधानी जुबा से सुरक्षित बाहर निकालना है। इस बार भी इस अभियान की अगुवाई विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह कर रहे हैं। इस अभियान में भारतीय वायुसेना के दो C-17 विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस अभियान का फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनके पास वैध भारतीय यात्रा दस्तावेज होगा। एक अनुमान के मुताबिक जुबा और इसके आसपास के इलाकों में 600 भारतीय हो सकते हैं। हालांकि भारतीय दूतावास के पास सिर्फ 300 भारतीयों ने ही वापसी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
भारत युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान के शहर जूबा दो सी-17 सैन्य परिवहन विमान भेजेगा, ताकि वहां फंसे 300 से अधिक भारतीयों को निकाला जा सके। इस अभियान का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह करेंगे।
पिछले साल भी वीके सिंह ने यमन में फंसे 4000 हिंदुस्तानियों और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकालने के काम को बखूबी अंजाम दिया था। इस बार हालात को देखते हुए यह अभियान यमन में किए गए ऑपरेशन से ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल ही ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की थी कि जनरल वीके सिंह ही इस अभियान का नेतृत्व करेंगे। सुषमा स्वराज ने इस अभियान के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी बधाई दी है।
भारत सरकार ने इस अभियान को ऑपरेशन संकट मोचन नाम दिया है। ऑपरेशन संकट मोचन का मकसद दक्षिण सूडान में फंसे 300 हिंदुस्तानियों को राजधानी जुबा से सुरक्षित बाहर निकालना है। इस बार भी इस अभियान की अगुवाई विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह कर रहे हैं। इस अभियान में भारतीय वायुसेना के दो C-17 विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि इस अभियान का फायदा उन्हीं को मिलेगा जिनके पास वैध भारतीय यात्रा दस्तावेज होगा। एक अनुमान के मुताबिक जुबा और इसके आसपास के इलाकों में 600 भारतीय हो सकते हैं। हालांकि भारतीय दूतावास के पास सिर्फ 300 भारतीयों ने ही वापसी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
भारत युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान के शहर जूबा दो सी-17 सैन्य परिवहन विमान भेजेगा, ताकि वहां फंसे 300 से अधिक भारतीयों को निकाला जा सके। इस अभियान का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह करेंगे।
पिछले साल भी वीके सिंह ने यमन में फंसे 4000 हिंदुस्तानियों और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकालने के काम को बखूबी अंजाम दिया था। इस बार हालात को देखते हुए यह अभियान यमन में किए गए ऑपरेशन से ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कल ही ट्विटर पर इस बात की पुष्टि की थी कि जनरल वीके सिंह ही इस अभियान का नेतृत्व करेंगे। सुषमा स्वराज ने इस अभियान के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी बधाई दी है।
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