Friday, October 30, 2015

कपिलदेव ने सहवाग को बताया सचिन से बेहतर

दुबई (सं.सू.)। भारत को विश्व चैम्पियन बनाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव का मानना है कि लीजेंड क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपनी क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर सके और वह सक्षम होने के बावजूद यह नहीं जानते थे कि किस तरह से दोहरे, तिहरे शतक और 400 रन बनाये जाते हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दुबई में आयोजित एक समारोह में कपिल देव ने कहा, ‘सचिन ने अपने टैलेंट का पूरा इस्तेमाल नहीं किया। उन्हें दोहरे या तिहरे शतक बनाने नहीं आते थे। बस शतक बनाकर वो संतुष्ट हो जाते थे।’

कपिल देव ने कहा, ‘‘मुझे गलत मत समझना लेकिन मेरा मानना है कि सचिन अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके। मुझे हमेशा से यही लगता है कि उन्होंने (सचिन) जितना क्रिकेट को दिया, वह उससे बहुत अधिक दे सकते थे।’’

56 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘सचिन खुद को मुंबई क्रिकेट से जोडे रहे। उन्होंने खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जोडऩे की कभी कोशिश नहीं की। मेरा मानना है कि उन्हें विवियन रिचर्ड्स के साथ अधिक समय बिताना चाहिये था जितना उन्होंने मुंबई के लडक़ों के साथ बिताया था और साफ क्रिकेट खेली। वह एक बेहतर क्रिकेटर थे लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वह सिर्फ शतक लगाना जानते थे, उन्हें बडे दोहरे शतक, तिहरे शतक और 400 का स्कोर करना नहीं आता था।’’

भारतीय टीम को पहली बार विश्वकप जिताने वाले पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘सचिन क्षमतावान थे। वह तकनीकी तौर पर भी बेहतर थे लेकिन मुझे लगता है कि रिचर्ड्स की तरह वह गेंदबाजों की बुरी तरह धुनाई नहीं करते थे। रिचर्ड्स उनके मुकाबले बहुत बेहतर थे।’’

उन्होंने कहा, ‘मुझे सचिन के साथ वक्त बिताने का मौक़ा बहुत कम मिला वर्ना मैं उनसे कहता कि अपने खेल का पूरी तरह से लुत्फ़ उठाओ। वीरेंद्र सहवाग की तरह खेलो।

पूर्व आस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वार्न ने कहा कि सचिन बहुत खास थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे 20 वर्षों के क्रिकेट कॅरियर में वह (सचिन) सबसे बेहतर क्रिकेटर थे जिनके खिलाफ मुझे खेलने का मौका मिला। वह तेज गेंदबाजी और स्पिन दोनों ही तरह की गेंदबाजी को सही से जांच लेते थे और वह सचमुच श्रेष्ठ क्रिकेटर थे। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी शानदार तरीके से खेले और 90 के दशक में वह सभी गेंदबाजों के लिये खतरा साबित होते थे।’’

वार्न ने साथ ही कहा, ‘‘मैं सचिन के साथ फिलहाल व्यापार कर रहा हूं और उनके दूसरे पक्ष को भी देख रहा हूं। वह एक बेहतरीन मित्र भी हैं।’’

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने कहा कि वकार युनूस और उन्हें इस बात का मलाल है कि सचिन के साथ वह लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सके।

अकरम ने कहा, ‘‘वकार यूनुस और मुझ जैसे तेज गेंदबाजों को इस बात का मलाल है कि हम करीब दस वर्षों तक भी सचिन के साथ टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सके’’
   
अकरम ने कहा, ‘‘जब उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में 1989 में पदार्पण किया था, तब हमने उनके खिलाफ गेंदबाजी की थी और उसके बाद वर्ष 1999 में भारत के खिलाफ खेले थे। जैसा कि वार्न ने कहा कि वह अपने खेल में श्रेष्ठ थे तो उनके नाम दर्ज 100 अंतरराष्ट्रीय शतक उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।’’

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