Thursday, October 29, 2015

राष्ट्रहित में उच्च शिक्षा में आरक्षण हो खत्म-सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (सं.सू.)। आरक्षण को लेकर गरमाती जा रही राजनीति के बीच इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्र के हित में यह आवश्यक हो गया है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में सभी तरह के आरक्षण से दूर रखा जाए। सर्वोच्च न्यायलय ने केन्द्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में 'सकारात्मक' कदम उठाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश को आजाद हुए 68 साल हो गए, लेकिन वंचितों के लिए जो सुविधा उपलब्‍ध कराई गई थी, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस संबंध में उचित कदम उठाए, क्‍योंकि राष्‍ट्रहित में ऐसा करना बेहद जरूरी हो गया है।'

कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में सुपर स्‍पेशियलटी कोर्सेज में प्रवेश को लेकर योग्यता मानकों को चुनौती देने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।

न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश पीसी पंत की पीठ ने कहा कि सुपर स्पेशयलिटी कोर्सेस में चयन का प्रारंभिक मापदंड मैरिट बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के कई बार स्मरण दिलाने के बाद भी जमीनी हालत वैसे ही हैं और मैरिट पर आरक्षण का आधिपत्य रहता है।

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