Saturday, October 31, 2015

ना विधायक और ना राज्‍य के निवासी, फिर भी अखिलेश ने बनाया मंत्री

लखनऊ (सं.सू.)। उत्‍तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल में परिवर्तन किया है। कुछ दिनों पहले 8 मंत्रियों को हटाने के बाद शनिवार को 11 नए चेहरों को इसमें शामिल किया गया। इन नए चेहरों में एक चेहरा पंजाब का भी था।

दरअसल शपथ लेने वालों में पूर्व अकाली दल नेता बलवंत सिंह रामूवालिया भी शामिल थे। रामूवालिया पंजाब में अकाली नेता थे और कुछ समय पहले उनके द्वारा पार्टी छोड़ने की खबरें आई थीं जिन्‍हें उन्‍होंने नकार दिया था। शनिवार को शपथ लेने वालों में उनका नाम भी शामिल था।

बताया जा रहा है कि बलवंत ना तो सपा के विधायक हैं और ना ही अब तक उन्‍हें पार्टी की एमएलसी का सदस्‍य बनाया गया है इसके बावजूद वो कैबिनेट में मंत्री पद पाने में कामयाब रहे हैं।

खबरों के अनुसार उन्‍हें यह पद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के काफी करीब होने के चलते मिला है। हालांकि, कहा जा रहा है कि पार्टी जल्‍द उन्‍हें एमएलसी सदस्‍य बनाकर विधानसभा के उपरी सदन में भेजेगी।

नीतीश ने मोदी को और मांझी ने नीतीश को दी खुली बहस की चुनौती

पटना (सं.सू.)। बिहार में इन दिनों सिर्फ बहस ही नहीं हो रही है बल्कि एक नेता दूसरे को और तीसरे नेता पहले को बहस की चुनौती भी दे रहे हैं। जहाँ एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विकास के मुद्दे पर खुली बहस की चुनौती दी है वहीं हम पार्टी ने लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत है तो उनके नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से किसी भी मुद्दे पर खुली बहस कर लें।

विदित हो कि कुछ दिन पहले नरेंद्र मोदी को विकास के मुद्दे पर बहस की खुली चुनौती देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि चूंकि राजग ने बिहार में अपना नेता (मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार) घोषित नहीं किया है और वह प्रधानमंत्री के नाम पर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। उन्होंने कहा कि 'न्याय के साथ विकास' के बिहार माडल और गुजरात माडल जहां अधिकांश महिलाएं कुपोषण और खून की कमी की शिकार हैं पर बहस कर लें।



तो वहीं आज नीतीश कुमार को करारा जवाब देते हुए हम पार्टी ने प्रत्येक मुद्दे पर खुली बहस की खुली चुनौती दे दी। हम पार्टी ने कहा कि नीतीश कुमार जी ने अब तक मांझी जी के किसी भी आरोप का उत्तर नहीं दिया है।

RTI कार्यकर्ता को कालिख पोतने वालों को शिवसेना ने किया बर्खास्त

मुंबई (सं.सू.)। शिवसेना की युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने शनिवार को बताया कि लातूर के मराठवाड़ा क्षेत्र में आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता के मुंह पर कालिख पोतने वाले शिवसेना कार्यकर्ताओं को पार्टी ने बर्खास्त कर दिया है।

पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने ट्वीट किया, लातूर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में सुना। पार्टी ऐसे शर्मनाक कृत्य की दृढ़ता से निंदा करती है। जो भी इसमें शामिल थे उन्हें पार्टी से हटा दिया गया है।

हाल में पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन समारोह के आयोजक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष सुधीन्द्र कुलकर्णी पर कालिख पोतने की हाई प्रोफाइल आपराधिक घटना के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने शनिवार को लातूर में आरटीआई कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन भायकट्टी पर हमला किया और उनके चेहरे पर कालिख पोत दी।

स्थानीय शिक्षण संस्थान परिसर के निर्माण कार्य में कथित अनियमितताओं का खुलासा करने की धमकी देने के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने उन्हें बुरी तरह से पीटा और उनके चेहरे पर स्याही पोत दी।

भायकट्टी ने आरटीआई से मिले जवाब के जरिए यह खुलासा किया था कि लातूर-नांदेड़ मार्ग पर चार मंजिली इमारत और लड़कों के छात्रावास के निर्माण में करीब 14,000 स्क्वायर फुट अवैध निर्माण किया गया।

लातूर में शिवसेना कार्यकर्ता अभय सालुंखे ने भायकट्टी को एक ब्लैकमेलर करने वाला बताया और हमले को उचित ठहराया। घायल कार्यकर्ता को लातूर के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस बीच, लातूर पुलिस ने घटना के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया है।

पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री बने होते तो चीजें अलग होती-वेंकैया

नई दिल्ली (सं.सू.)। केन्द्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री बने होते तो चीजें अलग होतीं और साथ ही कहा कि उनकी याद के प्रति न्याय नहीं किया गया।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140वीं जयंती पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा ‘‘देश के लाखों लोगों की तरह मेरी भी यह राय है कि सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री रहे होते तो चीजें (अलग) होती।’’ दुनिया अलग होती,दुनिया में भारत का स्थान अलग होता और भारत का भूगोल भी अलग होता।

नायडू ने कहा कि वह अपनी राय जाहिर करने से अपने आप को नहीं रोक पा रहे हैं कि इतिहास ने पटेल की याद के प्रति न्याय नहीं किया, चाहे कारण जो कुछ हो। उन्होंने कहा कि पटेल ने अकेले दम पर विभिन्न प्रांतों और रजवाड़ों के भारत में विलय को सुनिश्चित किया। राष्ट्रीय एकता के लिए उनके कार्यों का हमें अनुसरण करना चाहिए, हमें दूसरों को भी उनके द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

लालफीताशाही के खिलाफ मोदी की मुहिम, 6 महीने में $60 अरब के प्रोजेक्ट्स क्लियर

नई दिल्ली (सं.सू.)। सरकारी लालफीताशाही की वजह से फंसे अरबों रुपए के प्रोजेक्ट्स की अड़चनें दूर करने के लिए खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने कवायद की है। इसके लिए मोदी हर महीने टॉप ब्यूरोक्रेट्स और राज्य के अफसरों के साथ मीटिंग कर रहे हैं। मोदी इन अफसरों से यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ये प्रोजेक्ट्स शुरू क्यों नहीं हो पा रहे? मोदी की इसी कोशिश की वजह से इस साल मार्च से लेकर सितंबर तक करीब 60 अरब डॉलर के सेंट्रल और स्टेट प्रोजेक्ट्स क्लियर हुए हैं।

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी आंकड़ों के हवाले बताया है कि मोदी की कोशिशों का नतीजा यह रहा कि मार्च से सितंबर के बीच 60 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स क्लियर हो गए। लेकिन 150 अरब डॉलर लागत वाले रोड, रेलवे, पावर स्टेशन और दूसरे प्राेजेक्ट्स रुके पड़े हैं।

मोदी ने इसके बारे में पहल मार्च में की थी। इसकी पब्लिसिटी उनकी पर्सनल वेबसाइट और टि्वटर अकाउंट से की गई। मोदी ने इसे प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लिमेंटेशन (PRAGATI) का नाम दिया। इसके तहत केंद्र और राज्य के अफसरों से मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करते हैं। आम तौर पर यह मीटिंग हर महीने के चौथे बुधवार को होती है।

मीटिंग में शामिल होने वाले अफसर फाइनेंस, कानून, लैंड, एन्वायरनमेंट, ट्रांसपोर्ट और एनर्जी से जुड़े मंत्रालयों से होते हैं। इन मंत्रालयों की प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देने में अहम भूमिका होती है। मीटिंग का एजेंडा एक हफ्ते पहले तय हो जाता है। इसमें दर्जनों रुके हुए प्रोजेक्ट्स, लोगों की समस्याएं और दूसरे सरकारी मुद्दों पर चर्चा होती है।

मीटिंग में शामिल हो चुके एक अफसर ने कहा कि डिस्कशन के लिए जब कोई प्रोजेक्ट सामने आता है तो मोदी उस मंत्रालय के प्रतिनिधि से पूछते हैं, जहां वो प्रोजेक्ट फंसा है। मोदी बस इतना ही पूछते हैं, ''प्लीज बताएं, यह क्यों नहीं हुआ?'' अफसर के मुताबिक, कई बार मीटिंग में चर्चा के लिए शामिल होने से पहले ही कुछ प्रोजेक्ट्स को क्लियरेंस मिल जाती है।

यूपी के सीएम और मोदी के राजनीतिक विरोधी माने जाने वाले अखिलेश यादव ने पीएमओ से दरख्वास्त की है कि प्रगति की मीटिंग में उनके राज्य के 1 बिलियन डॉलर लागत वाली मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को शामिल किया जाए। सितंबर में हुई मीटिंग में इस पर चर्चा हुई। इस प्रोजेक्ट को न केवल क्लियरेंस मिली, बल्कि सेंट्रल फंडिंग का वादा भी किया गया।

रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील का रास्ता साफ

नई दिल्ली (सं.सू.)। भारत रूस से दुनिया की मोस्ट एडवान्स्ड एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम खरीदने जा रहा है। इस डील के लिए भारत सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बीच डिफेंस मिनिस्टर कल (शनिवार) रूस रवाना होने वाले हैं। पर्रिकर ने रूस जाने से पहले रूसी न्यूज एजेंसी इटर-टास (ITAR-TASS) को दिए इंटरव्यू में उम्मीद जताई कि दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के पहले रूस से डील फाइनल हो जाएगी।

बता दें कि हाल ही में डिफेंस एग्जीबिशन काउन्सिल ने इंडियन एयरफोर्स के प्रपोजल को मंजूरी दी है। भारत रूस के साथ यह डील कितने में कर रहा है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम- S-400 खरीदने के बाद भारत चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा। भारत ऐसे 10-12 सिस्टम खरीदेगा।

यह मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर तक की रेंज में आने वाले दुश्मन के एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट, स्टील्थ प्लेन, मिसाइल और ड्रोन तक को मार गिराने की क्षमता रखता है। जाहिर है, भारत के बेहद नजदीक चीन या पाकिस्तान से किसी हमले के हालात में यह बेहद कारगर साबित होगा। रूस की एस-400 डिफेंस सिस्टम में अलग-अलग क्षमता की तीन तरह की मिसाइलें मौजूद हैं। यह न्यू जेनरेशन का एंटी एयरक्राफ्ट-एंटी मिसाइल सिस्टम है। ये सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें 120-400 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को आसानी से मार गिरा सकती हैं। रूसी एक्सपर्ट्स का दावा है कि एस-400 मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में वार कर सकता है। यह रडार पर पकड़ न आने वाले स्टील्थ मोड के फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट (अमेरिकन एफ-35 फाइटर जेट) को भी मार गिरा सकता है। चीन ने भी यही मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ एक साल पहले 3 अरब डॉलर की डील की थी।

डिफेंस मिनिस्ट्री का आर्मी को आदेश-भैंसों की बलि देने का रिवाज रोका जाए

नई दिल्ली (सं.सू.)। डिफेंस मिनिस्ट्री ने आर्मी से कहा है कि वे भैसों की बलि देने का रिवाज बंद करें। मिनिस्ट्री ने आर्मी से कहा है कि उसकी किसी भी यूनिट में ऐसा न हो पाए। यह भी कहा गया है कि मवेशियों की बलि देना कानून के खिलाफ है।
क्या है मामला?
एक अंग्रेजी अखबार ने मिनिस्ट्री के सूत्रों के हवाले से ऐसा निर्देश जारी किए जाने की पुष्टि की है। बता दें कि आर्मी की कुछ यूनिट दशहरे पर भैंसे की बलि देती है। यह एक गोरखा रिवाज है। सूत्र ने कहा, ''शर्तिया तौर पर यह एक पुरानी परंपरा है, लेकिन अब यह भारतीय कानून के खिलाफ है। बहुत सारे ऐसे कानून हैं, जिनके मुताबिक इस तरह से मवेशियों को काटना या उनकी बलि देना नियमों के खिलाफ है।'' इस महीने की शुुरुआत में यह निर्देश जारी किया गया। आर्मी को यह तय करने को कहा गया कि किसी भी गोरखा यूनिट में दशहरे के मौके पर भैंसे की बलि न दी जाए।
क्या तर्क है सरकार का?
सरकार का मानना है कि इस तरह की बलि देना क्रूरता है, इसलिए मवेशियों को मारने के लिए बने कानूनों का पालन किया जाए। हालांकि, सरकार को पता है कि कुछ लोग इस ट्रेडिशन को जारी रखना चाहते हैं। मिनिस्ट्री के सूत्र के मुताबिक, अगर ऐसा करना जरूरी हो तो नियमों का पालन करते हुए जानवरों को सरकारी स्लॉटर हाउस ले जाकर बलि दी जा सकती है।
पूर्व सैनिकों ने किया स्वागत
सरकार के इस फैसले का बहुत सारे पूर्व सैनिकों ने स्वागत किया है। 4/5 गोरखा बटालियन के रिटायर्ड ब्रिगेडियर रतन कौल ने कहा कि हमें वक्त के साथ बदलना ही होगा। सरकार के इस कदम के विरोध का कोई मतलब नहीं बनता।

सुब्रह्मण्यम स्वामी बोले-अपना काम करें रघुराम राजन, 'ग्रैंडफादर' की तरह न बोलें

नई दिल्ली (सं.सू.)। समाज में बिगड़ते माहौल और मोदी सरकार के कामकाज के तौर-तरीकों को लेकर घमासान बढ़ता ही जा रहा है। RBI गवर्नर रघुराम राजन ने जब आर्थ‍िक तरक्की के लिए सहनशीलता को जरूरी बताया, तो बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने उन्हें खरी-खोटी सुनाने में देर नहीं लगाई।

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने IIT दिल्ली में दिए रघुराम राजन के संबोधन पर कहा, 'राजन को RBI जाकर अपना काम करना चाहिए। उन्हें ग्रैंडफादर की तरह नहीं बोलना चाहिए।'

दरअसल, रघुराम राजन शनिवार को IIT दिल्ली में कन्वोकेशन प्रोग्राम के दौरान छात्रों को संबोध‍ित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सहनशीलता और हर किसी के लिए सम्मान की भावना से समाज में संतुलन कायम होगा, जो विकास के लिए जरूरी है। उन्होंने आर्थिक तरक्की के लिए बहस को जरूरी करार दिया। शायद यही बात सुब्रह्मण्यम स्वामी को चुभ गई।

दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने सरदार पटेल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। आनंद शर्मा ने कहा, 'पीएम जी, रन फॉर यूनिटी से लाभ नहीं होगा वर्क फॉर यूनिटी।' उन्होंने एक कदम आगे बढ़कर पीएम मोदी को अपनी वाणी पर अंकुश लगाने की नसीहत भी दे डाली।

रूसी यात्री विमान दुर्घटनाग्रस्त,सभी 224 यात्रियों की मौत

काहिरा (सं.सू.)। मिस्र के सिनाई प्रांत में शनिवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए रूसी विमान पर सवार सभी 224 यात्रियों की मौत हो गई है। घटना स्थल पर पहुंचे बचाव दल को सीट से बंधे बच्चों के शव मिले हैं। विमान में सवार 224 लोगों में से ज्यादातर पर्यटक थे। सूत्रों ने बताया कि शर्म अल-शेख के रेड सी रिसॉर्ट से विमान के उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद मिस्र के एटीसी के साथ उसका संपर्क टूट गया।

मिस्र के प्रधानमंत्री शरीफ इस्माइल के कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, एक रूसी असैन्य विमान मध्य सिनाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। विमान दुर्घटना के कारणों का अभी पता नहीं लगा है लेकिन सुरक्षा और विमानन अधिकारियों की प्राथमिक जांच से पता चलता है कि रूसी विमान ‘‘तकनीकी कारणों’’ से सिनाई प्रायद्वीप में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

रूसी मीडिया की खबर के अनुसार, यह विमान पश्चिमी साइबेरिया स्थित एक छोटी एयरलाइन कोगलीमाविया का था। सुरक्षा बलों ने दुर्घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया है और वहां एम्बुलेंस भेजे गए हैं।

प्रधानमंत्री इस्माइल ने कैबिनेट स्तरीय आपदा समिति गठित की है और हादसे से निपटने के लिए आपात बैठक बुलायी है। मिस्र के नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रूसी विमान का मलबा नॉर्थ सिनाई के दक्षिणी अल-अरिश शहर में मिला है।

कैबिनेट की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, ‘‘सैन्य विमानों ने विमान का मलबा खोज लिया है… पर्वतीय क्षेत्र में, और 45 एम्बुलेंस को मृत तथा घायलों को वहां से निकालने के लिए हादसे की जगह पर भेजा गया है।’’

विमान में 217 यात्रियों के साथ चालक दल के सात सदस्य थे। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि विमान में सवार सभी यात्रियों के मारे जाने की आशंका है क्योंकि विमान पूरी तरह नष्ट हो चुका है।

अधिकारी ने कहा, राहत दल और सुरक्षा बल जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं, हालांकि खराब मौसम के कारण इसमें दिक्कत आ रही है। रूसी विनानन सूत्रों के अनुसार विमान में कम से कम 17 बच्चे सवार थे।

शांति, एकता और सद्भाव विकास की पहली शर्त-मोदी

नई दिल्ली (सं.सू.)। राष्ट्रीय एकता की खातिर सरदार वल्लभ भाई पटेल के कार्यों का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि अगर भारत को आगे बढ़ना है और विकास की नयी उंचाइयां हासिल करना है तो इसके लिए एकता, शांति और सद्भाव पहली शर्त है। दादरी में पिछले दिनों एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या किए जाने, गौमांस विवाद और अन्य घटनाओं की पृष्ठभूमि में कथित तौर पर असहिष्णुता में वद्धि को लेकर कलाकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों द्वारा विरोध जाहिर किए जाने की पृष्ठभूमि में मोदी ने देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल की 140वीं जयंती पर अपने संबोधन में कहा एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। हमें एकता, शांति और सद्भाव के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर वंशवाद की राजनीति पर प्रहार करते हुए कहा कि यह हमारी राजनीति का विष बन गई है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने अपने परिवार के किसी भी सदस्य को राजनीति में आगे नहीं बढ़ाया। सरदार पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है और इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एकता के लिए दौड़ (रन फॉर यूनिटी) को झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने लोगों से पटेल का यह संदेश प्रचारित करने को कहा कि अपनी एकता की खातिर देश कुछ भी बलिदान दे सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा अगर देश को आगे बढ़ना है और विकास की नयी उंचाइयां हासिल करना है तो पहली गारंटी यह है, हमारी भाषा कोई भी हो, हमारी सोच कोई भी हो और कश्मीर से कन्याकुमारी तथा अटक से कटक तक हमारी प्रेरणा कोई भी हो, अगर हमारा लक्ष्य भारत माता को दुनिया में नयी उंचाइयों तक ले जाना है तो इसके लिए पहली शर्त एकता, शांति और सद्भाव है। उन्होंने कहा अगर 125 करोड़ भारतीय एकता, शांति और सदभाव के मंत्र के साथ कंधे से कंधा मिला कर एक कदम बढ़ाएं तो देश एक बार में 125 करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा।

मोदी ने कहा एकता के धागे में देश का बंधा होना हमारी ताकत है और एकता की खातिर कुछ भी बलिदान किया जा सकता है और यही सरदार साहब का संदेश है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन देश की एकता के लिए समर्पित था। उन्होंने यह भी घोषणा की कि एक भारत श्रेष्ठ भारत योजना जल्द ही शुरू की जाएगी जिसके तहत कोई भी राज्य हर साल किसी दूसरे राज्य को चुन कर उसकी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा दे सकेगा।

मोदी ने कहा मैंने एक छोटी समिति बनाई है जो इसके तौर तरीकों पर काम कर रही है। अपने संबोधन की शुरूआत में मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उनकी पुण्यतिथि पर याद किया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया था जिसे भुलाया नहीं जा सकता। प्रधानमंत्री ने कहा कि महान लोगों के कार्यों का मूल्यांकन करना हमारा काम नहीं है बल्कि हमें उनके योगदान को याद करना चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि दार्शनिक एवं न्यायविद चाणक्य के बाद सरदार पटेल को देश की अखंडता की खातिर सतत काम करने का श्रेय दिया जा सकता है। राजपथ पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा कि कई लोग महिलाओं को आरक्षण देने का श्रेय ले सकते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि 1930 के दशक में जब सरदार पटेल अहमदाबाद नगर निगम के महापौर थे तब उन्होंने महिलाओं को अधिकार संपन्न बनाने के प्रयास के तहत उनके लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव किया था।

इस अवसर पर गह मंत्री राजनाथ सिंह, शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू, दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग और राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मंच पर मौजूद थे। पटेल के योगदान को याद करते हुए मोदी ने कहा कि जब अंग्रेज विभाजन का खेल खेल रहे थे तब आजाद भारत के पहले गह मंत्री ने रियासतों का भारत संघ में विलय करवाकर राष्ट्रीय एकता की खातिर अथक परिश्रम किया था। मोदी ने कहा उन्हें लौह पुरूष इसलिए नहीं कहा जाता था कि किसी ने उन्हें इसका सर्टिफिकेट दिया था। वह लौह पुरूष इसलिए कहलाते थे क्योंकि उन्होंने कड़े फैसले किए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने हमें एक भारत देने के लिए काम किया था और अब इसे श्रेष्ठ भारत में बदलने की जिम्मेदारी हमारी है। उन्होंने कहा कि 1920 के दशक में अहमदाबाद के महापौर रहते हुए पटेल ने स्वच्छता के लिए अभियान चलाया था जो 222 दिन तक चला और इसकी तारीफ महात्मा गांधी ने की ,जो खुद बेहद सफाई पसंद थे।

मोदी ने लोगों को राष्ट्रीय एकता और देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शपथ भी दिलाई। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्राचीन ग्रंथों में भी राष्ट्रीय एकता की अवधारणा मौजूद है। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाएं बहुत पहले परिभाषित की गई थीं लेकिन सरदार पटेल ने उन्हें निश्चित आकार देने के लिए काम किया।

सरदार पटेल को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए सिंह ने कहा कि पटेल ने देश की एकता सुनिश्चित की जिससे देश को समद्ध होने में मदद मिली। अब हमें इसे बनाए रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। नायडू ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि पटेल को भारतीय इतिहास में वह जगह नहीं मिली जिसके वह हकदार थे, कारण चाहे जो भी रहे हों। उन्होंने कहा अब हमें उनके एकता और अखंडता के दर्शन को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।

Friday, October 30, 2015

बुखारेस्ट के नाइट क्लब विस्फोट, 27 की मौत

बुखारेस्ट (सं.सू.)। रोमानिया के गृह मंत्री ने बताया कि बुखारेस्ट के नाइट क्लब में हुए विस्फोट में 26 लोगों की मौत हो गई और 145 व्यक्ति घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गृह मंत्री गैबरियल ऑप्रेया ने कल बताया कि विस्फोट एक क्लब में हुआ था। दिगी 24 टेलीविजन की खबर में प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया गया है कि नाइट क्लब में एक बैंड अपनी प्रस्तुति दे रहा था। उसी दौरान मंच पर स्पार्किंग हुई और फिर विस्फोट हो गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने एंटीना 3 टीवी को बताया कि क्लब में करीब 300 से 400 लोग मौजूद थे। विस्फोट से लोगों में दहशत फैल गई और वहां अफरातफरी मच गई। ऑप्रेया ने उस क्लब का दौरा किया जहां गुडबाय टू ग्रैविटी क्लब की प्रस्तुति के दौरान विस्फोट हुआ था। मंत्रालय ने बताया कि मौके पर 60 एंबुलेंस और दमकल वाहन भेजे गए। मंत्रालय ने यह भी बताया कि करीब 50 लोगों को फ्लोरेस्का इमर्जेन्सी अस्पताल ले जाया गया है।

तृकां व माकपा नेताओं में लगी गोमांस खाने की होड़

कोलकाता (सं.सू.)। नई दिल्ली स्थित केरल भवन की कैंटीन में गोमांस की बिक्री को लेकर पुलिस की कथित छापेमारी के बाद उत्पन्न विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गोमांस पर पाबंदी लगाने और खाने-पीने के मामले में हस्तक्षेप का विरोध करते हुए शुक्रवार को कोलकाता में वाम मोर्चा के नेतृत्व वाली भाषा चेतना समिति के बैनर तले गोमांस पार्टी का आयोजन किया गया।

इसमें सत्ता पक्ष तृणमूल कांग्रेस के नेता भी शामिल थे। पूर्व मेयर और माकपा नेता विकास रंजन भट्टाचार्य, पूर्व माकपा विधायक अब्दुल रज्जाक मोल्ला, संगठन के सचिव इमानुल हक और कवि सुबोध सरकार की अगुवाई में प्रदर्शनकारियों का जुलूस विक्टोरिया हाउस पहुंचा।

सभी ने गोमांस खाकर उस पर लगे प्रतिबंध का विरोध किया। नेताओं ने संघ और विहिप बैन संबंधी पोस्टर लहरा कर विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गोमांस खाने पर पाबंदी लगाने और केरल भवन की कैंटीन में छापेमारी का विरोध किया था।

साहित्यकारों द्वारा पुरस्कार वापसी के विरोध में सिखों ने जलाई किताबें

नई दिल्ली (सं.सू.)। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह साहित्यकारों और लेखकों ने देश के बिगड़ते माहौल का हवाला देकर अवॉर्ड वापसी का सिलसिला शुरू किय़ा, उसके विरोध में आज दिल्ली में सिखों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अवॉर्ड लौटाने वाले यह लोग तब कहां थे जब 1984 के दंगे हुए।

1984 की सिख विरोधी हिंसा के शिकार लोगों को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे लोगों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर एक अनोखा प्रदर्शन किया। सिख प्रदर्शनकारियों ने 84 के दंगों पर लिखी गई करीब 500 किताबों को जला दिया।

दरअसल यह विरोध उन लेखकों और साहित्यकारों के खिलाफ है जो पिछले कुछ समय में देश का माहौल खराब होने और असहनशीलता बढ़ने की बात कर रहे हैं।सिख प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन लोगों ने तब अपनी आवाज क्यों नहीं उठाई जब 1984 के दंगे हुए थे।

लेखक एम एम कुलबर्गी की हत्या और दादरी में बीफ विवाद पर अखलाक की हत्या के बाद से पिछले कुछ दिनों में करीब 36 साहित्यकारों और 10 फिल्मकारों ने अपने अवॉर्ड लौटाने का एलान किया है। इनके अलावा इतिहासकारों और वैज्ञानिकों ने भी देश का माहौल खराब होने की बात कही है।

सरकार का प्रस्ताव 2,500 रु. घंटे से ज्यादा न हो हवाई किराया

नई दिल्ली (सं.सू.)। यदि सब कुछ ठीक रहा तो हवाई यात्रा करने वालों को प्रति घंटे उड़ान के लिए 2,500 रुपए से अधिक किराया नहीं देना पड़ेगा। सरकार की प्रस्तावित विमानन नीति के मसौदे में इस बात पर जोर दिया गया है। मसौदा शुक्रवार को जारी किया गया।

नागरिक विमानन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने प्रति घंटे 2500 रु. किराये से जुड़ी नीति पर कहा कि इसका लक्ष्य एयरपोर्ट डेवलपर्स और संचालकों के साथ-साथ आम आदमियों को लाभ पहुंचाना है। यह प्रस्ताव छोटे शहरों और कस्बों तक सस्ती उड़ान सेवाएं मुहैया कराना है। राजू ने कहा कि मसौदे में विदेश में घरेलू विमानन कंपनियों की सेवाएं शुरू करने के लिए नियमों में ढील देने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। इस पर हितधारकों और जनता से भी सुझाव मांगे हैं। इसे जनवरी, 2016 से लागू किया जाएगा।

नागरिक विमानन सचिव नयन चौबे ने बताया कि राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति का लक्ष्य हर व्यक्ति को सस्ती उड़ान सेवाएं उपलब्ध कराना है। देश में लगभग 430 हवाई-पट्टियां और एयरपोर्ट हैं, लेकिन इसमें से लगभग 90 ही संचालन में हैं। लगभग 300 एयरपोर्ट का तो बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं किया गया है। हर हवाईअड्डे को 50 करोड़ रुपए खर्च कर उन्नत बनाया जाएगा।

देशमें क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए सभी घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रा के टिकटों पर दो फीसदी शुल्क लगाने का प्रस्ताव है। इससे हवाई यात्रा महंगी हो जाएगी। सरकार को इससे सालाना करीब 1,500 करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इंडिगो और स्पाइसजेट और अन्य विमानन कंपनियों ने कहा कि इस कदम से क्षेत्रीय हवाई संपर्क के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास में मदद मिलेगी और लागत में कमी आएगी।

जंगलराज के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान वैश्य समाज को हुआ-संघी

मुजफ्फरपुर (सं.सू.)। अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. गिरीश कुमार संघी ने कहा कि कश्मीर से ज्यादा खूबसूरत बिहार है। यह किसी भी मामले में कम नहीं है, लेकिन जिस तरह से कश्मीर को आतंकियों ने बर्बाद किया, उसी तरह से बिहार को लालू और नीतीश ने बर्बाद कर दिया।

जनसंपर्क अभियान के तहत संघी ने वैश्य समाज के प्रमुख लोगों के साथ बैठक की। आरोप लगाया कि राजद के 15 साल के शासन के दौरान सबसे अधिक नुकसान वैश्य समाज को ही हुआ। अपहरण, रंगदारी व हत्या से यह समाज तबाह हो गया। कुछ लोग तो पलायन के लिए मजबूर हुए। नीतीश कुमार एक बार फिर जंगलराज लाने के लिए उतावले हैं। स्वार्थ व कुर्सी के लिए लालू से समझौता किया है, लेकिन जनता जंगलराज की वापसी नहीं चाहती और नया बिहार बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है। बिहार में राजग की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के लिए तीन चरणों में रिकॉर्ड मतदान हुए हैं। आठ नवंबर को जब चुनाव परिणाम घोषित होगा तो भाजपा गठबंधन की जीत होगी और सरकार बनेगी।

बकौल संघी, मुजफ्फरपुर शहर सहित जिला के सभी 11 सीटों पर वैश्य समाज एकजुट होकर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करेगा। लोकसभा चुनाव का भी रिकॉर्ड टूटने वाला है। जब तक बिहार का विकास नहीं होगा, देश का विकास संभव नहीं है। मोदी ने बिहार के साथ जो वादा किया, उसे पूरा कर रहे हैं। राज्य को विशेष पैकेज दिया है। इससे बिहार के विकास की गति तेज होगी और पढ़ाई, कमाई व दवाई के लिए लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

   

पाकिस्तानी अखबार में नीतीश के चुनावी विज्ञापन से सियासी भूचाल

पटना (सं.सू.)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दिए गये एक विज्ञापन को लेकर बिहार की राजनीति में बवाल शुरू हो गया है। नीतीश कुमार का विज्ञापन पाकिस्तान के अखबार डॉन के वेबसाइट में छपने की खबर से विपक्ष ने नीतीश पर निशाना साधा है। यह विज्ञापन अभी वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन कई नेता अपने ट्विट के माध्यम से शेयर कर रहे है। इस पर कई नेताओं ने अपनी प्रकिया दी है।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने फोटो के साथ ट्विट किया है। ट्विट लिखा है कि ''नीतीश कुमार पाकिस्तान के किस मतदाता को लुभाने के लिए यह विज्ञान दिया है''।

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि ''अमित शाह ने जो पाकिस्तान में पटाखें फोड़ने का बयान दिया है। उस बात का प्रमाणित करता है यह डॉन वेबसाइट का विज्ञापन। पाकिस्तान भारत की राजनीति को कमजोर करना चाह रहा है। इंदिरा गांधी से भी ताकतवर नेता है नरेंद्र मोदी। इंदिरा को विरासत में सता मिली थी,लेकिन मोदी को जनता ने सता दिया है''।

भाजपा सांसद अश्विनी चौबे ने कहा कि ''पाकिस्तान चाहता है कि नरेंद्र मोदी बिहार में कमजोर हो जाए। लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है''।

जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने एक टीवी पर बयान देते हुए कहा कि अभी हमने विज्ञापन नहीं देखा है। इसलिए कुछ कह नहीं सकता।

बिहार में पाकिस्तान की 'घुसपैठ' पर सियासी महाभारत

पटना (सं.सू.)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कल एक बयान दिया था, अगर बिहार में महागठबंधन जीतता है तो सबसे ज्यादा खुशी जेल में बैठे मोहम्मद शहाबुद्दीन को होगी और राजग हारती है तो परिणाम पटना में निकलेंगे लेकिन पटाखे पाकिस्तान में फूटेंगे। बिहार चुनाव में पाकिस्तान की घुसपैठ से सियासी भूचाल आ गया है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कहा कि क्या सभी बिहारी पाकिस्तानी हो गए हैं। वहीं राजद ने आज चुनाव आयोग को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा है जिसमें इस बयान को चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए इसे धार्मिक उन्माद फैलाने वाला बताया। आइए जाने सियासी भूचाल पर किसने क्या कहा-

कांटी में लालू बोले-पाकिस्तान में पटाखा फूटने की बात कह भाजपा पिछड़े, दलितों को पाकिस्तानी करार दे रही है। बिहार चुनाव लालू -नीतिश की नही बल्कि दलित -पिछडों की अंतिम लड़ाई है। उन्होंने कहा कि चारों तरफ 1995 वाली लहर है। पीएम मोदी पर प्रहार करते हुए लालू ने कहा कि महंगाई रोकने, काला धन लाने, युवाओं को रोजगार देने का वादा हवा में रह गया।

सुशील मोदी बोले- लालू-नीतीश शासन में आतंकी मजहब देखकर नरमी बरती गई
ट्विटर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने कहा, लालू-नीतीश शासन में एक समुदाय के वोट पर नजर रखकर बिहार को आतंकियों की पनाहगाह बना दिया गया। आतंकी का मजहब देखकर नरमी बरती गई। यूपी-महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों में बम धमाकों के गुनहगार यासीन भटकल की नेपाल में गिरफ्तारी के बाद बिहार पुलिस ने उसे हिरासत में लेने से इनकार कर दिया। भटकल से पूछताछ के लिए पटना से रवाना हुए एडीजी को नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर से ही लौटा लिया। मोस्ट वांटेड आतंकी को केंद्रीय एजेंसियों को सौंपने से पहले बिहार के डीजीपी ने न पूछताछ की, न रिमांड पर लिया। 25 साल में सीमावर्ती उत्तर बिहार के दर्जन-भर जिलों को आतंकवाद की नर्सरी बना दिया गया। बोधगया और पटना में सीरियल धमाके हुए। वोट के लिए लालू-नीतीश बिहार क्या पूरे देश को खतरे में डाल सकते हैं।

माकपा पोलित ब्यरो सदस्य वृंदा करात ने कहा, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा की हार से पाकिस्तान में पटाखे फूटेंगे। सांप्रदायिकता का यह चरम है। श्री साह को पटाखा फूटते देखने के लिये मतगणना के दिन पटना में रहना चाहिये।

अमित शाह की पत्नी ने कहा- एनडीए की जीत पक्की, पर बिहार का विकास मुश्किल


पटना (सं.सू.)। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पत्नी सोनल शाह ने कहा है कि बिहार में एनडीए की जीत होगी, लेकिन इस राज्य का विकास करना काफी मुश्किल काम है। शुक्रवार को एलजेपी सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और सोनल शाह एक प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे थे। इसी दौरान रामविलास पासवान ने सोनल शाह से पूछा कि बिहार में चल रहे चुनाव के बारे में उनकी क्या राय है? सोनल शाह ने इसका डिप्लोमेटिक जवाब दिया।

बिहार चुनाव में बीजेपी की क्या रणनीति है? इस सवाल पर सोनल ने चुप्पी साध ली और कहा कि वह सिर्फ अपने पति के बारे में बात कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने से वह (अमित शाह) पूरा समय चुनाव प्रचार में लगा रहे हैं। चुनाव के चलते पत्नी और परिवार को वह थोड़ा समय ही दे पाते हैं।

सोनल शाह ने यह भी कहा, 'पिछले कुछ दिनों से बिहार में हूं। मैंने महसूस किया है कि इस राज्य में विकास करना काफी कठिन है। यहां की सड़कें काफी खराब हैं। बिजली की हालत तो और भी दयनीय है। पीने के पानी की सप्लाई भी अच्छी नहीं है। वैसे उन्हें पूरा विश्वास है कि बिहार में बीजेपी की जीत जरूर होगी।'

बताया जा रहा है कि अमित शाह बिहार विजय के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। वह दिन भर चुनावी सभाएं करते हैं और रात के एक बजे तक एनडीए के नेताओं के साथ मीटिंग करते हैं। इसमें वह चुनाव प्रचार की दिशा और रणनीति पर चर्चा करते हैं। इस मीटिंग में उनके साथ रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और सुशील मोदी नियमित रूप से शामिल होते हैं। धर्मेंद्र प्रधान और अनंत कुमार अमित शाह को रोज बिहार में क्या हो रहा है, इससे अपडेट करते हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी की रैली से संबंधित प्रचार सामग्री के वितरण और प्रसारण की जिम्मेदारी अनंत कुमार को दी गई है। वहीं, धर्मेंद्र प्रधान अस्थायी कोषाध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। मीटिंग के दौरान आने वाले नेताओं और मिलने वाले लोगों के लिए चाय और कॉफी का खयाल अमित शाह खुद रखते हैं।

पटना में अब अरहर दाल 120 रुपए किलो

पटना (सं.सू.)। महंगी अरहर दाल से परेशान लोगों के लिए खुशखबरी है। केंद्र सरकार की ओर से सस्ती अरहर दाल की आपूर्ति बिहार के लिए शुरू हो गई है। नेफैड के पटना स्थित कार्यालय के पास यह दाल पहुंच भी गई है। केंद्रीय खादी उद्योग आयोग (केवीआइसी) के मार्फत इसकी बिक्री एक से दो दिन में शुरू होने की उम्मीद है। अरहर दाल की खेप पटना स्थित नेफेड के गोदामों में पहुंच गई है। यह 50 किलो के पैकेट में है। संस्थान के सूत्रों के मुताबिक वितरण के लिए अभी निर्देश आना बाकी है। हमें 50 किलो के पैकेट केंद्रीय खादी उद्योग आयोग (केवीआइसी) को उपलब्ध कराना है। उपभोक्ताओं को इसे अधिकतम दो किलो के पैक में देना है।

गुलाम अली आएंगे तो सरकार देगी पूरी सुरक्षा-फडणवीस

मुंबई (सं.सू.)। महाराष्ट्र में कानून का राज चलेगा। कानून तोड़नेवाला चाहे हमारी पार्टी का हो या शिवसैनिक, हम उस पर कार्रवाई करेंगे। अगर पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली मुंबई में कार्यक्रम करना चाहेंगे तो सरकार उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाएगी।

मुंबई में गुरुवार को आयोजित एक परिसंवाद में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में सिर्फ कानून का राज ही चलेगा। उन्होंने कहा कि बीते दिनों गुलाम अली के मुंबई में हुए कार्यक्रम के लिए भी सरकार ने जरूरी सुरक्षा व्यवस्था की थी, मगर कार्यक्रम का आयोजक पीछे हट गया। फडणवीस ने कहा कि अगर गुलाम अली मुंबई या महाराष्ट्र में कहीं भी कार्यक्रम करना चाहेंगे, तो सरकार उन्हें जरूरी सुरक्षा मुहैया करवाएगी। गुलाम अली एक कलाकार हैं और उन्हें किसी बंधन में नहीं बांधकर नहीं देखा जा सकता। अगर कोई कानून तोड़ेगा तो यह नहीं देखा जाएगा कि वह हमारी पार्टी का है या सहयोगी पार्टी का, उसे जेल में डाला जाएगा।

फडणवीस ने इस मौके पर कहा कि उनकी सरकार ने पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन के लिए पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए थे। सरकार ने राजधर्म का पालन करते हुए उन्हें सुरक्षा दी थी। इसका मतलब यह नहीं है कि हम उनके विचारों के हामी हैं। हमने उन्हें सुरक्षा दी और उनके कार्यक्रम को संपन्न करवाया।

शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच लगातार उभर रहे मतभेदों की जिम्मेदारी फडणवीस ने राष्ट्रीय मीडिया पर डालते हुए कहा कि मीडिया के मराठी भाषा नहीं समझ पाने के कारण ऐसा होता है। शिवसेना के साथ बढ़ते मतभेदों को नकारते हुए फडणवीस ने कहा कि दोनों दलों के बीच वैचारिक फर्क होने के कारण कभी कभी ऐसा होता है। अगर दोनों दल एक ही विचार के होते तो फिर एक ही पार्टी होती।

बीते साल 31 अक्तूबर को देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार का शपथग्रहण समारोह संपन्न हुआ था। अल्पमत की सरकार लगभग एक साल से शिवसेना के समर्थन से चल रही है, जो अक्सर सरकार की नीतियों की आलोचना करती आ रही है। बावजूद इसके फडणवीस का मानना है कि मंत्रिमंडल में सभी मुद्दों पर दोनों पार्टियां एकमत से निर्णय लेती हैं और उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।

बेगूसराय में 16 दिनों में 12 लोगों की हत्या

बेगूसराय (सं.सू.)। दिन सोलह और हत्या बारह। कुछ ऐसी ही आपराधिक ग्राफ से बेगूसराय जिला जूझ रहा है। बेगूसराय जिले में प्रतिदिन हत्या, लूटपाट व अन्य घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। इससे पुलिस प्रशासन का जहां सिरदर्द बढ़ा है, वहीं आमलोगों की नींद हराम हो गई है। जिले की पुलिस के सामने अपराध पर अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती बन गयी है।

जिला पुलिस प्रशासन की लाख सक्रियता और मुस्तैदी के बाद अपराधी दिनदहाड़े घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बेगूसराय में 12 अक्तूबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद अपराध की घटनाएँ बेकाबू हो गयी हैं। अपराधियों की गोली से जिला थर्रा उठा है। इसमें कोई शक नहीं कि अपराधियों पर नकेल कसने में जिला पुलिस प्रशासन कठिन मशक्कत कर रही है। इसके बाद भी अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।

13 अक्तूबर को लाखो थाना क्षेत्र के 13 वर्षीय होरिल की निर्मम हत्या अपराधियों ने कर उसके शव को गड्ढे में फेंक दिया, जिसे बाद में पुलिस ने बरामद किया था। 14 अक्तूबर को मंसूरचक थाना क्षेत्र में शिक्षक महमूद की अपराधियों ने गोली मार कर दिनदहाड़े हत्या कर पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती दी थी। इस घटना के बाद कई दिनों तक लोगों के द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था। 14 अक्तूबर को रात्रि में ही गढ़पुरा थाना क्षेत्र में 20 वर्षीय गोविंद कुमार की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। 15 अक्तूबर को तेयाय ओपी थाना क्षेत्र के महेशपुर गांव के राजकुमार पासवान और पत्नी सुनीता देवी की गोली मार कर हत्या की गयी है।

16 अक्तूबर बरौनी जंकशन के पास मधुरापुर निवासी 35 वर्षीय अशोक सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। 19 अक्तूबर को गढ़हारा थाना के ठकुरीचक निवासी मनोज सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गयी। 22 अक्तूबर को नावकोठी थाना क्षेत्र के रजाकपुर गांव में 65 वर्षीय महिला यशोदा देवी की हत्या अपराधियों ने कर दी।

22 अक्तूबर को ही भगवानपुर थाना क्षेत्र के हरिचक निवासी मुकेश महतो की हत्या अपराधियों से सोये अवस्था में कर दी। इस घटना के बाद भी सड़क जाम कर आंदोलन आक्रोशित लोगों ने कर दिया। वहीं 23 अक्तूबर को तेघड़ा थाना क्षेत्र में गौड़ा निवासी 50 वर्षीय देवनारायण पंडित की पीट कर हत्या कर दी गयी। जबकि 24 अक्तूबर को लाखो ओपी में हर्रख निवासी मो शोएब का अपराधियों ने फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया। हालांकि इस घटना में एसपी मनोज कुमार के नेतृत्व में पुलिस की टीम तत्परता दिखाते हुए अपहृत युवक को फिरौती की पांच लाख राशि के साथ बरामद कर लिया।

27 अक्तूबर को अपराधियों ने तमाम कानून व्यवस्था को धता बताते हुए पुलिस प्रशासन को जीरो पर आउट कर सैप जवान की हत्या कर दी। इस घटना में थानाध्यक्ष समेत अन्य कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये। जिले में लगातार घट रही घटना से आमलोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

कपिलदेव ने सहवाग को बताया सचिन से बेहतर

दुबई (सं.सू.)। भारत को विश्व चैम्पियन बनाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान कपिल देव का मानना है कि लीजेंड क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपनी क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर सके और वह सक्षम होने के बावजूद यह नहीं जानते थे कि किस तरह से दोहरे, तिहरे शतक और 400 रन बनाये जाते हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दुबई में आयोजित एक समारोह में कपिल देव ने कहा, ‘सचिन ने अपने टैलेंट का पूरा इस्तेमाल नहीं किया। उन्हें दोहरे या तिहरे शतक बनाने नहीं आते थे। बस शतक बनाकर वो संतुष्ट हो जाते थे।’

कपिल देव ने कहा, ‘‘मुझे गलत मत समझना लेकिन मेरा मानना है कि सचिन अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर सके। मुझे हमेशा से यही लगता है कि उन्होंने (सचिन) जितना क्रिकेट को दिया, वह उससे बहुत अधिक दे सकते थे।’’

56 वर्षीय पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘सचिन खुद को मुंबई क्रिकेट से जोडे रहे। उन्होंने खुद को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से जोडऩे की कभी कोशिश नहीं की। मेरा मानना है कि उन्हें विवियन रिचर्ड्स के साथ अधिक समय बिताना चाहिये था जितना उन्होंने मुंबई के लडक़ों के साथ बिताया था और साफ क्रिकेट खेली। वह एक बेहतर क्रिकेटर थे लेकिन कहीं न कहीं मुझे लगता है कि वह सिर्फ शतक लगाना जानते थे, उन्हें बडे दोहरे शतक, तिहरे शतक और 400 का स्कोर करना नहीं आता था।’’

भारतीय टीम को पहली बार विश्वकप जिताने वाले पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘सचिन क्षमतावान थे। वह तकनीकी तौर पर भी बेहतर थे लेकिन मुझे लगता है कि रिचर्ड्स की तरह वह गेंदबाजों की बुरी तरह धुनाई नहीं करते थे। रिचर्ड्स उनके मुकाबले बहुत बेहतर थे।’’

उन्होंने कहा, ‘मुझे सचिन के साथ वक्त बिताने का मौक़ा बहुत कम मिला वर्ना मैं उनसे कहता कि अपने खेल का पूरी तरह से लुत्फ़ उठाओ। वीरेंद्र सहवाग की तरह खेलो।

पूर्व आस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वार्न ने कहा कि सचिन बहुत खास थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे 20 वर्षों के क्रिकेट कॅरियर में वह (सचिन) सबसे बेहतर क्रिकेटर थे जिनके खिलाफ मुझे खेलने का मौका मिला। वह तेज गेंदबाजी और स्पिन दोनों ही तरह की गेंदबाजी को सही से जांच लेते थे और वह सचमुच श्रेष्ठ क्रिकेटर थे। वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी शानदार तरीके से खेले और 90 के दशक में वह सभी गेंदबाजों के लिये खतरा साबित होते थे।’’

वार्न ने साथ ही कहा, ‘‘मैं सचिन के साथ फिलहाल व्यापार कर रहा हूं और उनके दूसरे पक्ष को भी देख रहा हूं। वह एक बेहतरीन मित्र भी हैं।’’

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने कहा कि वकार युनूस और उन्हें इस बात का मलाल है कि सचिन के साथ वह लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सके।

अकरम ने कहा, ‘‘वकार यूनुस और मुझ जैसे तेज गेंदबाजों को इस बात का मलाल है कि हम करीब दस वर्षों तक भी सचिन के साथ टेस्ट क्रिकेट नहीं खेल सके’’
   
अकरम ने कहा, ‘‘जब उन्होंने 16 वर्ष की उम्र में 1989 में पदार्पण किया था, तब हमने उनके खिलाफ गेंदबाजी की थी और उसके बाद वर्ष 1999 में भारत के खिलाफ खेले थे। जैसा कि वार्न ने कहा कि वह अपने खेल में श्रेष्ठ थे तो उनके नाम दर्ज 100 अंतरराष्ट्रीय शतक उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।’’

दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला तीनों बिजली कंपनियों का नहीं होगा CAG आडिट

नई दिल्ली (सं.सू.)। दिल्ली हाइकोर्ट ने दिल्ली की बिजली कंपनियों के सीएजी ऑडिट के मामले में फ़ैसला सुना दिया है। कोर्ट का फैसला है कि दिल्ली की तीनों बिजली कंपनियों का CAG आडिट नहीं होगा।

दिल्ली हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने दिल्ली की बिजली कंपनियों के CAG आडिट के मामले में अपना फैसला सुनाया है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने जनवरी 2014 में तीनों बिजली कंपनियों BSES राजधानी, BSES यमुना और TATA पावर के सीएजी आडिट के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ कंपनियों ने हाइकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। हालांकि सिंगल जज ने अर्जी खारिज करते हुए सीएजी आडिट की इजाजत देते हुए कंपनियों को सहयोग करने को कहा था। इसके खिलाफ बिजली कंपनियों ने डबल बेंच में अपील की थी। इस मामले में ऊर्जा नाम की RWA ने भी हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है।

इससे पहले अगस्त के महीने में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से दिल्ली सरकार को सस्ते दर पर बिजली खरीदने की अनुमति देने का आग्रह करते हुए कहा था कि सस्ते दर पर बिजली उपलब्ध है। उनका कहना था कि दिल्ली में बिजली दर ऊंची इसलिए है, क्योंकि आधी से अधिक बिजली प्रति यूनिट 5.50 रुपये की दर से खरीदी जा रही है।

यही नहीं देश के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट ने आप सरकार के इस आरोप को और मजबूत किया था कि दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियां अपने खाते में हेराफेरी करती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी की तीनों डिस्कॉम कंपनियों ने बढ़ा-चढ़ाकर घाटा दिखाया है।

महाराष्ट्र CM राहत कोष से मिला पैसा डांस ग्रुप ने लौटाया

मुंबई (सं.सू.)। मुख्यमंत्री राहत कोष के धन का इस्तेमाल महाराष्ट्र सरकार के कर्मचारियों के डांस ग्रुप को थाइलैंड यात्रा पर भेजने के लिए किए जाने के मुद्दे पर विवाद पैदा होने के बाद इस डांस ग्रुप ने आठ लाख रुपये कोष में लौटा दिए हैं।

राहत कोष से धन सचिवालय जिमखाना को दिया गया था, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करते हैं। यह धन 15 नर्तकों की यात्रा को प्रायोजित करने के लिए दिया गया था। हर कलाकार के लिए 50 हजार रुपये की मंजूरी दी गई थी। शेष 50 हजार रुपये की राशि विभिन्न अन्य खर्चों के लिए थी।

राज्य में भारी सूखे को देखते हुए विपक्ष ने सरकार के इस कदम की आलोचना की थी। इसके बाद पूरी रकम का चेक राहत कोष में लौटा दिया गया है। डांस ग्रुप के सदस्यों ने नृत्य प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने धन से यात्रा करने का फैसला किया है।

इस समूह के एक सदस्य अर्जुन राणे ने कहा, हां, हमने धन लौटा दिया है। हम प्रतियोगिता के लिए अब अपने खर्च पर जाएंगे। समूह के अन्य सदस्यों ने कहा कि उन्हें दुख पहुंचा और उन्हें लगा कि धन लौटा देना सही है। इस समूह के नर्तक सचिवालय में सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने निजी तौर पर आयोजित समारोह फिफ्थ कल्चरल ओलंपियाड ऑफ परफॉर्मिंग आट्र्स 2015 में प्रवेश किया है।

आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा सूचना के अधिकार कानून के तहत दायर किए गए सवाल के जवाब में कहा गया था कि कोष में से आठ लाख रूपए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले सचिवालय जिमखाना को हस्तांरित किए गए हैं। यह धन नर्तकों की 26 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलने वाली यात्रा के लिए था।

चैरिटी कमिश्नर के पास वर्ष 1967 में पंजीकृत मुख्यमंत्री राहत कोष का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद के लिए किया जाता है। लेकिन नृत्य प्रतियोगिता के लिए आर्थिक मदद की मंजूरी एक विशेष मामले के रूप में दी गई। यह मंजूरी ऐसे समय दी गई, जब राज्य के किसान सूखे से जूझ रहे हैं। कुल 660 किसान इस साल राज्य में आत्महत्या कर चुके हैं।

विपक्ष समेत कई ओर से आलोचनाओं से घिर जाने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि धन का हस्तांतरण बिल्कुल स्पष्ट था। विपक्ष ने कोष के दुरुपयोग पर सवाल उठाए थे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था, हम यह दोहराना चाहते हैं कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों में वितरित किया गया धन राहत कोष से था, न कि सूखा कोष या जलयुक्त शिवार कोष से। वर्ष 2001 में जारी सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं के समय से इतर, कोष का इस्तेमाल सात अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

मुझे गालियाँ देनेवाले अब बिहारियों को गाली दे रहे हैं-नमो

गोपालगंज (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव के चौथे चरण के मतदान से ठीक दो पहले गोपालगंज में चुनावी रैली की। उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि महागठबंधन के लोग निम्न स्तर की भाषा पर क्यों उतर आए हैं। कारण ये है कि वे जनता का मोदी प्रेम वे पचा नहीं पा रहे हैं। जैसे जैसे आपका प्रेम बढ़ रहा है उनकी गालियां बढ़ती जा रही हैं।

गरीब से गरीब व्यक्ति भी ये स्वीकार नहीं करेगा कि कोई उसे बिकाऊ कहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, मोदी पर आरोप लगाते लगाते थक गए तो बिहारियों को गाली देने लगे। उन्होंने कहा, नीतीश का आरोप है कि मोदी की सभा में जो लोग आते हैं कि वो पैसों पर आते हैं। उन्होंने जनता से पूछा कि ज्यादा नीतीश का आरोप गलत है कि नहीं। नीतीश ने बिहारियों को बिकाऊ कहा। जनता इसका जवाब उन्हें चुनाव में देगी।

उन्होंने कहा, ये तो लालू जी का इलाका है, उनके शासनकाल में अपहरण उद्योग के कारण यहां के नौजवानों का बिहार से पलायन हुआ। बिहार में सबसे ज्यादा पलायन सीवान के बाद गोपालगंज से हुआ। मोदी ने कहा, बिहारी नौजवानों को बाहरी किसने बनाया। हमें बिहार के लोगों को यही रोजीरोटी मिले यही हमारा मकसद है। उन्होंने कहा, ये बड़े भाई छोटे भाई क्या विकास करेंगे। बड़े भाई को सिर्फ बेटों की फिक्र है। जेल गए तो बीवी को सत्ता दे दी। फिर जेल जाना है तो बेटों को तैयार कर रहे हैं। ऐसे परिवार को सत्ता सौंपेंगे क्‍या आप लोग। इनसे बचने का एक ही रास्ता है, बिहार का विकास। यही विकास बिहार को बर्बादी से बचा सकता है।

मोदी ने कहा, ये महागठबंधन वाले मुझे इतनी गालियां देते हैं, लेकिन एक बार भी भ्रष्टाचार का आरोप लगा पाए। उन्होंने अपील की कि मुझे बिहार के लिए एक मौका दीजिए, मैं ये तिजोरी लूटने का काम बंद कराना है।

नीतीश जी ने कहा था कि किसी का भी भ्रष्टाचार पता चलेगा तो मैं उसके घर में स्कूल खोलूंगा। लालू जी को भ्रष्टाचार में जेल हुई, उनके घर में स्कूल क्यों नहीं खोला। जदयू के मंत्री पकड़े गए, बिहार बेचने के एडवांस लिए जा रहे हैं। उस मंत्री का घर जब्त किया कि नहीं, उनके घर में स्कूल क्यों नहीं खुला। अभी तो आपकी ही सरकार है।

मोदी ने नीतीश और लालू काल के 33 घोटालों की सूची पढ़ते हुए बताया यहां अलकतरा घोटाला, दवाई खरीद घोटाला, ट्रांसफार्मर घोटाला, नॉमिनेशन घोटाला, मस्टर रोड घोटाला, राशन घोटाला, शराब घोटाला, सिपाही नियुक्ति घोटाला, नलकूप घोटाला, शौचालय घोटाला, मनरेगा घोटाला, मिडडे मील घोटाला, आंगनबाड़ी घोटाला, कुलपति नियुक्ति घोटाला, कंबल खरीद घोटाला, परिवहन घोटाला, बुद्ध स्मृति घोटाला, रेलवे में भी घोटाला और लालू जी को जिसमें सजा हुई उस चारा घोटाला की तो मैंने बात ही नहीं की है।

पीएम ने कहा कि ये चुनाव सिर्फ सरकार बनाने के लिए नहीं ये बिहार से घोटालेबाजों को भगाने के लिए है।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश बाबू कहते हैं, कि मुझे पुराने दिन लौटा दो, क्या अपहरण, लूट, बलात्कार के दिन चाहिए क्या। फिर से चंबल बनने देना है क्या। बिहार को पुराने दिन मंजूर नहीं हैं।

बिहार के मां-बाप चाहते हैं कि उनका बेटा बड़ा होकर पैसा कमाए,  स्वाभिमान से जीने के लिए उसे अवसर चाहिए और सरकार उसे नहीं दे रही है। रोजगार नहीं मिलेगा तो क्या बिहार के नौजवानो का स्वाभिमान बचेगा क्या?

राज्य में उद्योग लगाने के लिए बिजली चाहिए। नीतीश कुमार ने कहा था कि बिजली नहीं दे पाया तो वोट मांगने नहीें आउंगा। पीएम ने कहा कि बिहार को पढ़ाई, कमाई और दवाई देने वाली सरकार चाहिए जो बिजली, पानी और सड़क भी दे सके।

आरक्षण मुद्दे को निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा कि पिछले दिनों विकास की बात पर बहस करने के लिए कुछ नहीं था तो महागठबंधन के नेता आरक्षण की बहस शुरू कर दी थी।

हमने उनका कच्चा चिट्ठा खोल दिया था। देश की संसद में  24 अगस्त 2005 को नीतीश कुमार ने कहा था कि दलितों का, महादलितों का, पिछड़े और अतिपिछडें के आरक्षण से 5 फीसद आरक्षण लेकर दूसरे संप्रदाय को दे दिया जाए। देश की संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की बात नहीं कही गई है।

मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि मैं दलित मां का बेटा हूं तो क्या मैं विकास की बात नहीं कर सकता हूं? नीतीश के पास जब जनता के पास जाने की हिम्मत नहीं है तो वो तांत्रिक के पास जा रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश जी ने कहा था कि अगर 2015 तक बिहार के हर गाँव और हर घर तक बिजली नहीं पहुँचती है तो वे वोट मांगने नहीं जाएंगे फिर क्यों आते हैं वोट मांगने?

श्री मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि भ्रष्टाचारियों के घर जब्त कर उनमें गरीब बच्चों के लिए सरकारी स्कूल खोला जाएगा फिर उन्होंने लालू प्रसाद के घर में अब तक स्कूल क्यों नहीं खोला? साथ ही मोदी ने पूछा कि नीतीश अपने उन मंत्री और विधायक के घरों में कब स्कूल खोलने जा रहे हैं जो कुछ दिन पहले कैमरे के सामने घूस लेते पकड़े गए हैं? श्री मोदी ने कहा कि उनको घोर विरोधी भी उनकी सरकार पर एक पैसे के घोटाले का आरोप नहीं लगा पाए हैं और जनता से पूछा कि आपको बिहार में भी ईमानदार सरकार चाहिए कि नहीं?

Thursday, October 29, 2015

पैंट्री कार वाली ट्रेनों में मिलेगा यात्रियों को ई-कैटरिंग का लाभ

नई दिल्ली (सं.सू.)। ट्रेनों में खाने की क्वालिटी और मनमाने दामों से परेशान यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर। अगर आपको पैंट्री कार वाली अपनी ट्रेन का खाना पसंद नहीं है या कैटरिंग कांट्रैक्टर के बर्ताव से असंतुष्ट हैं तो अगले स्टेशन पर ई-कैटरिंग के जरिए बाहर का ब्रांडेड खाना मंगा सकते हैं। हालांकि यह खाना आपकी सीट पर नहीं मिलेगा। इसके लिए आपको ट्रेन के दरवाजे या प्लेटफार्म तक जाने की जहमत उठानी पड़ेगी।

रेलवे ने आइआरसीटीसी की ई-कैटरिंग सेवा फूड ऑन ट्रैक का विस्तार किया है। इसके तहत वेब, फोन या एसएमएस के जरिए पहले से आर्डर करने वाले ट्रेन यात्री अगले स्टेशन पर अपनी पसंद का ब्रांडेड पैकेटबंद खाना ट्रेन के दरवाजे या प्लेटफार्म पर डिलीवरी मैन से प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि नियमानुसार पैंट्री कार वाली ट्रेनों में बाहरी कैटरिंग कंपनियों के खाना डिलीवर करने वाले आदमियों को ट्रेन के भीतर प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। वैसे यह सुविधा बिना पैंट्री कार वाली ट्रेनों में भी उपलब्ध होगी। फिलहाल 45 स्टेशनों पर यह नई ई-कैटरिंग सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। इनमें हावड़ा, सियालदह, गुवाहाटी, न्यू जलपाईगुड़ी, पटना, भुवनेश्वर, मुगलसराय, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ एनआर, लखनऊ जंक्शन, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन, नई दिल्ली, अमृतसर, चंडीगढ़, लुधियाना, आगरा कैंट, ग्वालियर, झांसी, भोपाल जैसे स्टेशन शामिल हैं। वैसे यात्री प्लेटफार्म पर आइआरसीटीसी के फूड प्लाजा और फास्ट फूड यूनिटों से किफायती जन आहार भी खरीद सकते हैं।

रेल मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार स्टेशन आधारित ई-कैटरिंग का मकसद पैंट्री कार वाली ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारना और कैटरिंग कांट्रैक्टर्स की मनमानी पर अंकुश लगाना है। क्योंकि जब खाने या व्यवहार से असंतुष्ट यात्री बाहर का खाना मंगवाएंगे तो कांट्रैक्टर के होश अपने आप ठिकाने आ जाएंगे और वह क्वालिटी व सेवा पर ध्यान देने को विवश होगा। यदि स्कीम कामयाब रही तो आगे चलकर राजधानी, शताब्दी जैसी उन ट्रेनों के यात्रियों को भी यह विकल्प मिल सकता है, जिनमें खाने की कीमत किराये में जुड़ी होती है। इसके लिए बुकिंग के वक्त ई-कैटरिंग का विकल्प देना होगा। तब किराये में खाने की कीमत नहीं जोड़ी जाएगी। इससे पहले ई-कैटरिंग की सुविधा केवल बिना पैंट्री कार वाली 1516 ट्रेनों में (सीट पर) उपलब्ध थी। पैंट्री कार वाली ट्रेनों के यात्रियों को इसकी सुविधा नहीं थी।

   

पुरस्कारों को लौटाना महज ‘‘दिखावा’’-जी माधवन नायर

हैदराबाद (सं.सू.)। देश में कथित तौर पर ‘‘बढ़ती असहिष्णुता’’ के आरोप के साथ वैज्ञानिकों और लेखकों द्वारा अपने पुरस्कारों को लौटाने के कदम को आज जानेमाने अंतरिक्ष वैज्ञानिक जी माधवन नायर ने खारिज करते हुए कहा कि उनकी गतिविधि सिर्फ ‘‘दिखावा’’ है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश में ‘‘कुछ एक घटनाएं हो सकती हैं’’ और इसके लिए तत्कालीन सरकार को जिम्मेदार ‘‘नहीं ठहराया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि अधिकतर सम्मान लोगों को उनकी जीवन भर की उपलब्धियों के लिए दिया जाता है और ‘‘आप (उन्हें लौटाकर) उसे कमतर नहीं कर सकते। लोगों को गौरवान्वित होना चाहिए कि राष्ट्र ने उन्हें सम्मानित किया है और जब तक वे इस दुनिया में हैं, वह (सम्मान) उनके साथ रहता है।’’ उन्होंने से कहा पुरस्कार लौटाने से न तो सरकार को मदद मिलती है और न ही व्यक्ति को।

एक सवाल के जवाब में नायर ने दावा किया, ‘‘ :पुरस्कारों के लौटाने में: कुछ राजनीतिक एजेंडा हो सकता है। इससे इंकार नहीं किया जा सकता। हमेशा कुछ लोग होते हैं जो एक या अन्य दर्शन को मानते हैं। उसके पीछे कुछ राजनीतिक मकसद भी हो सकते हैं।’’ पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित नायर ने कहा कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए काफी प्रचार होने के कारण यह जंगल में आग की तरह फैल रहा है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और लेखकों जैसे परिपक्व लोगों को इस तरह से प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए और उन्हें रचनात्मक तरीके से प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सम्मान लौटाने की कार्रवाई ‘‘सिर्फ एक दिन के लिए खबर बनती है’’ और इससे कोई मकसद नहीं पूरा होता। कोई यह काम कर सकता है कि वह ‘‘संबंधित लोगों’’ से बातचीत करे, उन्हें राजी करे और उन्हें ‘‘मुख्य धारा’’ में वापस लाए।

उन्होंने कहा, ‘‘और उसके बाद हम कह सकते हैं कि हमने समाज के लिए कुछ किया है। हमें अग्र।सक्रिय होना होगा और इस प्रकार के कदम के बदले सुधारात्मक कदम उठाना होगा।।।। मैं कहूंगा कि यह सिर्फ दिखावा है।’’ यह पूछे जाने पर कि कथित असहिष्णुता की घटनाओं के लिए सरकार को दोषी ठहराना अनुचित होगा, नायर ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से। सरकार के पास पहले से ही काफी जिम्मेदारियां हैं। वे देश के विकास और आम लोगों की समस्याओं को दूर करने की बात कर रहे हैं। यह काफी कठिन कार्य है।’’

विकास दर में भारत ने चीन समेत पूरी दुनिया को पीछे छोड़ा

नई दिल्ली (सं.सू.)। वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बीच भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास दर हासिल करने वाला देश बन गया है। भारत ने पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि हासिल की है। यह खुलासा विश्व बैंक ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में किया है। विश्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत रहेगी और एक साल बाद यह करीब आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी।

विश्व बैंक ने गुरुवार को यहां ‘इंडिया डवलपमेंट अपडेट’ रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में भारत की विकास दर 7.5 प्रतिशत, 2016-17 में 7.8 प्रतिशत और 2017-18 में 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

उल्लेखनीय है कि चीन की विकास दर सुस्त पड़ गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित कई वैश्विक संस्थाओं का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में चीन की वृद्धि दर सात प्रतिशत से नीचे रहेगी। हाल के वर्षो में चीन की यह न्यूनतम वृद्धि दर होगी। विश्व बैंक ने कहा कि अल्पावधि में वैश्विक परिस्थिति के मद्देनजर भारत की स्थिति बेहतर है। चीन के साथ भारत का व्यापार कम होने तथा विदेशी मुद्रा भंडार भी पर्याप्त होने से भारत की स्थिति बेहतर है। 2012-13 में भारत के पास छह महीने के आयात के लिए विदेशी मुद्रा भंडार था वहीं अब यह 9 महीने के आयात के बराबर है। साथ ही रुपया भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा चालू खाते का घाटा भी कम हो रहा है।

हालांकि विश्व बैंक ने कहा कि विकास दर को तेज करने के लिए निवेश की दर 8.8 प्रतिशत बनाए रखनी होगी। साथ ही उच्च विकास दर को बनाए रखने के लिए निर्यात वृद्धि दर को भी उठाना भी होगा। भारत में विश्व बैंक के निदेशक ओनो रुहल ने कहा कि भारत की मध्यवधि स्थिति अच्छी है। सतत विकास दर तथा रोजगार सृजन तेज करने के लिए लंबित सुधारों को लागू करने की जरुरत है। कई क्षेत्रों में प्रगति देखी जा सकती है लेकिन अब भी जीएसटी जैसे लंबित सुधारों को लागू करने की जरुरत है।

विश्व बैंक ने कहा कि उच्च विकास दर को बनाए रखने का काफी कुछ दारोमदार राज्यों पर होगा। बैंक ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद देश में होने वाले कुल व्यय में से 57 प्रतिशत राज्यांे के हाथ चला गया है जो कि जीडीपी का करीब 16 प्रतिशत है। इसमें से 74 प्रतिशत धनराशि को राज्य अपनी सुविधानुसार खर्च करने को स्वतंत्र हैं। ऐसे में राज्यों के पास अपनी योजनाओं में फेरबदल कर अपनी क्षमता के अनुरूप इस धनराशि के इस्तेमाल करने का मौका है। विश्व बैंक ने स्थानीय निकायों की क्षमता भी बढ़ाने की सिफारिश की है।

विश्व बैंक ने परोक्ष करों की बजाय प्रत्यक्ष करों से राजस्व संग्रह बढ़ाने की सिफारिश भी की है। बैंक का कहना है कि भारत अपने जीडीपी का 11.39 प्रतिशत परोक्ष करों से वसूल करता है जो कि काफी अधिक है। वहीं प्रत्यक्ष करों से भारत का राजस्व जीडीपी का 5.7 प्रतिशत है जो अन्य देशों की अपेक्षा काफी कम है। इसलिए देश को आय और लाभ से अधिक कर वसूलना चाहिए।

सीएम अखिलेश ने बर्खास्त किए आठ मंत्री, नौ से छीने विभाग

लखनऊ (सं.सू.)। सीएम अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपनी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया। उन्होंने अपने आठ मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया जबकि राजा भैया समेत नौ मंत्रियों से उनके विभाग छीन लिए गए। छीने गए विभागों का काम खुद सीएम अखिलेश ही देखेंगे। सीएम ने अपनी सिफारिश राज्यपाल राम नाइक को भेज दी है। हटाए गए मंत्रियों में हाल ही में अपने बयानों के चलते विवादों में रहे आजम खान शामिल नहीं हैं। इस कार्रवाई के बाद यूपी में अब सिर्फ 46 मंत्री बचे हैं। जिनके विभाग छीने गए हैं, वे अब बिना विभाग के मंत्री होंगे। बता दें कि 31 अक्टूबर को यूपी कैबिनेट में फेरबदल होना है।



किन मंत्रियों को बर्खास्त किया गया?
राजा महेंद्र अरिदमन सिंह     स्टाम्प और नागरिक सुरक्षा मंत्री
अंबिका चौधरी     पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री
शिव कुमार बेरिया     वस्त्र और रेशम उद्योग मंत्री
नारद राय     खादी और ग्रामोद्योग मंत्री
शिवाकांत ओझा     तकनीक शिक्षा मंत्री
आलोक कुमार शाक्य     तकनीक शिक्षा राज्य मंत्री
योगेश प्रताप सिंह     बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री
भगवत शरण गंगवार     सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन विभाग के राज्य मंत्री
किन मंत्रियों से विभाग लिया गया?
अहमद हसन     चिकित्सा मंत्री
अवधेश प्रसाद     समाज कल्याण मंत्री
पारस नाथ यादव     फूड प्रोसेसिंग मंत्री
राम गोविंद चौधरी     बेसिक शिक्षा मंत्री
दुर्गा प्रसाद यादव     परिवहन मंत्री
ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी     होमगार्ड मंत्री
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया     खाद्य और रसद विभाग
इकबाल महमूद     मछली पालन और पब्लिक एंटरप्राइज मंत्री
महबूब अली     माध्यमिक शिक्षा मंत्री

राजा भैया, अहमद हसन, अंबिका चौधरी, राजा महेंद्र अरिदमन सिंह, दुर्गा प्रसाद यादव और पारसनाथ यादव की गिनती कद्दावर मंत्रियों में होती थी। इन सभी को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का भी खास माना जाता है। बताते चलें कि बीते कई महीनों से मुलायम अखिलेश से सार्वजनिक मंचों से कहते रहे थे कि वे चरण वंदना करने वालों को हटाएं।

कौन-सा मंत्री क्यों हटा?

राजा अरिदमन सिंह-आनंद सिंह को कैबिनेट से हटाने के बाद मुलायम को एक ठाकुर नेता के रूप में एक चेहरे की जरुरत थी। बताया जाता है कि इसी वजह से राजा अरिदमन सिंह को परिवहन विभाग से हटाकर स्टाम्प समेत तीन विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन कहा जा रहा है कि अरिदमन अपने वादे पर खरे नहीं उतर पाए। लोकसभा चुनाव में भी वह अपनी विधानसभा भी नहीं बचा पाये थे। ऐसे में मुलायम इनसे नाराज चल रहे थे।

अम्बिका चौधरी-यूपी में बलिया से सबसे ज्यादा मंत्री बनाये गए हैं। ऐसे में विकास की राजनीति के बजाय गुटबाजी ज्यादा होने लगी। बलिया से सबसे ज्यादा मंत्री होने के बाद भी लोकसभा में वहां सपा कुछ ख़ास नहीं कर पाई। चौधरी तो अपनी विधानसभा भी नहीं बचा पाए। जबकि उनकी दबंगई की खबरें लगातार सामने आ रही थीं। अम्बिका का विभाग भी बीच में बदलते हुए पिछड़ा वर्ग कल्याण और विकलांग कल्याण की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी।

नारद राय-नारद भी बलिया से आते हैं। लेकिन वह भी लोकसभा में कुछ ख़ास नहीं कर पाए।
-इनके बारे में भी कहा जाता है कि ये गुटबाजी में फंसे हुए हैं। नारद राय के पास खादी और ग्रामोद्योग विभाग था।

शिवकुमार बेरिया-शिवकुमार बेरिया के पास वस्त्र एवं रेशम उद्योग था और यही विभाग उनके हटने का कारण बन गया। स्थानीय कार्यकर्ता लगातार मुलायम से शिवकुमार बेरिया की शिकायत कर रहे थे कि वह कार्यकर्ताओं का काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मंत्री जी भी कई बार यह कहते सुने गए कि मेरे विभाग का बजट ही कम है तो मैं क्या करूं। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव में हार के कारण तलाशने के लिए बुलाई गई समीक्षा बैठक में मुलायम ने भी सबके सामने बेरिया को फटकार लगाई थी। कहा जा रहा है कि बेरिया तीन सालों में नेतृत्व के सामने खुद को प्रूफ नहीं कर पाए।

शिवाकांत ओझा-कहा जाता है कि शिवाकांत ओझा के कैबिनेट में अंतिम दिन तभी शुरू हो गए थे, जब उन्होंने पिछले साल चेकडैम घोटाले की जानकारी मीडिया में लीक कर शिवपाल यादव गुट के मंत्री राजकिशोर सिंह को खुली चुनौती दी थी। इस घोटाले को लेकर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। जिससे शिवपाल यादव भी खूब परेशान हुए थे।

योगेश प्रताप सिंह-योगेश के हटने का सबसे बड़ा कारण यही रहा है कि शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापकों के तौर पर नौकरी दिलवाने की जिम्मेदारी उन्हीं के ऊपर थी। लेकिन जिस तरह से पिछले दिनों शिक्षामित्रों के मामले पर सरकार की फजीहत हुई है, उससे योगेश का जाना तय हो गया था।

भगवत शरण गंगवार-इनके पास लघु उद्योग विभाग था। लेकिन कहा जाता है कि इनका काम सीएम और मुख्य सचिव ज्यादा करते रहे हैं। इनके ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा, जिससे सीएम खफा रहते थे। यही वजह रही कि इन्हें हटाया गया है।

'अब तो जनता ही इनको हटाने जा रही थी। तब मंत्रियों को हटाकर इनको कोई राजनीतिक फायदा मिलने वाला नहीं है। गायत्री प्रजापति को क्यों नहीं हटाया गया? क्या पिछले कुछ महीने से आजम खान द्वारा दिए गए बयान में मुख्यमंत्री सहमत हैं?'
-लक्ष्मीकांत वाजपेयी (यूपी में बीजेपी स्टेट यूनिट के चीफ)

मैं बीफ नहीं खाता था, लेकिन अब मैं खाऊंगा-सिद्धारमैया

नई दिल्ली (सं.सू.)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को कहा कि बीफ खाना उनका अधिकार है और कोई उनको रोक नहीं सकता। सिद्धारमैया का यह बयान उन हिंदूवादी संगठनों की गतिविधियों के विरोध में आया है, जो गौमांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं।

यूथ कांग्रेस के कार्यक्रम में बोलते हुए सिद्धारमैया ने बीजेपी और संघ परिवार पर निशाना साधा और कहा, 'अब मैं बीफ खाऊंगा, आप कौन होते हैं रोकने वाले?'

उन्होंने कहा, 'अब तक मैं बीफ नहीं खाता था, लेकिन अब मैं खाऊंगा, यह मेरा अधिकार है।'

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने यूथ कांग्रेस के नेताओं से सामाजिक सौहार्द और पार्टी की धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को स्थापित करने के लिए काम करने को कहा।

इससे पहले गुरुवार को ही सिद्धारमैया ने अपनी करीब ढाई साल पुरानी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए चार नए मंत्री को शामिल किया।

बिहार में चुनावी रैली में पहुंचे अजय देवगन, देखने के लिए पेड़ों पर चढ़े लोग

बेतिया/मधुबनी (सं.सू.)। सिने स्टार अजय देवगन जब बिहार में बीजेपी कैंडिडेट के लिए वोट मांगने पहुंचे तो उन्हें देखने के लिए लोग पेड़ों पर चढ़ गए। अजय देवगन इससे पहले भी बिहार में रैली के लिए गए थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उनके हेलिकॉप्टर को उतारने की अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद लोगों ने हंगामा किया था।

बिहार के बेतिया में हुई रैली में अजय ने कहा कि बिहार के विकास के लिए परिवर्तन बहुत जरूरी है। खजौली विधान सभा क्षेत्र के जयनगर मुख्यालय स्थित डीबी काॅलेज के मैदान में जन सभा को संबोधित करते हुए देवगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकास पुरुष हैं, मैं उन्हें बहुत नजदीक से जानता हूं। मोदी के नेतृत्व में देश ही नहीं बिहार के विकास के सभी रास्ते खुलेगे।

उन्होने एनडीए के प्रत्याशी अरूण शंकर प्रसाद के पक्ष में वोट डालने की अपील की।

वहीं, बेतिया में देवगन ने कहा कि मेरी जरुरतें कम हैं, इसलिए मेरे जमीर में दम है। यह डॉयलाग मोदी जी पर फिट बैठता है क्योंकि उनको कोई जरुरत नहीं। अजय देवगन पश्चिम चंपारण में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। मैनाटांड की सभा में कहा-अपने डॉयलाग आली रे आली मेरी बारी आली। मैंने जब अपहरण एवं गंगाजल जैसी फिल्में की तो मुझे लगा कि बिहार काफी पीछे छूट गया है। आपका भविष्य आपके हाथ में है। उसे बनाना बिगाड़ना आपके हाथ में है। मोदीजी को मैं तब से जानता हूं जब वे पीएम नहीं थे।

मुस्लिम महिलाओं से भेदभाव के मुद्दे की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (सं.सू.)। सुप्रीम कोर्ट तलाक या पतियों की कई शादियों जैसे मामलों में मुस्लिम महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के मुद्दे की समीक्षा करेगा। जस्टिस अनिल आर दवे और जस्टिस एके गोयल की पीठ ने मुस्लिम महिलाओं से होने वाले भेदभाव की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से एक उचित पीठ के गठन का अनुरोध किया है।

एक पीआईएल की सुनवाई करते हुए जस्टिस दवे और जस्टिस गोयल ने मामले को नई पीठ के सामने पेश करने का आदेश दिया जोकि मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम को चुनौती देने वाले मामलों की सुनवाई करेगा।

पीठ ने कहा कि यह मुद्दा केवल नीतिगत मामला नहीं है बल्कि संविधान के तहत महिलाओं को मिले मौलिक अधिकारों से संबंधित है। यह मुद्दा हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान उठा।
पीठ ने कहा कि लैंगिक भेदभाव एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, हालांकि यह इस अपील से सीधे जुड़ा हुआ नहीं है लेकिन कुछ वकीलों ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के मसले को उठाया है।

पीठ ने कहा कि संविधान में प्रदत्त समानता के मौलिक अधिकारों के बावजूद मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव हो रहा है। पीठ ने कहा कि मनमाने तलाक और पतियों के पहली शादी के अस्तित्व में रहने के दौरान ही दूसरी शादी कर लेने के खिलाफ कोई सुरक्षा उपाय नहीं होने के चलते मुस्लिम महिलाओं को सुरक्षा और गरिमा नहीं मिल पाती है।

इस उद्देश्य के लिए एक पीआईएल अलग से दाखिल की जाए और मुख्य न्यायाधीश द्वारा गठित उचित पीठ के सामने मामले को पेश किया जाए। साथ ही पीठ ने इस मसले पर केंद्र सरकार से अपने सुझाव भी देने को कहा।


राष्ट्रहित में उच्च शिक्षा में आरक्षण हो खत्म-सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली (सं.सू.)। आरक्षण को लेकर गरमाती जा रही राजनीति के बीच इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्र के हित में यह आवश्यक हो गया है कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में सभी तरह के आरक्षण से दूर रखा जाए। सर्वोच्च न्यायलय ने केन्द्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में 'सकारात्मक' कदम उठाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देश को आजाद हुए 68 साल हो गए, लेकिन वंचितों के लिए जो सुविधा उपलब्‍ध कराई गई थी, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस संबंध में उचित कदम उठाए, क्‍योंकि राष्‍ट्रहित में ऐसा करना बेहद जरूरी हो गया है।'

कोर्ट ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में सुपर स्‍पेशियलटी कोर्सेज में प्रवेश को लेकर योग्यता मानकों को चुनौती देने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।

न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश पीसी पंत की पीठ ने कहा कि सुपर स्पेशयलिटी कोर्सेस में चयन का प्रारंभिक मापदंड मैरिट बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के कई बार स्मरण दिलाने के बाद भी जमीनी हालत वैसे ही हैं और मैरिट पर आरक्षण का आधिपत्य रहता है।

पीएम मोदी को ही क्यों बनाते हैं निशाना,गृहमंत्री तो मैं हूँ-राजनाथ

नई दिल्ली (सं.सू.)। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने देश में असहिष्णुता बढऩे के नाम पर साहित्यकारों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों द्वारा सम्मान और पुरस्कार लौटाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इसे राजनीति से प्रेरित तथा मोदी सरकार को बदनाम करने की गहरी साजिश है।

राजनाथ सिंह गुरुवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत में साहित्यकारों, वैज्ञानिकों और फिल्मकारों द्वारा पुरस्कार लौटाए जाने पर तल्ख लहजे में सवाल किया कि देश में किसी भी घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है जबकि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की ओर उंगली उठाए बिना हर घटना के लिए मोदी को निशाना बनाए जाने से उन्हें लगता है कि यह केंद्र सरकार को लांछित करने की गहरी साजिश है। जो हो रहा है, वह राजनीति से प्रेरित और दुर्भाग्यपूर्ण है।

गृहमंत्री ने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह उनकी समझ से बाहर है। कानून -व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र चाहकर भी उसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। ऐसी घटनाओं के लिए राज्य सरकारों पर उंगली नहीं उठाई जाती लेकिन मोदी को निशाना बनाया जाता है, आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।

कुछ लोगों को यदि निशाना बनाने का शौक है तो वे मोदी की बजाय उन्हें निशाना क्यों नहीं बनाते क्योंकि गृहमंत्री के नाते देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मदारी उनकी है।

भाजपा के कुछ नेताओं के कथित भड़काऊ बयानों पर मोदी की चुप्पी के संबंध में राजनाथ ने कहा कि हर बात पर प्रधानमंत्री का बोलना जरूरी नहीं है। इस मसले पर वह बोल चुके हैं। सरकार में मोदी के बाद उनका ही स्थान है। उन्हें और प्रधानमंत्री को अलग कर नहीं देखा जाना चाहिए।

अरुण जेटली ने महागठबंधन को बताया 'हताशा का गठबंधन'

पटना (सं.सू.)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लालू, नीतीश, कांग्रेस के महागठबंधन को 'हताशा का गठबंधन' करार दिया है। साथ ही कहा कि कांग्रेस अपना वजूद बचाने की लड़ाई लड़ रही है।

पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेटली ने कहा, जब नीतीश हमारे साथ थे तो हमने उन्हें ड्राइवर सीट पर बिठाया था और नीतीश का मक़सद लालू को जेल भिजवाना था, लेकिन आज सत्ता के लिए दोनों साथ आ गए। जेटली ने आरजेडी को परिवार की पार्टी बताया तो नीतीश कुमार की जेडीयू को हताश।

अरुण जेटली ने सत्ताधारी महागठबंधन को हताश लोगों का जमावड़ा करार देते हुए कहा कि जनता दल (युनाइटेड) के लिए यह चुनाव अवसरवादी राजनीति का आखिरी दांव है। वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की पुरानी पीढ़ी जब चुनाव लड़ने में असमर्थ हो गई तब नई पीढ़ी को खड़ा करने के लिए वह इस चुनाव में मैदान में उतरी है।

जेटली ने बिहार चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा को अकेले बहुमत मिलने का दावा करते हुए कहा कि अगले दो चरणों में मतदाता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को वोट देंगे।

उन्होंने इस चुनाव को प्रभावित करने वाले कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता लोगों को राजग की ओर आकर्षित कर रही है। लोग यह भी चाहते हैं कि केंद्र व राज्य सरकार साथ मिलकर काम करे, इसलिए भी बिहार के लोग राजग की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के लालू प्रसाद से हाथ मिला लेने के बाद लोगों को लगने लगा है कि नीतीश विकास के एजेंडे से भटक गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के युवा जातीय और सामाजिक एजेंडे से ऊपर उठकर मतदान कर रहे हैं, जो राजग के पक्ष में है।

भारत और अफ्रीका बने हैं एक दूजे के लिए-पीएम मोदी

नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-अफ्रीका फोरम समिट को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और अफ्रीकी देशों की यह मुलाकात दुनिया की एक तिहाई मानवजाति को एक छत के नीचे ले आई है। उन्होंने कहा, '1.25 अरब भारतीयों और 1.25 अरब अफ्रीकियों के दिलों की धड़कन एक है। यह सिर्फ भारत और अफ्रीका की मुलाकात नहीं है। आज एक-तिहाई मानवजाति के सपने एक छत के नीचे इकट्ठा हुए हैं। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफ्रीका में विकास की जबरदस्त संभावनाएं हैं।

संसाधन संपन्न अफ्रीका में भारत की मजबूत मौजूदगी दर्ज कराने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अफ्रीकी महाद्वीप के 19 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से व्यापक वार्ता की जिसमें आतंकवाद की समस्या से लड़ने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की दिशा में काम करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया।

मोदी ने अफ्रीकी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत में इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सफलता तभी मिल सकती है जब वैश्विक स्तर पर समन्वित कार्रवाई हो, वहीं संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर कहा गया कि मिलकर काम करने और कड़ा रुख अपनाने का समय है। मोदी ने भारत-अफ्रीका के संबंधों को और विस्तार देने की वकालत करते हुए अफ्रीका संघ आयोग के अध्यक्ष एनडी जुमा से कहा कि भारत और अफ्रीका एक-दूसरे के लिए बने हैं।

गुरुवार को यहां आयोजित होने वाले भारत अफ्रीका फोरम शिखर-सम्मेलन में शामिल होने आए अफ्रीकी नेताओं ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, खनन, ऊर्जा, पर्यटन और मत्स्यपालन समेत कई क्षेत्रों में भारत की सहायता की मांग की। आतंकवाद को दुनिया भर में बड़ा खतरा बताते हुए मोदी ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ाई में कानूनी अंतराल को समाप्त करने की जरूरत है।

मोदी ने जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे, घाना के राष्ट्रपति जॉन डी महामा, स्वाजीलैंड के राजा एमस्वाति तृतीय, बेनिन के राष्ट्रपति बोनी यायी, नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मद बुहारी, केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केनयात्ता, युगांडा के राष्ट्रपति योवरी कागुता मुसेवेनी, लिसोथे के प्रधानमंत्री बेथुअल पी मोसिसिली समेत अफ्रीकी नेताओं से द्विपक्षीय बातचीत की। उन्होंने गिनी के राष्ट्रपति अल्फा कोंडे, जिबूती के राष्ट्रपति इस्माइल उमर, नाइजर के राष्ट्रपति आई महमादू, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जी जुमा और मोजांबिक के प्रधानमंत्री कार्लोस अगस्टिन्हो डो रोजारियो से भी मुलाकात की।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने 19 द्विपक्षीय वार्ताओं की चर्चा करते हुए कहा, ‘यह एक तरह का नया रिकॉर्ड है’। उन्होंने कहा कि सारी बैठकें अच्छी तरह से हुर्इं। नाइजीरिया के राष्ट्रपति से मुलाकात में मोदी ने वहां की जेल में बंद भारतीय चालक दल के 11 सदस्यों से जुड़ी न्यायिक प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया। नाइजर के राष्ट्रपति ने भारत को यूरेनियम बेचने का प्रस्ताव दिया और अपने तेल क्षेत्र में भारत से बड़े निवेश की मांग की।

दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने मोदी से मुलाकात में वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद बनाया गया संयुक्त राष्ट्र का ढांचा 21वीं सदी में प्रासंगिक नहीं हो सकता। जुमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में और खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए सभी समान विचार वाले देशों का साथ में आना अहम है। उनका कहना था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के वीटो अधिकारों की वजह से सीरियाई संकट समेत दुनिया के कई संघर्षों का समाधान नहीं निकल सका।

स्वरूप के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर लगभग सभी अफ्रीकी नेता भारत के साथ थे और उनका कहना था कि दुनिया की एक तिहाई आबादी को निर्णय लेने की प्रक्रिया से दूर नहीं रखा जा सकता। मोदी से मुलाकात में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष रॉबर्ट मुगाबे ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों और आतंकवाद के खतरे समेत समान हित के मुद्दों पर चर्चा की।
 
मुगाबे भारत अफ्रीका फोरम समिट के लिए सह-अध्यक्ष हैं और उन्होंने मोदी के साथ सम्मेलन की तैयारियों की समीक्षा की। मोदी और नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी की मुलाकात में उस देश में भारत की तेल खोजने की परियोजनाओं से जुड़े मामलों पर और रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों का विषय भी आया।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी तेल और गैस भंडार वाले अधिकतर देशों के साथ बैठकों मेंं मोदी के साथ मौजूद रहे। केन्या, युगांडा, नाइजर समेत कई देशों ने भारत से आतंकवाद से निपटने में और रक्षा संबंधों को विस्तार देने में गहन सहयोग की मांग की।

अफ्रीकी देशों के राष्ट्रप्रमुखों की पत्नियों को गुरुवार को अक्षरधाम स्वामी नारायण मंदिर दिखाया जाएगा, साथ ही अफ्रीकी सोलर-दादियों से मुलाकात कराई जाएगी। सोलर दादी के नाम से ज्ञात इस योजना के तहत अफ्रीकी महिलाओं को अपने गांवों को रोशन करने के लिए भारतीय सौर लालटेन चलाने की तकनीक और इनके रखरखाव की विधि बताई जाएगी। सोलर दादियों को अफ्रीका के घोर गरीब गांवों से चुन कर लाया गया है, जहां बिजली का नामोनिशान नहीं है। इन सोलर दादियों को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। यह योजना 5 साल पहले शुरू की गई थी। इस योजना से अफ्रीका के 36 देशों के 160 गांवों को अब तक रोशन किया जा सका है।