अंकारा (सं.सू.)। राजधानी अंकारा और इस्तांबुल में सड़कों पर टैंक, हेलीकॉप्टर से फायरिंग भी की गई। इसमें 17 पुलिस वालों सहित २०० लोगों की मौत हो चुकी है। शुरुआत में राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने दावा किया था कि सेना की कोशिश नाकाम कर दी गई है लेकिन सेना ने दूसरी ओर सत्ता पर नियंत्रण का दावा किया था।
तख्तापलट की कोशिश नाकाम करने के बाद तुर्की ने शनिवार को कार्यवाहक आर्मी चीफ नियुक्त किया। कार्यवाहक आर्मी चीफ जनरल उमित दुंदर ने पद संभालते ही घोषणा कर दी कि तुर्की में सेना के तख्तापलट की कोशिश नाकाम रही।
तुर्की की सेना ने दावा किया है कि उसने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है। तुर्की में फिलहाल अनिश्चय की स्थिति आ गई है। क्योंकि सेना और सरकार दोनों एक-दूसरे के दावों को गलत बता रहे हैं। जिस समय सेना ने हमले शुरू किए, उस वक्त राष्ट्रपति एर्दोगन छुट्टियां मना रहे थे। लेकिन वे तुरंत इस्तांबुल लौटे और घोषणा की कि सेना के कब्जे से जल्द ही देश को निकाल लिया जाएगा।
राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यह तख्तापलट की कोशिश राष्ट्रद्रोह है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसे भारी कीमत चुकानी होगी। हालांकि राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि जिन सैन्य अधिकारियों ने यह किया है उनकी गिरफ्तारी जारी है। एर्दोगन ने इसे सेना की सफाई करार दिया।
बिनाली यिलदीरिम ने कहा कि ये अमेरिका के मुस्लिम मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के अनुयायियों की तरफ से सरकार के खिलाफ बगावत करने की महज एक कोशिश थी। हालांकि गुलेन से जुड़े संगठन ने इसमें हाथ होने की बात से इनकार किया है।
तुर्की की संसद में विस्फोट की खबर है, जहां सेना ने अपने टैंक तैनात कर दिए थे। शुक्रवार को तुर्की सेना ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को ई-मेल भेजकर पूरे देश पर कब्जे का दावा किया है।
यहां लोग राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन और सरकार के सपोर्ट में सड़कों पर उतर आए हैं। इस्तांबुल में सेना ने भीड़ पर गोलियां बरसाईं, जिसके बाद वहां कई लोगों के घायल होने की खबर है।
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरिम ने सुरक्षा बलों से कहा है कि सेना का मुकाबला करने के लिए जो संभव हो किया जाए। पूरे देश में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है और सभी एयरपोर्ट समेत उड़ानें रोक दी गई हैं।
एक एजेंसी ने दावा किया है कि तुर्की की राजधानी अंकारा में सेना के हेलिकॉप्टर से गोलीबारी की गई। इसके अलावा अंकारा में भारी विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। यहां की एक मीडिया बिल्डिंग में विस्फोट किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि अंकारा में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को स्थिति सामान्य होने तक घरों के अंदर रहने और बाहर न जाने की सलाह दी है। उन्होंने भारतीय नागरिकों के लिए अंकारा में इमरजेंसी नंबर +905303142203 जबकि इस्तांबुल में इमरजेंसी नंबर +905305671095 जारी किए हैं।
बिनाली यिलदीरिम ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने गैर-कानूनी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि 'जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही सत्ता में रहेगी। सरकार तभी जाएगी, जब जनता चाहेगी।' पीएम ने कहा कि हमला करने वालों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वो सरकार को सपोर्ट करने के लिए सड़कों पर उतरें, जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया और सरकार का साथ दिया। उनके अलावा तुर्की के मेयर ने भी लोगों से कहा कि वो सड़कों पर उतर जाएं।
कई टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे फुटेज में सेना के वाहन पुलों को ब्लाक करते और शहर के एयरपोर्ट को टैंक से घेरते नजर आए। यहां बेहद कम ऊंचाई पर सैन्य विमानों के उड़ने की आवाजें साफ सुनी जा सकती है। इसके अलावा लोगों ने गोलीबारी भी सुनी है। सेना के कब्जा करते ही अंकारा पुलिस विभाग हरकत में आया और अपने पूरे स्टाफ को तुरंत ड्यूटी पर तैनात रहने के लिए कहा।
तुर्की में सैन्य हमले के चलते फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब समेत पूरे सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा कई चैनलों को ऑफ एयर कर दिया गया और एयरपोर्ट बंद किए गए हैं हालांकि बाद में कुछ लोकल टीवी चैनलों को बहाल कर दिया गया है।
विदित हो कि तुर्की की सरकार कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का समर्थन करती रही है।
तख्तापलट की कोशिश नाकाम करने के बाद तुर्की ने शनिवार को कार्यवाहक आर्मी चीफ नियुक्त किया। कार्यवाहक आर्मी चीफ जनरल उमित दुंदर ने पद संभालते ही घोषणा कर दी कि तुर्की में सेना के तख्तापलट की कोशिश नाकाम रही।
तुर्की की सेना ने दावा किया है कि उसने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है। तुर्की में फिलहाल अनिश्चय की स्थिति आ गई है। क्योंकि सेना और सरकार दोनों एक-दूसरे के दावों को गलत बता रहे हैं। जिस समय सेना ने हमले शुरू किए, उस वक्त राष्ट्रपति एर्दोगन छुट्टियां मना रहे थे। लेकिन वे तुरंत इस्तांबुल लौटे और घोषणा की कि सेना के कब्जे से जल्द ही देश को निकाल लिया जाएगा।
राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यह तख्तापलट की कोशिश राष्ट्रद्रोह है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसे भारी कीमत चुकानी होगी। हालांकि राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि जिन सैन्य अधिकारियों ने यह किया है उनकी गिरफ्तारी जारी है। एर्दोगन ने इसे सेना की सफाई करार दिया।
बिनाली यिलदीरिम ने कहा कि ये अमेरिका के मुस्लिम मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के अनुयायियों की तरफ से सरकार के खिलाफ बगावत करने की महज एक कोशिश थी। हालांकि गुलेन से जुड़े संगठन ने इसमें हाथ होने की बात से इनकार किया है।
तुर्की की संसद में विस्फोट की खबर है, जहां सेना ने अपने टैंक तैनात कर दिए थे। शुक्रवार को तुर्की सेना ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को ई-मेल भेजकर पूरे देश पर कब्जे का दावा किया है।
यहां लोग राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन और सरकार के सपोर्ट में सड़कों पर उतर आए हैं। इस्तांबुल में सेना ने भीड़ पर गोलियां बरसाईं, जिसके बाद वहां कई लोगों के घायल होने की खबर है।
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरिम ने सुरक्षा बलों से कहा है कि सेना का मुकाबला करने के लिए जो संभव हो किया जाए। पूरे देश में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है और सभी एयरपोर्ट समेत उड़ानें रोक दी गई हैं।
एक एजेंसी ने दावा किया है कि तुर्की की राजधानी अंकारा में सेना के हेलिकॉप्टर से गोलीबारी की गई। इसके अलावा अंकारा में भारी विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। यहां की एक मीडिया बिल्डिंग में विस्फोट किया गया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि अंकारा में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को स्थिति सामान्य होने तक घरों के अंदर रहने और बाहर न जाने की सलाह दी है। उन्होंने भारतीय नागरिकों के लिए अंकारा में इमरजेंसी नंबर +905303142203 जबकि इस्तांबुल में इमरजेंसी नंबर +905305671095 जारी किए हैं।
बिनाली यिलदीरिम ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने गैर-कानूनी कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि 'जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही सत्ता में रहेगी। सरकार तभी जाएगी, जब जनता चाहेगी।' पीएम ने कहा कि हमला करने वालों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी।
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वो सरकार को सपोर्ट करने के लिए सड़कों पर उतरें, जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया और सरकार का साथ दिया। उनके अलावा तुर्की के मेयर ने भी लोगों से कहा कि वो सड़कों पर उतर जाएं।
कई टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे फुटेज में सेना के वाहन पुलों को ब्लाक करते और शहर के एयरपोर्ट को टैंक से घेरते नजर आए। यहां बेहद कम ऊंचाई पर सैन्य विमानों के उड़ने की आवाजें साफ सुनी जा सकती है। इसके अलावा लोगों ने गोलीबारी भी सुनी है। सेना के कब्जा करते ही अंकारा पुलिस विभाग हरकत में आया और अपने पूरे स्टाफ को तुरंत ड्यूटी पर तैनात रहने के लिए कहा।
तुर्की में सैन्य हमले के चलते फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब समेत पूरे सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया गया है। इसके अलावा कई चैनलों को ऑफ एयर कर दिया गया और एयरपोर्ट बंद किए गए हैं हालांकि बाद में कुछ लोकल टीवी चैनलों को बहाल कर दिया गया है।
विदित हो कि तुर्की की सरकार कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस का समर्थन करती रही है।