Friday, May 13, 2016

ATS ने ही कर्नल पुरोहित को फंसाया था-NIA

मुंबई (सं.सू.)। एनआईए ने 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को क्लीन चिट दे दी है। इस मामले के एक और आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित पर मकोका की कड़ी धाराएं हटाते हुए एनआईए ने कहा है कि पुरोहित के क्वार्टर में महाराष्ट्र एटीएस ने ही आरडीएक्स रखा था। एजेंसी ने यू-टर्न लेते हुए साध्वी और 5 अन्य पर लगे सारे आरोप भी हटा लिए हैं।


एनआईए ने सबसे अहम खुलासा महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व चीफ हेमंत करकरे के बारे में किया है। बता दें कि 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान करकरे शरीद हो गए थे। एनआईए का आरोप है कि करकरे ने ही पुरोहित को फंसाने के लिए उनके क्वार्टर में आरडीएक्स प्लान्ट करवाया था। पुरोहित के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हिंदुओं पर होने वाले जिहादी हमलों का बदला लेने के लिए कट्टरपंथी हिंदू संगठनों से हाथ मिला लिया था।

एनआईए ने कहा है कि आर्मी के रिटायर्ड अफसर सुधाकर चतुर्वेदी के घर से जो आरडीएक्स बरामद किया गया था, उसे एटीएस के सब-इंस्पेक्टर शेखर बागड़े ने पुरोहित के घर रखा था। एनआईए ने गवाह के तौर पर आर्मी के एक मेजर और सूबेदार का नाम भी लिया। इन लोगों ने बताया था कि चतुर्वेदी के घर भी बागड़े ने ही आरडीएक्स रखा था। जांच एजेंसी के मुताबिक, आरडीएक्स को जिस तरह बरामद किया गया, वो अपने आप में शक पैदा करता है।

जांच एजेंसी ने पुरोहित पर लगे इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उनके पास से जो आरडीएक्स बरामद किया गया था, वो उन्हें जम्मू-कश्मीर के एक इंटेलिजेंस अफसर से मिला था। एनआईए के मुताबिक, आर्मी के साथ की गई जांच में पता लगा कि जिस 70 किलोग्राम आरडीएक्स के मिलने का दावा किया गया था, वो तो आर्मी के पास मौजूद था। फिर पुरोहित के पास ये विस्फोटक कैसे हो सकता था? जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र एटीएस की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि करकरे की टीम ने जांच में अजीब तरीके इस्तेमाल किए। एनआईए ने कहा कि एटीएस की चार्जशीट में कई कानूनी खामियां हैं। इतना ही नहीं, एनआईए ने ये भी कहा है कि एटीएस ने जांच के दौरान गवाहों को टॉर्चर किया और एक अहम विटनेस की पहचान को छुपाकर रखा।

विदित हो कि 21 सितंबर 2008 को दो ब्लास्ट हुए थे जिनमें 7 लोग मारे गए थे। जबकि 79 लोग जख्मी हुए थे। ब्लास्ट तब हुए थे, जब लोग रमजान के दौरान नमाज पढ़ के आ रहे थे। मामले की जांच के दौरान कई ट्विस्ट आए। ब्लास्ट में हिंदू राइट विंग ग्रुप्स से जुड़े लोगों का हाथ सामने आया था।

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