अलीगढ़ (सं.सू.)। अलीगढ़ जिला न्यायालय में पदस्थ एक न्यायाधीश ने तीन बार तलाक कहकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया। इस पर न्यायाधीश की पत्नी अफशां खान ने भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि यह अन्याय एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया गया है, जिस पर पूरे समाज को न्याय देने की जिम्मेदारी है।
महिला ने पति पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है। सवालों में घिरे यह न्यायधीश उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में तैनात हैं। मौखिक रूप से तीन बार तलाक कहकर तलाक दिए जाने के बारे में जब जज साहब से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम किसी सुलह तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए हमने शरीयत के अनुसार तलाक दे दिया।
पिछले साल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन बार तलाक कहकर तलाक की प्रथा में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया था। अलीगढ़ का यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब अफशां भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्रों को लेकर एक एक्टिविस्ट के पास पहुंची थी।
अफशां का जज साहब के साथ निकाह 16 अगस्त 2015 को ही हुआ था। अफशां ने पत्र में लिखा है कि निकाह में परिवार के सभी सदस्यों, मेरे पति के पहली पत्नी से जन्मे पुत्रों ने भी शिरकत की थी। यह शादी अलीगढ़ में हुई थी।
महिला ने पति पर उत्पीड़न का भी आरोप लगाया है। सवालों में घिरे यह न्यायधीश उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में तैनात हैं। मौखिक रूप से तीन बार तलाक कहकर तलाक दिए जाने के बारे में जब जज साहब से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम किसी सुलह तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए हमने शरीयत के अनुसार तलाक दे दिया।
पिछले साल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन बार तलाक कहकर तलाक की प्रथा में किसी भी तरह के बदलाव से इनकार किया था। अलीगढ़ का यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब अफशां भारत के मुख्य न्यायाधीश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्रों को लेकर एक एक्टिविस्ट के पास पहुंची थी।
अफशां का जज साहब के साथ निकाह 16 अगस्त 2015 को ही हुआ था। अफशां ने पत्र में लिखा है कि निकाह में परिवार के सभी सदस्यों, मेरे पति के पहली पत्नी से जन्मे पुत्रों ने भी शिरकत की थी। यह शादी अलीगढ़ में हुई थी।
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