पटना (सं.सू.)। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारे लगाए जाने
और छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी का मामला इतना तूल पकड़ लेगा
इस का अंदाजा शायद ही किसी ने लगाया होगा। आज हालात ये है कि छात्र सड़कों पर उतरे
है तो राजनीतिक दल टीवी की बहस में लड़ रहे हैं। इस विवाद को बाद केंद्र
सरकार ने सभी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज में रोजाना 207 फीट का तिरंगा फहराना
अनिवार्य कर दिया। जिसकी शुरुआत जेएनयू से की गई। अब केंद्र सरकार के इस
फैसले का बेवजह विरोध भी शुरु हो गया है।
राष्ट्रीय जनता दल ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने
के राजग सरकार के फैसले की आलोचना की है। पार्टी नेता मनोज झा ने इस पहल को
खतरनाक कदम बताते हुए कहा है कि ऐसा करना एक खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने
कहा कि तिरंगा उनके दिलों में है। राजद नेता के मुताबिक हम केवल झंडे के
माध्यम से राष्ट्रवाद नहीं सीखने वाले। उन्होंने सरकार के इस फैसले को बेहद
खतरनाक ट्रेंड करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और मानव संसाधन
विकास मंत्रालय विशेष रूप से प्रतीक के साथ रहना पसंद करते हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत
देश की सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 207 फीट का राष्ट्रीय ध्वज लगाया
जाएगा। यह फैसला परिसर में राष्ट्र भक्ति की भावनाओं को बढ़ावा दिए जाने के
लिए लिया गया है।
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