Saturday, February 27, 2016

हाजीपुर में रईसजादे की कार ने डेढ़ दर्जन लोगों को कुचला,पुलिस लीपापोती में जुटी


हाजीपुर (सं.सू.)। शुक्रवार की रात किसी शराब के नशे में धुत्त रईसजादे की बेलगाम कार ने सुभाष चौक से लेकर यादव चौक तक तांडव मचाते हुए डेढ़ दर्जन लोगों को कुचल दिया। घायल लोगों के परिजनों एवं इस घटना में क्षतिग्रस्त हुए दुकान के संचालकों ने शनिवार की सुबह की संस्कृत कालेज के निकट मुख्य मार्ग पर टायर जलाकर यातायात को बाधित कर दिया। सड़क जाम कर रहे लोगों का कहना था कि मौके पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को बुलाया जाये तथा क्षतिग्रस्त दुकान के संचालकों को उचित मुआवजा एवं घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर कराने की व्यवस्था की जाये। सड़क जाम के दौरान उग्र परिजनों ने बताया कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी घायलों का हालचाल लेने किसी वरीय पदाधिकारी का नहीं पहुंचना चिंता की बात है। घायलों के परिजनों का आरोप था कि सदर अस्पताल में भी उन सबों को बाहर से दवा खरीदनी पड़ी वहीं एक ही समय घायल काफी संख्या में अस्पताल पहुंचे लेकिन आपातकालीन वार्ड में सिर्फ एक ही चिकित्सक के रहने से घायलों को काफी विलंब से प्राथमिक उपचार मिला। इन सबके लिए वरीय पदाधिकारियों को दोषी मानते हुए उन्हें घटनास्थल पर बुलाये जाने की मांग कर रहे थे। सड़क जाम के दौरान उस मार्ग से गुजरने वाले लोगों के साथ भी जाम कर रहे लोगों ने तीखी झड़प की। कई राहगीरों के साइकिल का हवा खोल दिया गया। घटना की सूचना पर पहुंची नगर थाना की पुलिस मूकदर्शक ही बनी रही। इस दौरान इंटर के परीक्षार्थियों को भी काफी फजीहत ङोलनी पड़ी। सड़क जाम होने के लगभग दो घंटे बाद नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। इंटर की परीक्षा को ध्यान रखते हुए इसके लिए दलित सेना के नेता सड्डू भगत के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर रहे लोगों से बात की।

दूसरी तरफ तांडव मचाने वाली कार को नगर थाना की पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद शनिवार को अहले सुबह बरामद कर लिया। हालांकि इस मामले का आरोपी कार चालक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ताबडतोड़ छापामारी कर रही है। इस मामले में नगर थाना की पुलिस काफी गोपनीयता बरत रही है। जब्त कार को पुलिस ने छुपाकर रखा है ताकि उग्र लोगों की नजर इस पर नहीं पड़ सके तथा कार चालक की पहचान सार्वजनिक न हो सके। नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि कार चालक को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा लेकिन पुलिस के रवैये से लग यही रहा है कि चालक रईसजादा है और पुलिस उसको बचाने की कोशिश कर रही है।

विदित हो कि शुक्रवार की देर शाम हाजीपुर शहर में जो कुछ भी हुआ, उससे लोगों के जेहन 14 वर्ष पूर्व वर्ष 2002 में मुंबई के चर्चित व खौफनाक हिट एंड रन केस की याद ताजा हो गयी। उस वक्त अभिनेता सलमान खान की तेज रफ्तार लैंड क्रूजर कार ने फुटपाथ पर सोये लोगों को कुचल दिया था। ठीक उसी तरह शुक्रवार की देर शाम लगभग साढ़े आठ बजे एक बिगड़ैल रईस ने नशे की हालत में अपनी कार से डेढ़ दर्जन लोगों को धक्का मार कर जख्मी कर दिया। इस घटना में जख्मी एक गरीब रिक्शा चालक अभी भी जीवन और मौत से जूझ रहा है। वहीं पुलिस सिर्फ इतना दावा कर रही है कि कार की पहचान कर ली गयी है और कार भी बरामद कर ली गई है। अगर ऐसा है तो पुलिस ने कार को कहाँ छिपा दिया है और कार चालक की पहचान जगजाहिर क्यों नहीं कर रही? नगर के भीड़-भाड़ वाले इलाके में एक तेज रफ्तार कार डेढ़ दर्जन लोगों को धक्का मारते हुए भाग निकलती है और पुलिस 24 घंटे तक पुलिस उस कार को बरामद नहीं कर सकी। यह घटना पुलिस की चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था, सघन गश्ती, हर चौक-चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती व मोबाइल पेट्रोलिंग के दावों की माखौल उड़ा रही है। यह घटना नगर के सुभाष चौक, राजेंद्र चौक, सिनेमा रोड व यादव चौक के जिस इलाके में घटी, वह शहर की न सबसे ज्यादा भीड़-भार वाली जगह है बल्कि व्यवसायिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। सवाल यह उठता है कि आधे घंटे तक एक तेज रफ्तार कार शहर की सड़कों पर मौत का नंगा नाच कर गायब हो जाती है और पुलिस काफी देर बाद घटनास्थल पर पहुंचती है, अगर काई बड़ी घटना या आपात स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो पुलिस क्या करेगी। यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण कि केंद्र सरकार व गृह मंत्रालय अक्सर देश में आतंकी हमले का अलर्ट जारी करती है। अगर ऐसे में कभी कोई अप्रिय हादसा शहर में हो जाता है तो क्या पुलिस की यह कार्यशैली समय पर कारगर साबित होगी?

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