नई दिल्ली (सं.सू.)। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देश विरोधी नारेबाजी पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने कड़ा ऐतराज जताया है। संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु को शहीद कहे जाने पर उन्होंने पूछा है, ‘अफजल को शहीद कहेंगे तो हनुमनथप्पा को क्या कहेंगे।’ योगेश्वर दत्त ने इस मुद्दे फेसबुक पर पोस्ट में लिखी है, जो कि वायरल हो गई है। उनकी पोस्ट को 58 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं।
ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त का पोस्ट-
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद।
नई दिल्ली | February 16, 2016 09:03 am
- See more at:
http://www.jansatta.com/national/jnu-row-if-afzal-was-a-martyr-who-is-hanumanthappa-asks-yogeshwar-dutt/69549/?google_editors_picks=true#sthash.oaX6jPbv.dpuf
नई दिल्ली | February 16, 2016 09:03 am
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ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त का पोस्ट-
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने पूछा- अफजल शहीद तो हनुमनथप्पा को क्या कहेंगे?
योगेश्वर दत्त ने इस मुद्दे फेसबुक पर पोस्ट में लिखी है, जो कि वायरल हो गई है। उनकी पोस्ट को 58 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं।
योगेश्वर दत्त ने जेएनयू विवाद पर कविता के जरिए कही है अपनी बात।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देश विरोधी
नारेबाजी पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने कड़ा ऐतराज जताया है। संसद पर हमले
के दोषी अफजल गुरु को शहीद कहे जाने पर उन्होंने पूछा है, ‘अफजल को शहीद
कहेंगे तो हनुमनथप्पा को क्या कहेंगे।’ योगेश्वर दत्त ने इस मुद्दे
फेसबुक पर पोस्ट में लिखी है, जो कि वायरल हो गई है। उनकी पोस्ट को 58
हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर
चुके हैं।
पढ़ें, ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त की पोस्ट
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद ।
पढ़ें, ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त की पोस्ट
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद ।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने पूछा- अफजल शहीद तो हनुमनथप्पा को क्या कहेंगे?
योगेश्वर दत्त ने इस मुद्दे फेसबुक पर पोस्ट में लिखी है, जो कि वायरल हो गई है। उनकी पोस्ट को 58 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर चुके हैं।
योगेश्वर दत्त ने जेएनयू विवाद पर कविता के जरिए कही है अपनी बात।
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में देश विरोधी
नारेबाजी पर पहलवान योगेश्वर दत्त ने कड़ा ऐतराज जताया है। संसद पर हमले
के दोषी अफजल गुरु को शहीद कहे जाने पर उन्होंने पूछा है, ‘अफजल को शहीद
कहेंगे तो हनुमनथप्पा को क्या कहेंगे।’ योगेश्वर दत्त ने इस मुद्दे
फेसबुक पर पोस्ट में लिखी है, जो कि वायरल हो गई है। उनकी पोस्ट को 58
हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं, जबकि 8 हजार से ज्यादा लोग इसे शेयर कर
चुके हैं।
पढ़ें, ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त की पोस्ट
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद ।
पढ़ें, ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीत चुके पहलवान योगेश्वर दत्त की पोस्ट
गज़नी का है तुम में खून भरा जो तुम अफज़ल का गुण गाते हों,
जिस देश में तुमने जनम लिया उसको दुश्मन बतलाते हो!
भाषा की कैसी आज़ादी जो तुम भारत माँ का अपमान करो,
अभिव्यक्ति का ये कैसा रूप जो तुम देश की इज़्ज़त नीलाम करो!
अफज़ल को अगर शहीद कहते हो तो हनुमनथप्पा क्या कहलायेगा,
कोई इनके रहनुमाओं का मज़हब मुझको बतलायेगा!
अपनी माँ से जंग करके ये कैसी सत्ता पाओगे,
जिस देश के तुम गुण गाते हो, वहाँ बस काफिर कहलाओगे!
हम तो अफज़ल मारेंगे तुम अफज़ल फिर से पैदा कर लेना,
तुम जैसे नपुंसको पे भारी पड़ेगी ये भारत सेना!
तुम ललकारो और हम न आये ऐसे बुरे हालात नहीं
भारत को बर्बाद करो इतनी भी तुम्हारी औकात नहीं!
कलम पकड़ने वाले हाथों को बंदूक उठाना ना पड़ जाए,
अफज़ल के लिए लड़ने वाले कहीं हमारे हाथो न मर जाये!
भगत सिंह और आज़ाद की इस देश में कमी नहीं,
बस इक इंक़लाब होना चाहिए,
इस देश को बर्बाद करने वाली हर आवाज दबनी चाहिए!
ये देश तुम्हारा है ये देश हमारा है, हम सब इसका सम्मान करें,
जिस मिट्टी पे हैं जनम लिया उसपे हम अभिमान करें! जय हिंद ।
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