Saturday, February 6, 2016

बाहुबली बृजनाथी सिंह की हत्या से फिर सुर्खियों में राघोपुर


हाजीपुर (सं.सू.)। डेढ़ माह के अंदर राघोपुर एक बार फिर से सुर्खियों में है। एक पूर्व मुखिया के मौत के आक्रोश की आंच अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार को राघोपुर का इलाका एक बार फिर से सुलग उठा। राघोपुर क्षेत्र के दबंग और राजनीति में ऊंचा रसूख रखने वाले पूर्व मुखिया सह लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की अपराधियों ने कच्ची दरगाह में गोली मार कर हत्या कर दी। यह वहीं स्थान है जहां बीते वर्ष के अंतिम दिन 31 दिसंबर 2015 की रात सशस्त्र अपराधियों ने बहरामपुर के पूर्व मुखिया जयपाल राय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शुक्रवार की दोपहर पुन: यह स्थान चर्चा में आ गया। जैसे ही पूर्व मुखिया बृजनाथी सिंह अपनी स्कार्पियो से कच्ची दरगाह में बैंक के पास पहुंचे, पहले से घात लगाए अपराधियों ने उनकी गाड़ी पर अत्याधुनिक हथियार से अंधाधुंध फायरिंग कर दी। पूर्व मुखिया के साथ उनके छोटे भाई फतेहपुर पंचायत के पैक्स अध्यक्ष बद्री नारायण सिंह की पत्नी पूजा देवी, पत्नी वीरा देवी, भतीजा गोलू कुमार, राज रौशन आदि भी सवार थे। अपराधियों की गोली से गंभीर रूप से जख्मी पूर्व मुखिया की मौत चिरायु अस्पताल में हो गई। वहीं गोली लगने से जख्मी उनकी पत्नी और भाभो का इलाज एनएमसीएच में चल रहा है। घायल पूजा आंगनबाड़ी सेविका बताई गई है।

इधर लंबे समय से गैंगवार और वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चर्चा में रहे राघोपुर का दियारा इलाके में मुखिया की मौत के बाद मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं मुखिया के समर्थक व ग्रामीण काफी आक्रोश में है। मुखिया की हत्या के बाद लंबे समय से शांत चल रहे इस क्षेत्र में एक बार फिर से गैंगवार होने की आशंका से पुलिस-प्रशासन व आम लोग सकते में हैं। पुलिस भी पूरे मामले को देखते हुए काफी सतर्कता बरत रही है।

राघोपुर के फतेहपुर गांव निवासी रिटायर्ड फौजी चंद्रमोहन सिंह के पुत्र बृजनाथ सिंह भी कभी पुलिस विभाग में नौकरी किया करते थे। वर्ष 1988 में सुपौल जिला पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद मुखिया बृजनाथी को पुलिस की नौकरी रास नहीं आई और वर्ष 1989-90 वे पुलिस की नौकरी से भागकर राघोपुर आ गए। इसके लिए उन पर विभागीय कार्रवाई भी हुई। कोर्ट में केस भी चला लेकिन वर्ष 1997 में कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आया लेकिन वे वापस नौकरी में नहीं गए।

नब्बे के दशक में पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद मुखिया का मन राजनीति में लग गया। यह वह दौर था जब इस क्षेत्र में कई दिग्गज दबंग हुआ करते थे। इलाका गैंगवार और बेलगाम अपराध के लिए बदनाम था। मुखिया पर भी एक के बाद कई आपराधिक मामले दर्ज होते चले गए। बृजनाथी सिंह उस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा में आए जब वर्ष 2000 में बिदुपुर थाने के बाजितपुर में डीलर देवेंद्र राय की टाटा 407 गाड़ी से बाहर खींचकर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड में बृजनाथी सिंह का नाम आया था। इस घटना के बाद राघोपुर और बिदुपुर क्षेत्र में उपजे जबर्दस्त तनाव के बाद प्रशासनिक अधिकारियों को यहां शांति व्यवस्था बहाल करने में काफी मशक्कत ङोलनी पड़ी थी। तत्कालीन डीएम-एसपी ने कई दिनों तक यहां शांति समिति गठित कर उनके साथ बैठक की थी। राघोपुर के साथ-साथ पूरे जिले में बृजनाथी सिंह की तूती बोलती थी।

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