नई दिल्ली (सं.सू.)। पीएम मोदी और सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह सुहाग हनुमनथप्पा को देखने दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल पहुंचे। वह करीब दस मिनट तक उनके समीप रहे। पीएम ने कहा कि इस अभूतपूर्व सैनिक के साहस और धैर्य को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इस वीर सैनिक को बचाने का हरसंभव प्रयास किया जाए।
विदित हो कि सियाचिन में छह दिनों तक 35 फुट भारी बर्फ के नीचे दबे रहे लांसनायक हनुमनथप्पा कोप्पाड चमत्कारिक ढंग से मौत को मात देने में कामयाब रहे। उन्हें मंगलवार सुबह सियाचिन से दिल्ली के सैन्य अस्पताल लाया गया। हालांकि उनकी हालत अभी नाजुक बनी हुई है। उनके लिए अगले 48 घंटे बेहद अहम हैं। सैन्य अस्पताल ने मंगलवार को बुलेटिन जारी कर बताया कि सियाचिन में -40 डिग्री के तापमान में जिंदा रहे हनुमनथप्पा कोमा में हैं। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सियाचिन जैसे क्षेत्र के लिए बनी सैनिकों की अत्याधुनिक पोशाक की वजह से हनुमनथप्पा ठंड और चोटों से बचे रहे होंगे। संभवत: हनुमनथप्पा ने खुद को सिकोड़े रखकर कम से कम ऊर्जा खर्च की होगी। हिमस्खलन के बावजूद उनतक हवा पहुंचने का रास्ता बना रहा होगा।
हनुमनथप्पा को फिलहाल वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनके शरीर की कोई हड्डी नहीं टूटी है, लेकिन उन्हें निमोनिया है। किडनी स्थिर है और लिवर सही तरीके से काम नहीं कर रहा। सदमे की वजह से ब्लडप्रेशर बेहद कम हो गया है।
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