हाजीपुर (सं.सू.)। पूर्व मुखिया सह लोजपा नेता बृजनाथी सिंह हत्याकांड में अभी तक किसी हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में गुरुवार को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बैनर तले विरोध मार्च निकाला गया। मार्च में शामिल लोग न सिर्फ पूर्व मुखिया के हत्यारों की मांग कर रहे थे बल्कि पटना एसएसपी मनु महाराज पर आरोप भी लगा रहे थे।
हाजीपुर सदर प्रखंड से मार्च करते तथा सरकार व प्रशासन विरोधी नारा लगाते हुए प्रतिवाद मार्च हाजीपुर समाहरणालय परिसर पहुंची। यहां आयोजित नुक्कड़ सभा में वक्ताओं ने पूर्व मुखिया बृजनाथी सिंह की हत्या को राजनीतिक साजिश करार देते हुए पूरे मामले की सीबीआई जांच से मांग की। वक्ताओं ने पटना एसएसपी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध भी उच्च्चस्तरीय जांच की मांग की। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि पटना एसएसपी ने जानबूझ कर 30 अप्रैल 2014 को पटना में पूर्व मुखिया बृजनाथी सिंह की राइफल जब्त कर ली थी। न्यायालय से राइफल रिलीज होने के बावजूद एसएसपी ने पूर्व मुखिया को राइफल साथ लेकर चलने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इस मौके पर महनार के पूर्व विधायक डा. अच्युतानंद सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महागठबंधन की सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। एक पूर्व मुखिया को एके-47 से भून दिया जाता है। इसके पूर्व भी उसी जगह पर एक और पूर्व मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी जाती है। सूबे में लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है और राज्य सरकार सुशासन का दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि बृजनाथी सिंह की हाईप्रोफाइल हत्या राजनीतिक साजिश के तहत की गयी है। उन पर जितने भी आपराधिक मामले दर्ज हुए सभी राजद शासनकाल में ही हुए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में पूर्व मुखिया की पत्नी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व उसके बाद हुए उप चुनाव में राबड़ी देवी के विरोध में चुनाव लड़ा था। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुखिया के पुत्र ई. राकेश रौशन ने सूबे के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के विरुद्ध चुनावी मैदान में थे। डा. सिंह ने इस पूरे हत्याकांड में पटना एसएसपी की भूमिका की भी च्च्चस्तरीय जांच की मांग की।
प्रदर्शनकारी पूर्व मुखिया के हत्यारों की अविलंब गिरफ्तारी, सीबीआई से जांच की मांग के अलावे परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा, पर्याप्त सुरक्षा व सरकारी नौकरी देने की भी मांग कर रहे थे। विरोध मार्च में भाजपा नेता अजीत कुमार सिंह, समाजसेवी मुकेश कुमार सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, मंतोष कुमार सिंह, राजीव कुमार राठौर, चंद्रदीप नारायण सिंह, मनींद्रनाथ सिंह, राजीव कुमार राठौर, मृत्युंजय सिंह, विकेश कुमार, अभय कुमार, रामनाथ सिंह, शिवशंकर प्रसाद सिंह आदि हजारों लोग शामिल थे।
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