नई दिल्ली (सं.सू.)। आइएस की ओर से भारतीय नौजवानों को कथित तौर पर आकर्षित करने के प्रयासों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को देश के प्रमुख मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की और इस आतंकी समूह के मंसूबों को नाकाम करने में उनका सहयोग मांगा। इस एक घंटे की इस मुलाकात में मुस्लिम धर्मगुरुओं को आइएस की गतिविधियों और भारतीय नौजवानों को अपने जद में लेने के उसके प्रयासों के बारे में बताया गया।
गृहमंत्री ने इस मामले पर मुस्लिम धर्मगुरुओं से मदद मांगी और मुसलिम धर्मगुरुओं ने भी इस संदर्भ में सरकार की पूरी मदद का भरोसा दिया। इस मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
मुस्लिम धर्मगुरुओं और गृहमंत्री की मुलाकात के दौरान सोशल मीडिया के दुरुपयोग, नौजवानों को आकर्षित करने वाले प्रोत्साहनों के स्रोत, भारत के पड़ोस में आइएस का प्रभाव बढ़ने और कानून-व्यवस्था के स्तर से इस चुनौती का माकूल जवाब देने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय सचिव नियाज फारूकी, अजमेर शरीफ के मौलाना अब्दुल वहीद हुसैन चिश्ती, रफीक वारशिक, एमएम अंसारी, एमजे खान, शिया धर्मगुरु मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद, कमाल फारूकी, पीस फाउंडेशन आॅफ इंडिया के मुफ्ती एजाजÞ अरशद कासमी और अन्य मौजूद थे।
राजनाथ सिंह के साथ मुसलिम धर्मगुरुओं की मुलाकात के दौरान अल्पसंख्यकों के लिए कल्याणकारी योजनाओं, सोशल मीडिया को लेकर रणनीति की जरूरत पर जोर दिया गया। गृहमंत्री ने कहा कि भारत की परंपरा और पारिवारिक मूल्य आतंकवादी समूहों की इन साजिशों को विफल कर देंगे। हालांकि सभी मोर्चे’ से नजर रखने की जरुरत है।
मुलाकात में मौजूद रहे आॅल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारूकी ने कहा, ‘हमने गृह मंत्री के समक्ष कई मुद्दे उठाए। जिस तरह से गिरफ्तारियां हो रही हैं उससे लगता है कि भारत से बहुत बड़ी संख्या में लोग आइएस के साथ जुड़ गए हैं जबकि ऐसा नहीं हैं। हमने कहा कि एक भी व्यक्ति का इस संगठन से जुड़ना हमारे लिए तकलीफदेह हैं, लेकिन इसको लेकर बेकसूर लोगों को नहीं पकड़ा जाना चाहिए।’
फारूकी ने कहा, ‘मुस्लिम समाज अपने स्तर से आइएस के खतरे से निपटने के लिए प्रयास कर रहा है और सरकार को अपने स्तर से ठोस प्रयास करने होंगे। उसे भड़काऊ बयान देने वालों और माहौल खराब करने वालों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए।’ यह पहली बार है कि गृह मंत्री ने आइएस के मुद्दे पर मुसलिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की है। सिंह ने कुछ भारतीय नौजवानों के आइएस की ओर आकर्षित होने के बाद पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में बड़ी संख्या में लोग अधिकांश मुसलिम संगठन आइएस और दूसरे तरह के आतंकवाद के खिलाफ सामने आए हैं। भारतीय सुरक्षा एजंसियों के अनुसार कुल 23 भारतीय आइएस के साथ जुड़े हैं, जिनमें से छह लोगों के मारे जाने की खबर है।
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