Wednesday, March 23, 2016

अमेरिका भारत को देगा नाटो सदस्य जैसा दर्जा

वाशिंगटन (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो साल की लाजवाब अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति का असर दिखाई देने लगा है। हमारी बढ़ती हैसियत को समझते हुए अमेरिका ने ऐतिहासिक पहल की है। अमेरिकी संसद में बुधवार को भारत को नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगी जैसा दर्जा देने का प्रस्ताव पेश हुआ। प्रस्ताव पारित होने के बाद भारत को अत्याधुनिक अमेरिकी रक्षा उपकरणों की आपूर्ति, तकनीकी हस्तांतरण के साथ ही व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी।

सांसद जॉर्ज होल्डिंग व भारत समर्थक अन्य सांसदों ने अमेरिका-भारत रक्षा तकनीकी और सहयोग अधिनियम (एचआर 4825) में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया है। इसमें कहा गया है कि भारत को अमेरिका के साथ रक्षा मामलों में बराबर की हैसियत दी जानी चाहिए। उसके साथ रक्षा व व्यापार के मामलों में नाटो सदस्य और अमेरिका के सबसे करीबी सहयोगियों जैसा व्यवहार होना चाहिए। होल्डिंग ने कहा कि इस प्रस्ताव के पारित होने से भारत को नाटो सहयोगी का दर्जा मिल जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान देने के हाल के ओबामा सरकार के फैसले पर कटाक्ष भी किया। नाटो की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी। इसके गठन का मकसद था कि किसी सदस्य देश पर हमला होने पर संगठन के अन्य देश उसकी मदद करने को बाध्य होंगे।

अप्रैल महीने में भारत की यात्र पर आ रहे अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने इस विधेयक का स्वागत किया है। वह अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) की बैठक में भाग लेने भारत आ रहे हैं। उनके अनुसार यह प्रस्ताव भारत के रक्षा प्रतिष्ठान के लिए सकारात्मक संकेत है। यह दुनिया की बदली राजनीतिक स्थिति की ओर भी इशारा करता है। पिछले दस साल में रक्षा व्यापार 300 मिलियन डॉलर (दो हजार करोड़ रुपये) से बढ़कर 14 बिलियन डॉलर (93,500 करोड़ रुपये) हो गया है। पेश प्रस्ताव के पारित होने से यह सहयोग और बढ़ेगा।

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