भगवानपुर (सं.सू.)। सांसद आदर्श ग्राम बनने के बाद भी भगवानपुर प्रखंड की अकबर मलाही पंचायत का विकास नहीं हुआ। उक्त पंचायत को करीब डेढ़ वर्ष पूर्व हाजीपुर के सांसद सह केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिया था। 29 अक्टूबर 2014 को अकबर मलाही गांव में सांसद आदर्श ग्राम योजनाओं का शिलान्यास करते हुए केन्द्रीय मंत्री श्री पासवान ने कहा था कि नौ महीने में इस पंचायत का कायाकल्प कर दिया जाएगा। लेकिन करीब डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी कायाकल्प तो दूर गांव की सूरत भी नहीं बदली। आज भी इस पंचायत में लोगों को सड़क, पानी, शौचालय, उच्च विद्यालय का अभाव आदि समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। पंचायत के 90 प्रतिशत लोग खेती और मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। खेती में मुख्य रूप से धान, मक्का, गेहूं आदि की खेती होती है।
पंचायत के अकबर मलाही गांव में करीब एक सौ परिवार बढ़ई जाति के हैं जिनका मुख्य पेशा ताड़ के पेड़ की लकड़ी से छड़ी बनाना है। यहां की बनी छड़ियां आज लाखों बुजुर्गो का सहारा बनी हैं। लेकिन उन कारगरों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय है। पूंजी के अभाव में किसी तरह अपना धंधा कठिनाईयों के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। छड़ी कारीगर सुरेन्द्र शर्मा, कपिल देव शर्मा आदि कहना है कि सांसद सह मंत्री रामविलास पासवान ने जब इस गांव को गोद लेने की घोषणा की थी तब ऐसा लगा था कि गांव के लोगों के छड़ी कारीगरों की भी किस्मत चमकेगी। लेकिन डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव का विकास नही हो सका। छड़ी कारीगरों का कहना है कि उन्हें अबतक कोई सरकारी सहायता नही मिली। इधर ग्रामीण राजू दास, कुणाल कुमार गुप्ता, जयप्रकाश नकुल, आशुतोष कुमार दीपु, पैक्स अध्यक्ष मनोह साह का कहना है कि आदर्श पंचायत की घोषणा महज एक खानापूर्ति है। पंचायत का विकास सिर्फ कागज पर हुआ, धरातल पर नही।
मुखिया मुन्नी देवी कहती हैं कि सांसद आदर्श पंचायत घोषित होने के बावजूद पंचायत में कोई विकास कार्य नहीं हुआ। हाल ही में एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं मिनी वाटर सप्लाई केन्द्र का शिलान्यास किया गया है। उसके लिए भी जमीन ग्रामीणों ने ही दी है।
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