मुंबई (सं.सू.)। मुंबई में 26/11 हमलों के आरोपी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पर उसके बयान के कुछ हिस्से को गलत तरीके से रिकॉर्ड करने का आरोप लगाया है। हेडली का कहना है कि जो बयान उसने एनआईए को दिए थे उसे उसको पढ़कर नहीं सुनाया गया था। साथ ही उसने यह भी कहा कि इशरत के बारे में उसने एनआईए को कोई बयान नहीं दिया।
हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह करने का शनिवार को चौथा दिन है। डेविड हेडली ने उन आरोपों को खारिज किया है कि एनआईए ने मुझे इशरत का नाम लेने की सलाह नहीं दी थी। उन्होंने मुझसे जो सवाल किये, उसके मैंने जवाब दिए। वो भला मुझे इशरत का नाम लेने के लिए क्यों कहेंगे? मैंने तहव्वुर राणा के अमेरिका में ट्रायल के दौरान इशरत का नाम इसलिए नहीं लिया क्योंकि उन्होंने मुझसे इस बारे में सवाल नहीं किया। इससे पहले गुरुवार को जिरह के दौरान हेडली ने कहा था कि लश्कर ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को मारने की कोशिश करने के लिए दो बार शिवसेना भवन की रेकी की थी। नियामत शाह के भारत में हथियार स्मगल करने के सवाल पर हेडली ने बताया कि वह पूरी बातचीत में शामिल नहीं था. साजिद मीर ने उसे नियामत से मिलवाया था और उसकी यह मंशा बताई थी. मीर ने उसे लश्कर की ओर से नियामत को 8.5 लाख रुपये देने के लिए भी कहा था।
हेडली ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि उसके पिता की मौत के कुछ हफ्तों बाद तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी उसके घर आए थे। उसके पिता जब रिटायर हुए थे, तब वे रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक थे। उनका निधन 25 दिसंबर 2008 को हुआ था। हेडली ने कहा कि उसके पिता, भाई और कुछ अन्य परिजन पाकिस्तान सरकार से जुड़े हुए थे।
हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिरह करने का शनिवार को चौथा दिन है। डेविड हेडली ने उन आरोपों को खारिज किया है कि एनआईए ने मुझे इशरत का नाम लेने की सलाह नहीं दी थी। उन्होंने मुझसे जो सवाल किये, उसके मैंने जवाब दिए। वो भला मुझे इशरत का नाम लेने के लिए क्यों कहेंगे? मैंने तहव्वुर राणा के अमेरिका में ट्रायल के दौरान इशरत का नाम इसलिए नहीं लिया क्योंकि उन्होंने मुझसे इस बारे में सवाल नहीं किया। इससे पहले गुरुवार को जिरह के दौरान हेडली ने कहा था कि लश्कर ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को मारने की कोशिश करने के लिए दो बार शिवसेना भवन की रेकी की थी। नियामत शाह के भारत में हथियार स्मगल करने के सवाल पर हेडली ने बताया कि वह पूरी बातचीत में शामिल नहीं था. साजिद मीर ने उसे नियामत से मिलवाया था और उसकी यह मंशा बताई थी. मीर ने उसे लश्कर की ओर से नियामत को 8.5 लाख रुपये देने के लिए भी कहा था।
हेडली ने शुक्रवार को खुलासा किया था कि उसके पिता की मौत के कुछ हफ्तों बाद तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी उसके घर आए थे। उसके पिता जब रिटायर हुए थे, तब वे रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक थे। उनका निधन 25 दिसंबर 2008 को हुआ था। हेडली ने कहा कि उसके पिता, भाई और कुछ अन्य परिजन पाकिस्तान सरकार से जुड़े हुए थे।
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