Wednesday, March 23, 2016

ईडी ने वीरभद्र की आठ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की

नई दिल्ली (सं.सू.)। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की संपत्ति जब्त कर ली। इसके साथ उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में भी जांच चल रही है। इनकी जांच के दौरान ईडी ने वीरभद्र की लगभग आठ करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति जब्त की है।

इसके पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान वीरभद्र से जवाब तलब किया था। याचिका में कहा गया था कि हिमाचल हाई कोर्ट के एक आदेश की वजह से सीबीआई वीरभद्र से पूछताछ नहीं कर पा रही है। न ही उन्हें गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल कर पा रही है। जस्टिस प्रतिभा रानी की बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 4 अप्रैल की तारीख तय की है।

सीबीआई के वकील एडिशनल सॉलीसीटर जनरल (ASG) पीएस पटवालिया ने कोर्ट को बताया कि जांच एजेंसी हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से 1 अक्टूबर 2015 को जारी किए गए अंतरिम आदेश से राहत चाहती है। उन्होंने कहा, 'यह एप्लिकेशन अंतरिम आदेश पर रोक लगाने के लिए है। इसके लिए एक नोटिस इश्यू किया जा सकता है।'

वीरभद्र के खिलाफ सीबीआई की ओर सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं। ईडी की जांच में पता लगाया जाएगा कि वीरभद्र और उनके परिवार के सदस्यों ने 2009 और 2011 के बीच आखिर कैसे ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये कथित तौर पर जमा किए। इस अवधि के दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री थे।

सीबीआई वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बीमा एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सी।एल। चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत पहले ही केस दर्ज कर चुकी है। सीबीआई को शक है कि 2009-11 के दौरान वीरभद्र ने कथित तौर पर अपने और अपने परिवार के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एजेंट चौहान के जरिए 6.1 करोड़ रुपये निवेश किया था। उन्होंने इस धनराशि को कृषि से आमदनी बताया था।

जांच एजेंसी का आरोप है कि वीरभद्र ने 2012 में नया आयकर रिटर्न दाखिल कर इस धनराशि को कृषि आय के रूप में वैध बनाने की कोशिश की थी। एजेंसी ने कहा, 'नए आईटीआर में उनके बताए गए कृषि आय को उचित नहीं पाया गया। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अन्य संपत्तियां जमा की थी।' सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद वीरभद्र और उनके परिवार से संबंधित विभिन्न परिसरों की तलाशी भी ली थी।

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