पटना (सं.सू.)। गया में आदित्य हत्याकांड के बाद एक बार फिर से बिहार में 'सुशासन' सवालों के घेरे में है। राजद के साथ गठबंधन के बाद ही बीजेपी नीतीश पर सवाल उठा रही थी। हाल में घटित हुई अपराध की घटनाओं ने भी 'जंगलराज' की बात को साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
नीतीश सरकार एक नहीं सैकड़ों 'बिंदी' को संरक्षण दे रही है। एडीआर के अनुसार महागठबधंन में सबसे ज्यादा अपराधिक छवि वाले विधायक हैं। सरकार गठन के बाद से महागठबंधन के 10 से ज्यादा विधायकों पर इस तरह के आरोप लगे हैं। आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव पर एक नाबालिग लड़की को खरीदकर उसके साथ रेप का आरोप लगा था, वे जेल में बंद है।
सरकार बनने के बाद जेडीयू विधायक गोपाल मंडल पर डीएसपी को धमकी देने का आरोप लगा। बाद में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को गोली मारने की धमकी दी। आरजेडी विधायक सरोज यादव पर धमकी का मामला दर्ज। जेडीयू विधायक सरफराज आलम पर ट्रेन में महिला के छेड़खानी का आरोप। आरजेडी विधायक कुंती यादव के बेटे ने डॉक्टर के साथ मारपीट की।
जेडीयू विधायक राणा गंगेश्वर ने राष्ट्रगान को लेकर सवाल खड़ा किया। कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ पर लड़की को भगाने का आरोप लगा। आरजेडी एमएलए हरिशंकर यादव के बेटों पर पंचायत चुनाव के दौरान लोगों से मारपीट की। ऐसे कई विधायक हैं जिन पर संगीन आरोप लगे हैं।
ऐसे में आरजेडी विधायक के बजाय जेडीयू विधायकों के कारनामों ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है। एक के बाद एक जेडीयू विधायकों के कारनामों से नेता नीतीश कुमार भी चकित हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दागी विधायकों के मामले में महागठबंधन नंबर एक है। दल वार जिक्र करें तो 81 में 46 दागी विधायकों के साथ आरजेडी टॉप पर है। जबकि जेडीयू के 71 में से 37, भाजपा के 53 में से 34 और कांग्रेस के 27 में से 16 विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं। जबकि सीपीआईएम के जीतने वाले तीनों विधायक और रालोसपा और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
ये जानकर भी हैरानी होगी कि निर्वाचित विधायकों में से 12 विधायकों पर हत्या, 26 विधायकों पर हत्या का प्रयास, 9 विधायकों पर अपहरण और 13 विधायकों पर रंगदारी मांगने के गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं।
मिसाल के तौर पर वारसलीगंज विधायक प्रदीप कुमार के खिलाफ 27 मामले दर्ज हैं जिसमें 18 गंभीर आपराधिक मामले हैं। मधुबन विधायक शिवजी राय के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं जिसमें आठ गंभीर मामले हैं। मटिहानी विधायक नरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कुल 15 मामले दर्ज हैं जिसमें 13 गंभीर और आपराधिक मामले हैं। कुचायकोट विधायक अमरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं। एकमा विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह के खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं जिसमें 6 गंभीर आपराधिक मामले हैं।
इसके अलावा नीतीश कुमार ने कुख्यात अपराधी और बाहुबलियों की पत्नियों को भी टिकट दे रखा है। आधे दर्जन से ज्यादा कुख्यात अपराध कर्मियों की पत्नी आज की तारीख में जदयू विधायक हैं। जाहिर तौर पर पत्नी के विधायक होने का लाभ अपराधी और बाहुबली ही उठाते हैं।
नीतीश सरकार एक नहीं सैकड़ों 'बिंदी' को संरक्षण दे रही है। एडीआर के अनुसार महागठबधंन में सबसे ज्यादा अपराधिक छवि वाले विधायक हैं। सरकार गठन के बाद से महागठबंधन के 10 से ज्यादा विधायकों पर इस तरह के आरोप लगे हैं। आरजेडी विधायक राजबल्लभ यादव पर एक नाबालिग लड़की को खरीदकर उसके साथ रेप का आरोप लगा था, वे जेल में बंद है।
सरकार बनने के बाद जेडीयू विधायक गोपाल मंडल पर डीएसपी को धमकी देने का आरोप लगा। बाद में उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को गोली मारने की धमकी दी। आरजेडी विधायक सरोज यादव पर धमकी का मामला दर्ज। जेडीयू विधायक सरफराज आलम पर ट्रेन में महिला के छेड़खानी का आरोप। आरजेडी विधायक कुंती यादव के बेटे ने डॉक्टर के साथ मारपीट की।
जेडीयू विधायक राणा गंगेश्वर ने राष्ट्रगान को लेकर सवाल खड़ा किया। कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ पर लड़की को भगाने का आरोप लगा। आरजेडी एमएलए हरिशंकर यादव के बेटों पर पंचायत चुनाव के दौरान लोगों से मारपीट की। ऐसे कई विधायक हैं जिन पर संगीन आरोप लगे हैं।
ऐसे में आरजेडी विधायक के बजाय जेडीयू विधायकों के कारनामों ने सरकार की छवि को धूमिल करने का काम किया है। एक के बाद एक जेडीयू विधायकों के कारनामों से नेता नीतीश कुमार भी चकित हैं।
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक दागी विधायकों के मामले में महागठबंधन नंबर एक है। दल वार जिक्र करें तो 81 में 46 दागी विधायकों के साथ आरजेडी टॉप पर है। जबकि जेडीयू के 71 में से 37, भाजपा के 53 में से 34 और कांग्रेस के 27 में से 16 विधायक आपराधिक रिकॉर्ड वाले हैं। जबकि सीपीआईएम के जीतने वाले तीनों विधायक और रालोसपा और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है।
ये जानकर भी हैरानी होगी कि निर्वाचित विधायकों में से 12 विधायकों पर हत्या, 26 विधायकों पर हत्या का प्रयास, 9 विधायकों पर अपहरण और 13 विधायकों पर रंगदारी मांगने के गंभीर आरोपों में मामले दर्ज हैं।
मिसाल के तौर पर वारसलीगंज विधायक प्रदीप कुमार के खिलाफ 27 मामले दर्ज हैं जिसमें 18 गंभीर आपराधिक मामले हैं। मधुबन विधायक शिवजी राय के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं जिसमें आठ गंभीर मामले हैं। मटिहानी विधायक नरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कुल 15 मामले दर्ज हैं जिसमें 13 गंभीर और आपराधिक मामले हैं। कुचायकोट विधायक अमरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ कुल 11 मामले दर्ज हैं। एकमा विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह के खिलाफ कुल 18 मामले दर्ज हैं जिसमें 6 गंभीर आपराधिक मामले हैं।
इसके अलावा नीतीश कुमार ने कुख्यात अपराधी और बाहुबलियों की पत्नियों को भी टिकट दे रखा है। आधे दर्जन से ज्यादा कुख्यात अपराध कर्मियों की पत्नी आज की तारीख में जदयू विधायक हैं। जाहिर तौर पर पत्नी के विधायक होने का लाभ अपराधी और बाहुबली ही उठाते हैं।
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