नई दिल्ली (सं.सू.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के दो साल पूरा करने पर दिए इंटरव्यू में कहा है कि भारत सबका भला चाहता है लेकिन आतंकवाद से कोई समझौता नहीं कर सकता। पड़ोसी देशों से संबंध को लेकर सवाल पूछे जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि वे चाहते हैं कि पड़ोसियों से उनके संबंध अच्छे रहे और इसके लिए उन्होंने कदम भी उठाए।
अंग्रेजी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत हमेशा से ही दक्षिण एशिया में बेहतर माहौल का पक्षधर रहा है। साथ ही पाकिस्तान से हमेशा बेहतर रिश्तों का पक्षधर रहा है। पड़ोसी देश के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए ही मैं लाहौर गया। दिए गए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता और हमें करना भी नहीं चाहिए।
मोदी ने कहा कि संबंध अच्छे रखने के लिए मैंने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया था। उन्होंने कहा कि जो भला मैं भारत का चाहता हूं वही भला मैं पड़ोसी देशों का भी चाहता हूं। पीएम ने कहा कि दुनिया में जहां जहां आतंकवाद है वहां उसके खिलाफ भारत खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली थी। मैंने उसे सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। हमारी विदेश नीति को नयी दिशा मिली है। आज भारत विश्वमंच में कोने में खड़ा नहीं है, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं सरकार में आया, तो मैं विशेषज्ञों के साथ बैठा और उनसे बडे सुधार यानी बिग बैंग को परिभाषित करने को कहा, लेकिन कोई मुझे इसके बारे में नहीं बता पाया।' लेकिन इसके साथ ही मोदी ने जोडा अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने हिंदी में कहा, ‘‘मेरे सामने अभी काफी बडा काम पड़ा है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने और अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोला, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बदलाव किए, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में कमी को पाटा और कारोबार करने की स्थिति को सुगम किया। मोदी ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया। मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी विकासशील देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आप अचानक से सरकारी क्षेत्र को समाप्त नहीं कर सकते, न ही आपको ऐसा करना चाहिए।'
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को न केवल आयात को कम करना चाहिए बल्कि रोजगार का भी सृजन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक रक्षा क्षेत्र का सवाल है, निश्चित रूप से भारत रक्षा विनिर्माण में आगे बढना चाहता है, क्योंकि इस मामले में आयात पर हमारी निर्भरता अधिक है।' मोदी ने कहा, ‘‘यदि हम आर्थिक दृष्टि से सोचें, अपने देश की युवा आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में सोचें, तो रक्षा विनिर्माण क्षेत्र मेरे देश के युवाओं को अधिकतम नौकरियां उपलब्ध करा सकता है। इसके लिए मैं काफी दिनों से कडी मेहनत कर रहा हूं। मैं अन्य देशों से भी बातचीत करुंगा।
अपनी अमेरिका की अगले महीने की यात्रा तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा से संबंधों पर मोदी ने कहा, ‘‘हमारे बीच ऐसी दोस्ती हो गई है जिससे हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि दो साल में सरकार ने अर्थव्यस्था को इतनी रफ्तार दी है कि यह दुनिया की सबसे तेज उभरने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। उन्होंने दो साल में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को रोकने और ग्रामीण इनफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए हैं। इससे देश में बिजनेस करना आसान हुआ है। उन्होंने कहा, 'वास्तव में मैंने ज्यादा से ज्यादा बदलाव किए हैं। मेरे पास खुद के लिए और भी कई जरूरी काम हैं।'
अगले महीने वाशिंगटन के दौरे पर जाने वाले पीएम मोदी वहां इस बात का संदेश देंगे कि दुनिया की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर नए चैलेंज के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। इस दौरे पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात करेंगे और अमेरिकी कांग्रेस के एक साझा सत्र को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत ने विकास किया है। अब वह पहले की तरह एक कोने में खड़ा रहने वाला देश नहीं है।'
भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की केंद्र सरकार की कोशिशें पूरी हो चुकी हैं। राज्य सरकारें चाहें तो अपने-अपने हिसाब से इसमें बदलाव कर सकती हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने संसद में बिल पास कराने की पूरी कोशिश की लेकिन राज्यसभा में विरोध के चलते बिल अटक गया।
अंग्रेजी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत हमेशा से ही दक्षिण एशिया में बेहतर माहौल का पक्षधर रहा है। साथ ही पाकिस्तान से हमेशा बेहतर रिश्तों का पक्षधर रहा है। पड़ोसी देश के साथ बेहतर संबंध बनाने के लिए ही मैं लाहौर गया। दिए गए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता और हमें करना भी नहीं चाहिए।
मोदी ने कहा कि संबंध अच्छे रखने के लिए मैंने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के सभी राष्ट्राध्यक्षों को बुलाया था। उन्होंने कहा कि जो भला मैं भारत का चाहता हूं वही भला मैं पड़ोसी देशों का भी चाहता हूं। पीएम ने कहा कि दुनिया में जहां जहां आतंकवाद है वहां उसके खिलाफ भारत खड़ा है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली थी। मैंने उसे सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम पड़ोसियों के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं। हमारी विदेश नीति को नयी दिशा मिली है। आज भारत विश्वमंच में कोने में खड़ा नहीं है, बल्कि मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं सरकार में आया, तो मैं विशेषज्ञों के साथ बैठा और उनसे बडे सुधार यानी बिग बैंग को परिभाषित करने को कहा, लेकिन कोई मुझे इसके बारे में नहीं बता पाया।' लेकिन इसके साथ ही मोदी ने जोडा अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने हिंदी में कहा, ‘‘मेरे सामने अभी काफी बडा काम पड़ा है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने और अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेश के लिए खोला, भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए बदलाव किए, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में कमी को पाटा और कारोबार करने की स्थिति को सुगम किया। मोदी ने देश में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के महत्व को भी रेखांकित किया। मोदी ने कहा, ‘‘किसी भी विकासशील देश में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आप अचानक से सरकारी क्षेत्र को समाप्त नहीं कर सकते, न ही आपको ऐसा करना चाहिए।'
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को न केवल आयात को कम करना चाहिए बल्कि रोजगार का भी सृजन करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक रक्षा क्षेत्र का सवाल है, निश्चित रूप से भारत रक्षा विनिर्माण में आगे बढना चाहता है, क्योंकि इस मामले में आयात पर हमारी निर्भरता अधिक है।' मोदी ने कहा, ‘‘यदि हम आर्थिक दृष्टि से सोचें, अपने देश की युवा आबादी को रोजगार उपलब्ध कराने के बारे में सोचें, तो रक्षा विनिर्माण क्षेत्र मेरे देश के युवाओं को अधिकतम नौकरियां उपलब्ध करा सकता है। इसके लिए मैं काफी दिनों से कडी मेहनत कर रहा हूं। मैं अन्य देशों से भी बातचीत करुंगा।
अपनी अमेरिका की अगले महीने की यात्रा तथा राष्ट्रपति बराक ओबामा से संबंधों पर मोदी ने कहा, ‘‘हमारे बीच ऐसी दोस्ती हो गई है जिससे हम एक-दूसरे से खुलकर बात कर सकते हैं।'
उन्होंने कहा कि दो साल में सरकार ने अर्थव्यस्था को इतनी रफ्तार दी है कि यह दुनिया की सबसे तेज उभरने वाली अर्थव्यवस्था बन गई है। उन्होंने दो साल में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने, भ्रष्टाचार को रोकने और ग्रामीण इनफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए हैं। इससे देश में बिजनेस करना आसान हुआ है। उन्होंने कहा, 'वास्तव में मैंने ज्यादा से ज्यादा बदलाव किए हैं। मेरे पास खुद के लिए और भी कई जरूरी काम हैं।'
अगले महीने वाशिंगटन के दौरे पर जाने वाले पीएम मोदी वहां इस बात का संदेश देंगे कि दुनिया की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर नए चैलेंज के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। इस दौरे पर वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी मुलाकात करेंगे और अमेरिकी कांग्रेस के एक साझा सत्र को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत ने विकास किया है। अब वह पहले की तरह एक कोने में खड़ा रहने वाला देश नहीं है।'
भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन की केंद्र सरकार की कोशिशें पूरी हो चुकी हैं। राज्य सरकारें चाहें तो अपने-अपने हिसाब से इसमें बदलाव कर सकती हैं। बता दें कि मोदी सरकार ने संसद में बिल पास कराने की पूरी कोशिश की लेकिन राज्यसभा में विरोध के चलते बिल अटक गया।
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