Thursday, May 19, 2016

पंजाबी ट्रक ड्राइवर की बेटी है एमएलसी मनोरमा

गया (सं.सू.)। बिहार की एमएलसी मनोरमा यादव का नाम इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। मनोरमा देवी के बेटे रॉकी ने रोडरेज के दौरान एक हत्या कर दी। उसके बाद से ही मनोरमा के पति बिन्दी यादव, बेटा रॉकी यादव जेल में थे। हाल ही में मनोरमा ने भी अदालत में सरेंडर कर दिया। पुलिस चाहकर भी मनोरमा को नहीं पकड़ सकी। मनोरमा देवी अपने दबंग पति के हर बुरे काम में उसके साथ रही। वो खुद भी बिहार की बाहुबली नेता मानी जाती हैं।

मनोरमा देवी का जन्म 1970 में हुआ था। मूल रूप से पंजाब की रहने वाली मनोरमा के पिता हजारा सिंह एक ट्रक ड्राईवर थे। वो अक्सर जीटी रोड से आया जाया करते थे। उसी दौरान वह बाराचट्टी के काहूदाग के पास एक ढाबे पर रूका करते थे। उसी ढाबे वाली की बेटी थी कबूतरी देवी। जिससे हजारा सिंह ने शादी कर ली। और फिर वहीं जमीन खरीद कर बस भी गए। उन्हीं दोनों की बेटी है मनोरमा देवी। मनोरमा ने कन्या हाई स्कूल बाराचट्टी से मैट्रीक और सोभ कालेज से इंटर की परीक्षा पास की। मनोरमा की तीन बहनें और एक भाई है।

मनोरमा देवी की शादी 1989 में देवघर के बिंदी यादव से हुई। बिन्दी यादव उस जमाने में इतना कुख्यात तो नही था लेकिन छोटी मोटी ठेकेदारी करता था। वो भी अक्सर बाराचट्टी के काहूदाग वाले ढाबे पर आया जाया करता था। मनोरमा से बिन्दी यादव की यह दूसरी शादी थी। हालांकि मनोरमा इस शादी के लिए तैयार नहीं थी। कहा जाता है कि बिन्दी यादव ने जबरन मनोरमा से शादी की थी। मगर इस बात की पुष्टी बहुत कम लोग करते हैं। लेकिन इतना तो तय है कि मनोरमा और बिन्दी यादव के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे।

मनोरमा देवी अब मनोरमा यादव बन चुकी थीं। मनोरमा से शादी करने के बाद बिन्दी यादव की किस्मत चमकने लगी। 1990 में बिहार में लालू राज कायम हो गया। बिन्दी यादव ने अपनी धाक जमानी शुरू कर दी। देखते-देखते बिन्दी यादव और मनोरमा आसमान छूने लगे। बिन्दी यादव उस जमाने में आतंक का दूसरा नाम बन गया था। अब वह इलाके का बड़ा ठेकेदार बन गया था। उनके घर पर पैसों की बरसात होने लगी थी। साधारण परिवार का बिन्दी यादव और मनोरमा यादव ऐसे परिवार से आते थे, जहां मुश्किल से एक वक्त का खाना नसीब होता था। लेकिन अब वह परिवार समृद्धि की उंचाईयों पर पहुंच गया था।

मनोरमा के पति बिन्दी यादव पर हत्या और अपरहण के दर्जनों केस दर्ज हुए लेकिन उसके खिलाफ पहला मामला साईकिल चोरी का दर्ज हुआ था। मनोरमा का परिवार का शुरू से ही आरजेडी से जुडा रहा। लालू प्रसाद यादव उनके आदर्श रहे हैं। 2001 में बिन्दी यादव जिला परिषद का अध्यक्ष था। मनोरमा यादव 2001 में मोहनपुर ब्लॉक की प्रमुख बनी थीं। मनोरमा यादव ब्लॉक प्रमुख रहते हुए 2003 से 2009 तक आरजेडी की टिकट पर एमएलसी रही। 2005 में निर्दलीय और 2010 में आरजेडी के टिकट पर बिन्दी यादव ने विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन दोनों बार उसे पराजय का सामना करना पड़ा।

मनोरमा यादव स्वाभाव से एक दबंग महिला हैं। बिन्दी यादव अपराध और हथियार के बल पर दबंग बना लेकिन कभी उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह अपनी पत्नी मनोरमा के सामने ऊंची आवाज में बात कर सके। भले ही मनोरमा का परिवार पाप के कमाए पैसे से चल रहा था। लेकिन विधान परिषद में मनोरमा को उनके सहयोगी व्यवहार कुशल मानते रहे हैं। इसी साल महिला दिवस के अवसर पर मनोरमा यादव ने महिला सशक्तिकरण पर भाषण भी दिया था।

रोडरेज के मामले में फंसे बेटे रॉकी को बचाने के लिए मां ने पुरजोर कोशिश की लेकिन वह रॉकी को नहीं बचा सकी। मनोरमा का पूरा परिवार जेल में हैं। लेकिन मनोरमा यादव पर पति और बेटे की तरह हत्या करने या साक्ष्य छुपाने का आरोप नहीं है। उन पर अपने घर में शराब रखने का आरोप है। मनोरमा यादव ने सरेंडर करने के बाद इस पूरे प्रकरण को राजनैतिक साजिश बताया।

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