नई दिल्ली (सं.सू.)। पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों के चीफ हैंडलर को 6 साल पहले यूपीए सरकार ने रिहा कर दिया था। शाहिद लतीफ को पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की पहल के तहत रिहा किया गया था। 1999 में कंधार प्लेन हाईजैकिंग केस के वक्त भी आतंकियों ने लतीफ की रिहाई की मांग रखी थी। लेकिन तब वे कामयाब नहीं हो सके थे। उस वक्त जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को रिहा किया गया था।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, लतीफ को 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के वक्त रिहा किया गया था। उसकी रिहाई का मकसद पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश करना था। लेकिन इसी लतीफ ने पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों के चीफ हैंडलर का रोल प्ले किया। 47 साल का लतीफ 11 साल तक भारत की जेल में रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, लतीफ के साथ 25 और आतंकियों को रिहा किया गया था। ये सभी लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे। इन्हें 28 मई 2010 को जम्मू, श्रीनगर, आगरा, वाराणसी, नैनी और तिहाड़ जेलों से रिहा किया गया था। रिहाई के बाद इन सभी को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था। लतीफ उसी जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी है, जिसने 1999 में इंडियन एयरलाइन्स के प्लेन को हाईजैक किया था। उस दौरान भी जैश ने लतीफ और उसके 31 साथियों की रिहाई की शर्त वाजपेयी सरकार के सामने रखी थी, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया था। लतीफ भारत में जैश का मेन हैंडलर माना जाता है।
मनमोहन सरकार की कोशिश ये थी कि आतंकवाद के आरोपों में जो पाकिस्तानी भारतीय जेलों में बंद हैं, उन्हें रिहा करने के बाद पाकिस्तान से संबंध सुधर सकेंगे। ये भी उम्मीद थी कि इससे आतंकवाद को खत्म कर बातचीत का माहौल बनाया जा सकेगा। लतीफ को पहले जम्मू-श्रीगनर की जेलों में रखा गया था। लेकिन सरकार को जब इस बात की भनक लगी कि लतीफ के साथी उसे रिहा कराने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं, तो उसे वाराणसी की जेल में शिफ्ट कर दिया गया। लतीफ अमीनाबाद का रहने वाला है जो पाकिस्तान के गुजरांवाला जिले में है। उसे जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर का सबसे करीबी माना जाता है। पठानकोट हमले की जांच कर रही एनआईए के मुताबिक, एयरबेस पर हमला करने वाले चारों आतंकी लतीफ से ही ऑर्डर ले रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, लतीफ ने ही इन लोगों को हथियार, जूते और कपड़े मुहैया कराए थे। एनआईए ने तीन दिन पहले एयरबेस पर हमला करने वाले चारों आतंकियों के फैमिली मेंबर्स और लतीफ का डीएनए सैम्पल मांगा है। लतीफ के अलावा, काशिफ जान और अब्दुल रउफ को भी एनआईए पठानकोट पर हमले की साजिश रचने वाला मानती है।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, लतीफ को 2010 में मनमोहन सिंह सरकार के वक्त रिहा किया गया था। उसकी रिहाई का मकसद पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश करना था। लेकिन इसी लतीफ ने पठानकोट एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों के चीफ हैंडलर का रोल प्ले किया। 47 साल का लतीफ 11 साल तक भारत की जेल में रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, लतीफ के साथ 25 और आतंकियों को रिहा किया गया था। ये सभी लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी थे। इन्हें 28 मई 2010 को जम्मू, श्रीनगर, आगरा, वाराणसी, नैनी और तिहाड़ जेलों से रिहा किया गया था। रिहाई के बाद इन सभी को वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया था। लतीफ उसी जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी है, जिसने 1999 में इंडियन एयरलाइन्स के प्लेन को हाईजैक किया था। उस दौरान भी जैश ने लतीफ और उसके 31 साथियों की रिहाई की शर्त वाजपेयी सरकार के सामने रखी थी, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया था। लतीफ भारत में जैश का मेन हैंडलर माना जाता है।
मनमोहन सरकार की कोशिश ये थी कि आतंकवाद के आरोपों में जो पाकिस्तानी भारतीय जेलों में बंद हैं, उन्हें रिहा करने के बाद पाकिस्तान से संबंध सुधर सकेंगे। ये भी उम्मीद थी कि इससे आतंकवाद को खत्म कर बातचीत का माहौल बनाया जा सकेगा। लतीफ को पहले जम्मू-श्रीगनर की जेलों में रखा गया था। लेकिन सरकार को जब इस बात की भनक लगी कि लतीफ के साथी उसे रिहा कराने के लिए कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं, तो उसे वाराणसी की जेल में शिफ्ट कर दिया गया। लतीफ अमीनाबाद का रहने वाला है जो पाकिस्तान के गुजरांवाला जिले में है। उसे जैश चीफ मौलाना मसूद अजहर का सबसे करीबी माना जाता है। पठानकोट हमले की जांच कर रही एनआईए के मुताबिक, एयरबेस पर हमला करने वाले चारों आतंकी लतीफ से ही ऑर्डर ले रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक, लतीफ ने ही इन लोगों को हथियार, जूते और कपड़े मुहैया कराए थे। एनआईए ने तीन दिन पहले एयरबेस पर हमला करने वाले चारों आतंकियों के फैमिली मेंबर्स और लतीफ का डीएनए सैम्पल मांगा है। लतीफ के अलावा, काशिफ जान और अब्दुल रउफ को भी एनआईए पठानकोट पर हमले की साजिश रचने वाला मानती है।
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